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शहीद अग्निवीर के परिवार को कुछ नहीं मिलता? राहुल गांधी के इस दावे का सच जान लीजिए

Rahul Gandhi ने संसद में अग्निवीर (Agniveer) का मुद्दा उठाया. दावा किया कि सरकार जान गंवाने वाले अग्निवीरों को शहीद नहीं कहती. शहीद अग्निवीरों के परिवार को मुआवजा (Compensation) न मिलने की बात भी उन्होंने कही. राहुल की इस बात का सरकार की तरफ से तीखा विरोध हुआ. आखिर सच क्या है? क्या Martyr Agniveer के परिवार को पैसा मिलता है या नहीं? और अगर मिलता है तो कितना?

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इस मामले पर इंडियन आर्मी का क्या कहना है | प्रतीकात्मक फोटो: आजतक

Indian Army की Agniveer Policy (अग्निवीर योजना) को लेकर सोमवार, 1 जुलाई को फिर बवाल मचा. ये बवाल हुआ कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi Loksabha Speech) के एक बयान पर. राहुल गांधी राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात रख रहे थे. इस दौरान वो अग्निवीर योजना पर टिप्पणी करते हुए बोले- ‘बारूदी सुरंग के एक विस्फोट में एक अग्निवीर की जान चली गई, लेकिन उसे शहीद नहीं कहा जाता. मैं उन्हें शहीद कहता हूं, लेकिन भारत सरकार उन्हें शहीद नहीं कहती. पीएम मोदी उन्हें शहीद नहीं, अग्निवीर कहते हैं. उनके परिवार को पेंशन नहीं मिलेगी. उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा, अग्निवीर एक मजदूर की तरह यूज एंड थ्रो हैं.’ राहुल गांधी की इस बात पर तुरंत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपना विरोध जताया. उन्होंने सदन को बताया- 'मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि युद्ध के दौरान या सीमाओं की सुरक्षा के दौरान अगर हमारा कोई जवान (अग्निवीर) शहीद होता है तो उसके परिवार को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाता है.' आज इस खबर में हम यही जानेंगे कि अगर कोई अग्निवीर शहीद हो जाता है तो उसे मुआवजा मिलता है या नहीं, और अगर मिलता है तो कितना मिलता है?

इस मामले पर हमने इंडियन आर्मी की वेबसाइट (https://www.joinindiannavy.gov.in/) को देखा. इस पर अग्निवीर के शहीद होने पर उन्हें मिलने वाले मुआवजे के बारे में बताया गया है. इसमें ऑन ड्यूटी शहीद होने, ड्यूटी पर न रहते मौत होने और अग्निवीर के विकलांग होने पर मिलने वाली रकम का ब्यौरा दिया गया है.

ऑन ड्यूटी जान जाने पर कितना पैसा मिलेगा?

आर्मी की वेबसाइट पर लिखा है कि अगर अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिवार को 48 लाख रुपए का बीमा कवर, 44 लाख रुपए की अनुग्रह राशि, चार साल के कार्यकाल में बचे समय का पूर्ण वेतन और सेवा निधि मिलेगी. इसके अलावा सेवा निधि कोष में जमा राशि और अग्निवीर कॉर्पस फंड से ब्याज सहित सरकारी योगदान भी दिया जाएगा.

अग्निवीर ड्यूटी पर नहीं, तो क्या मिलेगा?

इस बारे में इंडियन आर्मी की वेबसाइट पर बताया गया है कि अगर अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान मृत्यु नहीं होती है, तो उन्हें 48 लाख रुपए का बीमा कवर और सेवा निधि कोष में जमा राशि और अग्निवीर कॉर्पस फंड से ब्याज सहित सरकारी योगदान मिलेगा.

ड्यूटी के दौरान विकलांग होने पर क्या होगा?

आर्मी की वेबसाइट के मुताबिक अगर अग्निवीर, ड्यूटी के कारण विकलांग हो जाते हैं, तो उन्हें विकलांगता के स्तर 100%, 75% या 50% के आधार पर क्रमशः 44 लाख रुपए, 25 लाख रुपए या 15 लाख रुपए की अनुग्रह राशि मिलेगी. साथ ही विकलांग होने के बाद नौकरी के लिए बचे समय का पूर्ण वेतन और सेवा निधि दी जाएगी. इसके अलावा सेवा निधि कोष में जमा राशि ब्याज सहित और अग्निवीर कॉर्पस फंड से सरकारी योगदान भी दिया जाएगा.

आर्मी ने दिया था लोगों को जवाब

अक्टूबर 2023 की बात है. लद्दाख के सियाचिन में तैनात भारतीय सेना के जवान अक्षय लक्ष्मण गवाटे ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे. सियाचिन में ड्यूटी के दौरान एक उनकी मृत्यु हुई थी. गवाटे शहीद होने वाले पहले अग्निवीर थे. तब कई लोगों ने शहीद अक्षय गवाटे के परिवार को मिलने वाली रकम को लेकर सवाल पूछे थे. कुछ ने दावा किया था कि परिवार को कुछ नहीं मिलेगा.

तब शहीद अक्षय गवाटे के परिजनों को मिलने वाले मुआवजे को लेकर आर्मी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट किया था. इस पोस्ट में लिखा था,

'अग्निवीर (ऑपरेटर) अक्षय लक्ष्मण गवाटे ने सियाचिन में कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. दुख की इस घड़ी में भारतीय सेना शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है. मृतक के परिजनों को वित्तीय सहायता के संबंध में सोशल मीडिया पर परस्पर विरोधी संदेशों को देखते हुए, यह स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है कि परिजनों को मिलने वाली धनराशि सैनिक की सेवा के प्रासंगिक नियमों और शर्तों द्वारा शासित होती है.'

इंडियन आर्मी ने अपने इस पोस्ट में अग्निवीरों के शहीद हो जाने पर उनके परिवार को मिलने वाली रकम के बारे में भी विस्तार से बताया था. लिखा था-

# शहीद अक्षय लक्ष्मण गवाटे के परिजनों को अंशदायी बीमा के रूप में 48 लाख रुपये मिलेंगे.

इसके साथ ही शहीद के परिवार को 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि भी मिलेगी.

इतना ही नहीं, शहीद के परिजनों को अग्निवीर द्वारा योगदान की गई सेवा निधि (30 प्रतिशत) से भी एक राशि मिलेगी, जिसमें सरकार द्वारा समान योगदान और उस पर ब्याज भी शामिल होगा.

शहीद के परिजनों को मृत्यु की तारीख से चार साल पूरे होने तक शेष कार्यकाल का भी पैसा मिलेगा और यह राशि 13 लाख से अधिक होगी.

इसके अलावा सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष से शहीद जवान के परिजनों को 8 लाख रुपये का योगदान दिया जाएगा.

आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (AWWA) की ओर से तत्काल 30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता परिवार को मिलेगी.

इंडियन आर्मी द्वारा बताई गई इस अलग-अलग रकम को अगर जोड़ दें तो एक शहीद अग्निवीर की फैमिली को कुल मिलाकर 1 करोड़ 10 लाख से भी अधिक की रकम मिलेगी.

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सोमवार को जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संसद में शहीद अग्निवीर के परिवार को मुआवजा न मिलने का दावा किया, तो इसके कुछ देर बाद शहीद अग्निवीर अक्षय गवाटे के पिता लक्ष्मण गवाटे का एक बयान आया. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें बेटे के शहीद होने के बाद कुल 1 करोड़ 10 लाख का मुआवजा मिला था.

Army में ‘शहीद’ नहीं बोलते

Indian Army ने कई मौकों पर ये बात कही है कि जो सैनिक देश के लिए बलिदान देते हैं उन्हें सेना में ‘शहीद’ नहीं कहा जाता. ये भी कहा कि ‘शहीद’ शब्द का इस्तेमाल करना गलत है. फरवरी 2022 में आर्मी हेडक्वॉर्टर की तरफ से सभी कमांड को भेजे एक लेटर में कहा गया था कि 'Martyr यानी शहीद शब्द का इस्तेमाल करना गलत' है. इसमें कहा गया कि साल दर साल आर्म्ड फोर्सेस के कुछ ऑफिसर्स और मीडिया भी हमारे उन सैनिकों के लिए शहीद शब्द का इस्तेमाल करते हैं जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया है.

सेना के मुताबिक शहीद उस व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिसकी मौत एक ऐसी सजा के तौर पर हुई हो जिसने रिलीजन (धर्म)  के लिए त्याग से इनकार कर दिया हो, या फिर वह व्यक्ति जो अपने रिलीजियस या राजनीतिक आस्था के लिए मारा गया हो. और इस बात को ध्यान में रखते हुए इंडियन आर्मी के सैनिकों के लिए इस शब्द का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है.

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