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सरकारी अधिकारी की मदद से 25000 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र निकाल दिए, रायबरेली का ये मामला दंग कर देगा

पुलिस ने एक ग्राम विकास अधिकारी (VDO) समेत जन सुविधा केंद्र चलाने वाले संचालक को गिरफ्तार किया है. मामले में किसी तरह की 'साजिश' का पता लगाने के लिए आतंक निरोधी दस्ते (ATS) ने भी जांच शुरू की है.

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कुल चार लोग गिरफ्तार हुए हैं. (फोटो- आजतक)

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हजारों फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का भांडाफोड़ हुआ है. ये प्रमाण पत्र उन गांवों के पते पर जारी हुए, जहां उस धर्म, जाति और पहचान के लोग रहते ही नहीं हैं. शुरुआती जांच में पाया गया है कि यहां करीब 25 से 30 हजार फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए, जो दूसरे राज्यों और प्रांत के रहने वाले थे. पुलिस ने एक ग्राम विकास अधिकारी (VDO) समेत जन सुविधा केंद्र चलाने वाले संचालकों को गिरफ्तार किया है. कुल 4 लोग गिरफ्तार हुए हैं. मामले में किसी तरह की 'साजिश' का पता लगाने के लिए आतंक निरोधी दस्ते (ATS) ने भी जांच शुरू की है.

इंडिया टुडे से जुड़े संतोष शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, इस फर्जीवाड़े की कहानी रायबरेली के सलोन कस्बे से शुरू हुई. यहां मोहम्मद जीशान का नाम का व्यक्ति जन सुविधा केंद्र चलाता है. प्रशासन का कहना है कि सलोन इलाके के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र इसी जन सुविधा केंद्र से बनाए गए थे. और जिन गांवों में सबसे ज्यादा फर्जी प्रमाण पत्र बने, वे ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव के क्षेत्र के थे. विजय यादव, जीशान के ही मकान में किराए पर रहता था.

स्थानीय लोगों ने इंडिया टुडे को बताया कि विजय यादव का जीशान के परिवार के साथ अच्छा रिश्ता था. विजय ने अपना CUG नंबर भी जीशान को दे रखा था. जीशान इसी नंबर पर आने वाली OTP से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी करता था.

आबादी से ज्यादा सर्टिफिकेट

विजय यादव के क्षेत्राधिकार में कई गांव आते हैं. उनमें सबसे ज्यादा जन्म प्रमाण पत्र नुरुद्दीनपुर गांव में जारी हुए. अधिकारियों के मुताबिक, इस गांव के पते पर ही 12 हजार 200 से ज्यादा सर्टिफिकेट जारी किए गए. जबकि कि इस गांव की आबादी 7 से 8 हजार के बीच है. गांव की प्रधान संजू देवी के पति भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सभी जन्म प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किए गए, लेकिन प्रधान के पास मौजूद परिवार रजिस्टर में इसे नहीं चढ़ाया गया.

इसी तरीके से एक पलाही गांव भी है. जहां कुल आबादी साढ़े चार हजार की है. गांव के पते पर 819 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए. इनमें से कई सर्टिफिकेट मुस्लिम व्यक्तियों के नाम पर हैं. जबकि गांव में सिर्फ एक मुस्लिम परिवार है.

मामले का भांडाफोड़ होने पर ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव ने खुद थाने में एक शिकायत दी. बताया कि जीशान ने उनकी लॉग-इन आईडी धोखे से ली और 25 हजार से ज्यादा फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर दिए.

रायबरेली के मुख्य विकास अधिकारी (CDO) अर्पित उपाध्याय ने बताया कि मामले की शुरुआती जांच में पुष्टि हुई है कि बर्थ सर्टिफिकेट बनाने में अनियमतताएं हुई हैं. उन्होंने इंडिया टुडे से कहा, 

"जांच के आधार पर जिनकी आईडी से ये सर्टिफिकेट बनाए गए, उनको निलंबित कर दिया गया. उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस अपनी जांच कर रही है. इसके अलावा, इस आईडी के जरिये जितने सर्टिफिकेट जारी हुए हैं, सबकी जांच की जाएगी. हमने एहतियात के तौर पर सभी जनपदों के जन सेवा केंद्र की जांच कराने का फैसला लिया है."

जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुए हैं, उनमें जीशान के पिता रियाज खान और भाई सुहैल, ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव भी शामिल हैं. पुलिस ने सभी को गिरफ्तार किया है.

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