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हिंसा के दो हफ्ते बाद परभणी क्यों जा रहे हैं राहुल गांधी?

Maharashtra के Parbbhani में 10 दिसंबर को संविधान की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. जिसके बाद वहां काफी हिंसा हुई थी.

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गृह मंत्री अमित शाह के बयान के विरोध में संसद परिसर में प्रदर्शन करते राहुल गांधी. (फाइल फोटो- PTI)

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार, 23 दिसंबर को महाराष्ट्र के परभणी का दौरा कर रहे हैं. परभणी में इस महीने की शुरुआत में संविधान की प्रतिमा तोड़ने के बाद हिंसा हुई थी. राहुल गांधी यहां उन दो लोगों के परिजनों से भी मुलाकात करेंगे जिनकी हिंसा के बाद मौत हुई थी. न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक, कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने बताया है कि राहुल, सोमनाथ सूर्यवंशी के परिवार से मिलेंगे, जिनकी कथित तौर पर पुलिस हिरासत में मृत्यु हो गई थी. साथ ही विजय वाकोडे के परिजनों से भी मुलाकात करेंगे, जिनकी विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के दौरान मौत हुई थी.

परभणी में हुआ क्या था?

परभणी में 10 दिसंबर को सोपान पवार नाम के शख्स ने संविधान की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया था. इस घटना पर इलाके में लोगों का गुस्सा सामने आया और हिंसात्मक प्रदर्शन हुए. पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में बताया कि

10 दिसंबर की दोपहर को सोपान पवार नामक व्यक्ति ने परभणी रेलवे स्टेशन के पास भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के पास कांच के ढांचे से ढकी संविधान की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया. सोपान पवार मानसिक रूप से बीमार है. 2012 से उसका इलाज चल रहा है. चार चिकित्सकों ने इस बात की पुष्टि की है.

कुछ लोगों ने इस घटना को आंबेडकर के अपमान के तौर पर देखा और अगले दिन परभणी हिंसा की चपेट में था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सैकड़ों लोगों की भीड़ ने विरोध जताते हुए उत्पात मचाया. सड़क पर खड़ी गाड़ियों के साथ तोड़फोड़ की गई. निजी और सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि आंबेडकर के पोते आनंदराज आंबेडकर की रिपब्लिकन सेना के उपाध्यक्ष विजय वाकोडे के नेतृत्व में करीब 400 प्रदर्शनकारी कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. दोपहर करीब 1 बजे प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. इंस्पेक्टर जनरल शाहजी उमाप ने बताया कि

पथराव में सीसीटीवी कैमरे और दुकानों के होर्डिंग क्षतिग्रस्त हो गए. 2 चार पहिया वाहनों की खिड़कियां क्षतिग्रस्त हो गईं. करीब 15-16 दोपहिया वाहनों को सड़क किनारे नाले में धकेल दिया गया. एक दुकान के बाहर पीवीसी पाइपों में आग लगा दी गई. जब भीड़ हिंसक हो गई, तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और उन्हें तितर-बितर किया.

साथ ही जिले के वासमत इलाके में भी बंद बुलाया गया. प्रदर्शनकारियों ने 10 दिसंबर की शाम को परभणी स्टेशन पर रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया और नंदीग्राम एक्सप्रेस के लोको-पायलट के साथ मारपीट की.

इसके बाद पुलिस ने दंगा करने और सरकारी कर्मचारियों को उनके कर्तव्यों का पालन करने से रोकने के आरोप में 8 FIR दर्ज की गई है. इनमें आनंदराज आंबेडकर, वाकोडे और पूर्व मेयर रवींद्र सोनकांबले को आरोपी बनाया गया. और करीब 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत

जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया गया उनमें 35 साल के सोमनाथ सूर्यवंशी भी शामिल थे. लेकिन हिरासत में ही उनकी मौत हो गई. परिवार ने आरोप लगाया कि सूर्यवंशी को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किया गया और बेरहमी से पीटा गया. जिसकी वजह से मौत हुई. पुलिस ने दावा किया कि न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद सूर्यवंशी ने सीने में दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.

पुलिस के दावों पर तब सवालिया निशान खड़े हुए जब सूर्यवंशी की प्रोविजशनल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक औरंगाबाद के सरकारी मेडिकल कॉलेज ने प्रोविजनल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का तात्कालिक कारण ‘कई चोटों के बाद सदमा लगना’ बताया.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में अपनी पुलिस का बचाव किया. उन्होंने कहा,

सोमनाथ सूर्यवंशी ने मजिस्ट्रेट को बताया था कि पुलिस ने उसे प्रताड़ित नहीं किया. और वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और अन्य सबूत यह बताते हैं कि हिरासत के दौरान सूर्यवंशी पर बल प्रयोग नहीं किया गया था.

राहुल गांधी के दौरे के मायने

परभणी की घटना और राहुल गांधी के दौरे के बीच एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम बीत चुका है. संसद में गृह मंत्री अमित शाह के आंबेडकर को लेकर दिए बयान पर खूब हंगामा हुआ, खूब सियासत हुई. विपक्ष ने आंबेडकर का अपमान बताते हुए अमित शाह का इस्तीफा तक मांग लिया. प्रदर्शन के दौरान संसद में धक्का-मुक्की के भी आरोप लगे और राहुल गांधी के खिलाफ FIR दर्ज हो गई. इससे पहले दोनों सदनों में संविधान पर बहस हुई, तब आंबेडकर को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था. यानी बीते कई दिनों से राजनीति बहस का केंद्र संविधान और आंबेडकर ही रहे हैं. और हर पार्टी आंबेडकर के सहारे दलित समाज में अपनी पैठ और मजबूत करना चाहती है.

अगर 2024 के चुनावी नतीजों पर नज़र डालें तो CSDS-लोकनीति का पोस्ट पोल सर्वे कहता है कि इस बार NDA को 36 प्रतिशत दलितों ने वोट दिया. जबकि INDIA गठबंधन को दलितों के 32 प्रतिशत वोट मिले. लेकिन अगर इसकी तुलना 2019 के चुनावों से की जाए तो 2024 में NDA के मतों में 5 प्रतिशत की गिरावट आई है. जबकि INDIA गठबंधन के मतों में 7 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. और 2014 के चुनावों से तुलना करें तो INDIA गठबंधन को दलितों के 12 प्रतिशत ज्यादा वोट मिले हैं.

इस बीच राहुल गांधी के दौरे को बीजेपी ढोंग बता रही है. महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख और राज्य सरकार में मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने राहुल गांधी के दौरे को नौटंकी कहा है. 

वीडियो: संसद में आज: राहुल गांधी का भाषण सुन हंसे पीएम मोदी के मंत्री, ओवैसी और चंद्रशेखर क्या बोले?