कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरक्षण व्यवस्था पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी की सरकार बनेगी तो आरक्षण के लिए निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा खत्म कर दी जाएगी. कांग्रेस सांसद ने भारत में जातिगत भेदभाव को ‘अनोखा’ बताया. कहा कि संभवतः दुनिया में सबसे खराब भेदभाव है, इसलिए कांग्रेस 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को खत्म कर देगी.
राहुल गांधी की घोषणा, "50% आरक्षण सीमा को ध्वस्त करेंगे", फिर इसका तरीका भी बताया
कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत में जातिगत भेदभाव संभवतः दुनिया में सबसे खराब प्रचलन है.
गौर करने वाली बात ये है कि राहुल गांधी ने ये बयान तेलंगाना में दिया, जो कर्नाटक के बाद जाति जनगणना करने वाला दूसरा कांग्रेस शासित राज्य बन रहा है. राज्य सरकार 6 नवंबर से जातिगत सर्वे शुरू करने जा रही है.
कांग्रेस ने आर्थिक मैपिंग के साथ-साथ जातिगत सर्वेक्षण कराने की बात कही है. ताकि पता चल सके कि भारत में गरीब कौन हैं और उनकी आबादी में कितने प्रतिशत हिस्सेदारी है. पार्टी का मानना है कि इससे आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म करने में मदद मिलेगी. इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भी राहुल गांधी इस विषय पर बयान दे चुके हैं.
इससे पहले पिछले साल सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में, राहुल गांधी ने कहा था, “जितनी आबादी, उतना हक़! जातीय जनगणना हर वर्ग को सही प्रतिनिधित्व देने का आधार है, वंचितों का अधिकार है.”
पिछड़ी जातियों का पिछला पैनल 1993 के कानून पर आधारित था और इसमें केवल शिक्षा और रोजगार कोटा पर डेटा एकत्र करने का अधिकार था. सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस बार तेलंगाना की जनगणना सभी जातियों की सामाजिक-आर्थिक प्रोफ़ाइल एकत्र करेगी.
बता दें कि मौजूदा आरक्षण व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई है. 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा तय की थी. शीर्ष अदालत ने कहा था कि सरकारी नौकरियों, शिक्षा और विधायिका में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) को अधिकतम 50 प्रतिशत आरक्षण मिलता रहेगा.
वीडियो: राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर क्या नई बात कही?