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Porsche कार हादसा: आरोपी नाबालिग ने जिस बार में शराब पी थी वहां अब कोई नहीं जा पाएगा

CCTV फुटेज से पता चला है कि नाबालिग आरोपी ने बार में शराब पी थी लेकिन पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट्स में इसका जिक्र नहीं किया.

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आरोपी के पिता को भी गिरफ्तार किया गया. (फोटो- आजतक)

पुणे में पोर्श कार से टक्कर में दो लोगों की मौत के बाद दो बार को सील कर दिया गया है. नाबालिग आरोपी ने एक्सीडेंट से पहले इन्हीं दो बार में कथित रूप से शराब पी थी. पुणे के एक्साइज डिपार्टमेंट ने कोजी बार और ब्लाक बार के खिलाफ ये कार्रवाई की है. बार पर आरोप है कि नाबालिग की उम्र पूछे बिना उसे शराब परोसी गई. इससे पहले दोनों बार के मालिकों को हिरासत में भी लिया गया.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, CCTV फुटेज से पता चला है कि नाबालिग आरोपी ने बार में शराब पी थी लेकिन पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट्स में इसका जिक्र नहीं किया. पुणे के जिलाधिकारी के आदेश के बाद एक्साइज डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने दोनों बार की जांच की. जांच के दौरान पता चला कि दोनों बार ने कई नियमों का उल्लंघन किया है. जांच रिपोर्ट भेजे जाने के बाद जिलाधिकारी ने अगले आदेश तक दोनों बार को सील करवा दिया.

ये कार्रवाई तब हुई, जब कुछ घंटे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए. फिलहाल, बार के मालिक और मैनेजर्स को 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

21 मई को नाबालिग आरोपी के पिता को भी गिरफ्तार किया गया है. पिता एक रियल एस्टेट कारोबारी हैं. उनके खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है. मामले में दर्ज FIR के मुताबिक, नाबालिग के पास लीगल ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, इसके बावजूद पिता ने उसे कार दे दी. इससे उसकी जान खतरे में डाली गई. नाबालिग को शराब परोसने के लिए बार के मालिक और कर्मचारियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है.

कुछ ही घंटों में आरोपी को जमानत

इससे पहले पुणे पुलिस ने बताया था कि जिस पोर्शे कार से टक्कर हुई, उसे 17 साल का आरोपी चला रहा था. 18 और 19 मई दरमियानी रात उसने कल्याणी नगर में कार से एक बाइक को टक्कर मार दी थी. इससे बाइक पर सवार दो लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस का दावा है कि नाबालिग ने घटना के समय शराब पी रखी थी.

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पुलिस के मुताबिक, दुर्घटना में जिनकी मौत हुई वे अनीस अवधिया और अश्विनी कोस्टा नाम के थे. दोनों मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और आईटी सेक्टर में काम करते थे.

इधर, नाबालिग आरोपी को जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश करने के कुछ घंटे बाद ही जमानत दे दी गई. नाबालिग को कुछ शर्तों के साथ जमानत देने दी गई, जिसकी काफी आलोचना भी हो रही है. मसलन, आरोपी को 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करना होगा,  आरोपी को 'सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव और इसके समाधान' विषय पर 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा आदि.

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