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इंडोनेशिया में मोदी ने जिनपिंग से कुछ कहा था, अब 8 महीने बाद सरकार ने उसका खुलासा क्यों किया?

हाथ मिलाने के बाद पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक लाइन बोली थी

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पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात ( Twitter/File)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने G20 शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) से अनौपचारिक मुलाकात की थी. नवंबर 2022 में दोनों नेता बाली में हुए शिखर सम्मेलन के दौरान मिले थे. इस दौरान दोनों एक-दूसरे से हाथ मिलाते भी देखे गए थे. मई 2020 में भारत-चीन सीमा पर उत्पन्न गतिरोध के बाद से दोनों नेताओं की ये पहली बार सार्वजनिक मुलाकात थी. इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच क्या-क्या बात हुई, विदेश मंत्रालय ने खुद इसकी जानकारी 27 जुलाई को दी है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित एक डिनर के दौरान एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया. इस दौरान दोनों ने द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की जरूरत पर बातचीत की थी.

ये पूछे जाने पर कि क्या चीन के राष्ट्रपति दिल्ली में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे या नहीं? इसका जवाब देते हुए बागची ने कहा कि भारत सभी आमंत्रित नेताओं की भागीदारी के साथ इसकी सफलता के लिए प्रयास कर रहा है.

क्यों सरकार ने मोदी-जिनपिंग की बात अब बताई? 

हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग (Johannesburg) में चीन के डिप्लोमैट वांग यी से मुलाकात की थी. विदेश मंत्रालय के मुताबिक डोभाल ने कहा कि 2020 के बाद से LAC के पश्चिमी सेक्टर में तनाव की स्थिति बनी हुई है. इस वजह से दोनों देशों के बीच सामरिक विश्वास और राजनीतिक संबंध कमजोर हो गए हैं. डोभाल ने तनाव की स्थिति को पूरी तरह से खत्म करने और शांति बहाल करने के लिए लगातार प्रयास करने पर जोर दिया. उनके मुताबिक ऐसा करके ही द्विपक्षीय संबंधों में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है. वांग यी ने भी कहा कि दोनों देशों को द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द मजबूत और स्थिर करना चाहिए.

डोभाल और वांग यी की इस बैठक के बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने एक दावा किया था. उस दावे के चलते ही भारतीय विदेश मंत्रालय को आठ महीने बाद ये बताना पड़ा है कि इंडोनेशिया में मोदी और जिनपिंग के बीच क्या बातचीत हुई थी. दरअसल चीन ने कहा था कि बाली में शी जिनपिंग और नरेंद्र मोदी द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने के लिए एक महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंचे थे.

बताते चलें कि साल 2020 में गलवान घाटी पर हुई हिंसा के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्ते ठीक नहीं चल रहे. इस दौरान भारत लगातार ये कहता आया है कि जब तक LAC पर शांति स्थापित नहीं हो जाती, तब तक द्विपक्षीय रिश्ते सामान्य नहीं होंगे. अब देखना होगा कि NSA डोभाल और वांग यी की मुलाकात का क्या नतीजा निकलता है.
 

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