प्रयागराज हिंसा के बाद मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद के घर को 'अतिक्रमण' के नाम पर गिराए जाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं. जावेद के घरवालों का कहना है कि जिस मकान को गिराया गया वो उनकी पत्नी परवीन फातिमा के नाम था. हालांकि प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) ने घर गिराने का नोटिस भी जावेद के नाम जारी किया था. इसके अलावा मकान गिराने के लिए सिर्फ एक दिन की नोटिस अवधि को लेकर भी प्राधिकरण पर सवाल उठ रहे हैं.
बड़ा खुलासा! सरकारी कागज़ में प्रयागराज वाला घर आरोपी जावेद की पत्नी के नाम, सारा टैक्स भी जमा!
अखबार का खुलासा, अधिकारी ने कहा - "मकान की बाउंड्री पर 'जावेद' लिखा हुआ था.

जिस घर को ढहाया गया, उससे जुड़े दो दस्तावेज सामने आए हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रयागराज जल कल विभाग ने 8 फरवरी, 2022 को एक रसीद जारी की थी, जिसमें परवीन फातिमा ने 4 हजार 578 रुपये का पानी का बिल जमा किया.
दूसरा दस्तावेज़ प्रयागराज नगर निगम से जुड़ा है. तारीख है 28 जनवरी 2022 की. एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, निगम ने इस दिन एक नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी किया जिसके मुताबिक मकान के वित्त वर्ष 2020-21 तक के गृहकर का भुगतान हो चुका है और मकान नंबर 39C/2A/1 पर कोई अवेशष नहीं है. इस सर्टिफिकेट पर भी जावेद नहीं बल्कि उनकी पत्नी परवीन फातिमा का नाम है.
प्रयागराज प्रशासन ने रविवार 12 जून को एक दिन के नोटिस पर इस मकान को ढहा दिया था. नोटिस में उत्तर प्रदेश शहरी योजना और विकास अधिनियम, 1973 के प्रावधानों के उल्लंघन का जिक्र किया गया था. इससे एक दिन पहले ही प्रयागराज पुलिस ने शहर में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के आरोप में जावेद, उनकी पत्नी परवीन फातिमा और बेटी सुमैया को हिरासत में लिया था. बाद में पत्नी और बेटी को छोड़ दिया गया था.
किसी ने नहीं कहा कि अवैध है- सुमैयासुमैया फातिमा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी ने मेरे पिता को नोटिस जारी किया लेकिन मेरी मां का मकान तोड़ दिया. उन्होंने कहा,
"इस घर के मालिक मेरी मां के पिता कलीमुद्दीन सिद्दीकी थे. उन्होंने मेरी मां को दो दशक से भी ज्यादा पहले इसे गिफ्ट किया था. तब सिर्फ ग्राउंड फ्लोर था. बाद में दो और फ्लोर बनाए गए. इतने समय में कोई सरकारी एजेंसी ने हमें नहीं कहा कि यह अवैध है. हाउस टैक्स, वाटर टैक्स और बिजली कनेक्शन भी मां के नाम है. सभी टैक्स का भुगतान समय पर होता है. रविवार से पहले, किसी अधिकारी ने हमसे नहीं कहा कि मकान गलत तरीके से बना है."
प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने 11 जून की रात को इस घर पर नोटिस चिपकाया था. कहा गया कि 12 जून के सुबह 11 बजे तक घर से सामान हटाकर उसे खाली कर दें, ताकि प्राधिकरण कार्रवाई कर सके. नोटिस के मुताबिक घर के ग्राउंड फ्लोर और पहले फ्लोर पर 25x60 फीट का अवैध निर्माण है. मकान को बुल्डोजर से पूरी तरह ढहा दिया गया. वहां अब सिर्फ मलबा बचा है.
बाउंड्री पर जावेद का नाम- अधिकारीवहीं पीडीए के एक अधिकारी ने नाम ना जाहिर करने पर इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि प्राधिकरण को जमीन के मालिकाने से कोई लेनादेना नहीं है. जावेद के मामले को लेकर पूछने पर उन्होंने कहा,
"मकान की बाउंड्री के एक पत्थर पर 'जावेद एम' लिखा हुआ था. स्थानीय लोगों ने बताया कि मकान जावेद मोहम्मद का है और उसी के बाद हमने उन्हें नोटिस जारी किया."
जावेद की बेटी सुमैया ने बताया कि वो अपनी मां के साथ रोशन बाग में एक रिश्तेदार के यहां रह रही हैं. वहीं सुमैया की भाभी मसरूर अपने दो बच्चों के साथ मायके चली गई हैं. जब मकान गिराने के लिए पीडीए की टीम पहुंची थी तो मकान में सिर्फ सुमैया की भाभी ही मौजूद थी. सुमैया ने आरोप लगाया था कि उनके पिता को फंसाया जा रहा है.
उधर, जावेद मोहम्मद के वकील केके राय ने दावा किया था कि प्रशासन ने गैरकानूनी ढंग से उनके घर को ढहाया. उन्होंने यह भी कहा कि जावेद पर हिंसा करने का बेबुनियाद आरोप लगाया गया है. जावेद मोहम्मद वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के जिलाध्यक्ष हैं. वे अब भी पुलिस हिरासत में हैं.
प्रयागराज हिंसा के बाद चले बुलडोज़र पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर क्या बोले ?