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Porsche कार हादसे के नाबालिग आरोपी की मां को लेकर बड़ा दावा, ब्लड सैंपल बदलने में शामिल

अस्पताल के डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद आरोपी मां शिवानी अग्रवाल फरार हैं.

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नाबालिग आरोपी की मां फरार हैं. (फोटो- इंडिया टुडे)

पुणे पोर्श कार हादसे में पुलिस ने अब एक और नया खुलासा किया है. उसके मुताबिक हादसे के बाद जांच के दौरान नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल उसकी मां शिवानी अग्रवाल के साथ बदल दिया गया. नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल को जांच के लिए पुणे के ससून अस्पताल भेजा गया था. ब्लड सैंपल से छेड़छाड़ करने और बदलने की खबर पहले भी आई थी. लेकिन तब ये नहीं पता चला था कि नाबालिग की मां ने ही ऐसा किया.

इंडिया टुडे से जुड़े दिव्येश सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद आरोपी मां शिवानी अग्रवाल फरार हैं. ब्लड सैंपल बदले जाने के आरोप में ससून अस्पताल के दो डॉक्टरों डॉ श्रीहरि हैलनोर और डॉ अजय तावड़े को गिरफ्तार किया गया था. डॉ हैलनोर ने आरोपी का ब्लड सैंपल लिया था. वहीं, डॉ तावड़े अस्पताल में फोरेंसिक डिपार्टमेंट के अध्यक्ष हैं. उन पर आरोप है कि उनके निर्देश पर ही ब्लड सैंपल बदल दिया गया था. सैंपल बदलने के लिए डॉ हैलनोर को 3 लाख रुपये मिले थे.

18 और 19 मई की दरमियानी रात कल्याणी नगर में पोर्शे कार से टक्कर में दो लोगों की मौत हुई था. कार 17 साल का नाबालिग चला रहा था. 22 मई जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को 5 जून तक चिल्ड्रन ऑब्जर्वेशन सेंटर भेजने का आदेश दिया था. उसकेे पिता भी पुलिस हिरासत में हैं.

रिपोर्ट बताती है कि डॉ हैलनोर ने ही नाबालिग आरोप, उसके ड्राइवर और एक स्टाफ का सैंपल लिया था. सैंपल लिए जाने के दौरान नाबालिग की मां अस्पताल में मौजूद थीं. इन दोनों डॉक्टरों को 26 मई को गिरफ्तार किया गया था. आज कोर्ट ने डॉ हैलनोर और डॉ तावड़े को 7 दिनों (5 जून तक) की पुलिस हिरासत में भेज दिया.

कोर्ट में पुणे क्राइम ब्रांच ने बताया कि 19 मई को दोनों डॉक्टरों और एक सफाई कर्मचारी ने आरोपी के ब्लड सैंपल को सिरिंज में लिया था, उसे फेंक दिया था. पुलिस का कहना है कि पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि किसके दबाव में ये सब किया गया. क्राइम ब्रांच ने रिकॉर्ड्स का जिक्र कर बताया कि नाबालिग के पिता और डॉ तावड़े के बीच और वॉट्सऐप कॉल पर बात हुई थी. अब तक पुलिस ने 3 लाख रुपये बरामद करने का दावा किया है.

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि घटना के बाद कार में मौजूद दो और लोगों के ब्लड सैंपल को भी बदला गया था. इन दोनों का सैंपल उनके भाई और पिता के साथ बदला गया. तीन सदस्यीय कमिटी ने जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी है. इसी रिपोर्ट में ये जानकारियां सामने आई हैं.

बदले गए ब्लड सैंपल की जांच रिपोर्ट में एल्कोहल की पुष्टि नहीं हुई थी. इससे पुलिस को संदेह हुआ. फिर पुलिस को जानकारी मिली ब्लड सैंपल कलेक्शन में कुछ हेर-फेर हुआ. इसके बाद नाबालिग आरोपी का दूसरा ब्लड सैंपल लेकर जांच कराई गई थी. हालांकि दूसरे ब्लड सैंपल में भी एल्कोहल की पुष्टि नहीं हुई थी.

इससे पहले अस्पताल के डीन डॉ विनायक काले ने एक और दावा किया. बताया कि डॉ तावड़े की डिपार्टमेंट हेड के तौर पर नियुक्ति विधायक सुनील टिंगरे और राज्य के मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर हसन मुशरीफ की सिफारिशों पर हुई थी. काले के मुताबिक, किडनी ट्रांसप्लांट और ड्रग मामलों में आरोपी होने के बावजूद डॉ तावडे को फोरेंसिक डिपार्टमेंट का हेड बनाया गया था.

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