राजस्थान के जयपुर में एक दलित युवक की बारात पर पथराव के आरोप में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ़्तार किया है. लोगों के मुताबिक, पथराव उस समय हुआ जब दलित दूल्हा घोड़ी पर सवार होकर अपनी बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंचा था.
75 पुलिसवालों की तैनाती के बावजूद दलित दूल्हे की बारात पर पथराव
मामला जयपुर का है, 10 आरोपी गिरफ्तार.
पूरा मामला क्या है?
मामला जयपुर जिले के पावटा के कैरोड़ी गांव का है. आरोप है कि पुलिस की मौजूदगी आरोपियों ने पथराव किया. लोगों का कहना है कि ये पथराव करीब 15 मिनट तक चला. इससे अफरा-तफरी मच गई. एक दर्जन बाराती घायल हो गए. दुल्हन के पिता हरिपाल बलई का कहना है कि उन्होंने 15 नवंबर को लिखित में शिकायत देकर सुरक्षा मांगी थी. पुलिस को बताया था कि बेटी की शादी है. इसके अलावा 28 नवंबर को होने वाली शादी के लिए भी सुरक्षा मांगी थी. पुलिस ने सुरक्षा के लिए पुलिसबल तैनात किया था.
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान दुल्हन के पिता ने कहा,
हमारे गांव में दलित दूल्हे का घोड़ी पर चढ़कर आना कोई आम बात नहीं है. मैं भेदभाव की इस परंपरा को तोड़ना चाहता था. मेरी बेटी और बेटे दोनों की शादी इसी महीने हो रही है. हमारे गांव में राजपूत समुदाय के लोग अक्सर कहते हैं कि वे हमें घोड़ी की सवारी नहीं करने देंगे. मुझे संदेह था कि विरोध हो सकता है इसलिए मैंने सुरक्षा के लिए पुलिस और जिला प्रशासन के पास आवेदन जमा कर दिया था. पुलिस अधिकारी और स्थानीय राजनेता गुरुवार 25 नवंबर की सुबह मिलने भी आए थे और आश्वासन दिया था कि कोई अप्रिय घटना नहीं होगी, पर जब मेरे दामाद घोड़ी पर सवार होकर हमारे घर के गेट पर पहुंचे तो पुलिस कर्मियों की मौजूदगी के बावजूद पथराव किया गया. हमारे परिवार के लगभग 10-15 लोग चपेट में आ गए. मेरे भतीजे को टांके तक लगाने पड़े. पथराव करने वाले राजपूत समुदाय से हैं और ज्यादातर पड़ोसी हैं.
हरिपाल बलई का आरोप है कि उनके दामाद और बारात पर इसलिए पथराव हुआ, क्योंकि ये लोग दलितों को घोड़ी पर चढ़कर बारात लाता नहीं देख सकते.
उधर, इस मामले में कोटपुतली के सर्कल ऑफिसर दिनेश कुमार यादव ने बताया,
हमने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है जो राजपूत समुदाय से हैं. हमने मौके पर 75 पुलिसकर्मियों को तैनात किया था. हमला अचानक हुआ और केवल कुछ सेकंड तक चला. हमलावरों ने झाड़ियों और पेड़ों के पीछे से हमला किया और इसमें तीन लोग घायल हो गए. परिवार ने 18 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है. गिरफ्तार किए गए 10 लोगों में से छह ऐसे हैं जिनका नाम लिया गया था, जबकि अन्य की संलिप्तता हमारी जांच में सामने आई.
उन्होंने कहा कि एससी/एसटी एक्ट के अलावा IPC की धारा 323 यानी स्वेच्छा से चोट पहुंचाने और 341 गलत तरीके से रोक लगाने के तहत FIR दर्ज की गई है. पुलिस ने घटना को लेकर तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की. जयपुर ग्रामीण SP मनीष अग्रवाल ने बताया कि तीन पुलिस अधिकारियों - ASP कोटपुतली, CO कोटपुतली और SHO प्रागपुरा पुलिस को अगले आदेश तक होल्ड पर रखा गया है.