विवादों में घिरीं महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. अब राज्य के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पूजा के पिता दिलीप खेडकर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू की है. महाराष्ट्र पुलिस के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया है कि शुरुआती जांच में पर्याप्त सबूत मिले हैं कि दिलीप खेडकर ने सर्विस के दौरान आय से अधिक संपत्ति बनाई. दिलीप खेडकर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) के डायरेक्टर पद से रिटायर हुए थे. सिर्फ यही नहीं, दिलीप खेडकर को लेकर कई और जानकारियां अब सामने आ रही हैं.
पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर भी थे IAS, क्या किया था जो दो बार सस्पेंड कर दिए गए?
महाराष्ट्र के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पूजा के पिता दिलीप खेडकर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू की है. सर्विस में रहते हुए उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों में दो बार सस्पेंड किया गया था.

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट बताती है कि सर्विस के दौरान दिलीप खेडकर को भ्रष्टाचार के आरोपों में दो बार सस्पेंड किया गया था. पहली बार उन्हें 2018 के आखिर में और फिर दूसरी बार फरवरी 2020 में निलंबित किया गया. इन मामलों के बाद पिछले साल राज्य सरकार ने उन्हें जबरन रिटायरमेंट लेने को कहा था. सरकार के आदेश के बाद 31 मई 2023 को वे रिटायर हुए.
इंडिया टुडे से जुड़े ओमकार वाबले की रिपोर्ट के मुताबिक, जब दिलीप खेडकर मुंबई में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी के रूप में तैनात थे, तब उनके खिलाफ कई छोटे उद्यमियों ने शिकायत की थी. रिपोर्ट बताती है कि अक्टूबर 2015 में 300 से 400 उद्यमियों ने शिकायत की थी कि खेडकर कई बिजनेस मालिकों के लिए गैर-जरूरी दिक्कतें पैदा कर रहे थे और उनसे "अवैध वसूली" कर रहे थे. उद्यमियों की शिकायत बोर्ड ने दर्ज कर ली थी.
रिपोर्ट बताती है कि साल 2018 में भी ACB को उनके खिलाफ एक शिकायत मिली थी. तब खेडकर कोल्हापुर में तैनात थे. सॉ मिल और टिम्बर मर्चेंट ने एसीबी के डिप्टी एसपी को शिकायत की थी. शिकायत ये कि बिजली और पानी आपूर्ति बहाल करने के लिए पैसों की मांग की गई थी. नोटिस वापस लेने के लिए 25 हजार और 50 हजार रुपये मांगे गए थे. इस शिकायत के बाद खेडकर का लघु उद्योग विकास निगम में ट्रांसफर कर दिया गया. आरोप है कि उन्होंने निगम को जॉइन नहीं किया और बिना परमिशन के करीब 6-7 महीने नौकरी पर नहीं आए.
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मार्च 2019 में भी दिलीप खेडकर के खिलाफ एक कंपनी ने शिकायत की. पुणे की सुप्रभा पॉलिमर एंड पैकेजिंग ने उनके खिलाफ शिकायत की थी कि कंपनी से खेडकर ने 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. शिकायत की जांच का आदेश दिया गया था.
दिलीप खेडकर और उनकी पत्नी मनोरमा खेडकर दोनों कथित रूप से फरार हैं. ACB से जुड़े सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया है कि दिलीप को उनकी आय और संपत्ति का सोर्स बताने के लिए नोटिस जारी किया जा सकता है. विस्तृत रिपोर्ट जमा करने के बाद दिलीप खेडकर के खिलाफ केस दर्ज किया जा सकता है.
रिपोर्ट बताती है कि दिलीप खेडकर की मुंबई, पुणे और अहमदनगर में कई संपत्तियां हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में दिलीप ने हलफनामे में अपनी कुल संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई थी. उन्होंने इस साल अहमदनगर से वंचित बहुजन अघाडी के टिकट पर चुनाव लड़ा था.
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पूजा खेडकर ने साल 2021 का सिविल सर्विस एग्जाम नॉन-क्रिमी लेयर OBC और PwBD (पर्सन्स विद बेंचमार्क डिसेबिलिटी) कैटेगरीज के तहत दिया था. इन्हीं कैटेगरीज के तहत उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अलॉट किया गया. लेकिन अब पूजा खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा में फर्जी विकलांगता और OBC सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने का आरोप लगा है, जिसकी जांच चल रही है. इसके अलावा पूजा पर पुणे में पोस्टिंग के दौरान अपने पद का दुरुपयोग करने का भी आरोप है. पूजा खेडकर का कहना है कि वो जांच कमिटी के सामने अपना पक्ष रखेंगी.
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