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'यहां धोनी से ज्यादा फेमस हो जाऊंगा... ' बिहार में पार्टी तो प्रशांत किशोर साउथ में क्या करने वाले हैं?

प्रशांत किशोर की तमिलनाडु में यह पहली ‘राजनीतिक एंट्री’ नहीं है. इससे पहले वे सत्तारुढ़ दल DMK को 2019 के लोकसभा और 2021 के विधानसभा चुनावों में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं. इस बार एक बेहद फेमस एक्टर के साथ वो साउथ के मैदान में आ रहे हैं.

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क्या प्रशांत किशोर एक्टर विजय को तमिलानाडु विधानसभा में जीत दिला पाएंगे? (तस्वीर:इंडिया टुडे)

राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ने दक्षिण भारत सिनेमा के सुपरस्टार विजय की पार्टी को सत्ता की दहलीज पर पहुंचाने का बेड़ा उठाया है. उन्होंने एलान किया कि तमिलनाडु में 2026 के विधानसभा चुनावों में वे विजय की तमिलगा वेट्री कज़गम (TVK) की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे. लेकिन इस एलान के साथ ही प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि तमिलनाडु में वे जल्द ही महेंद्र सिंह धोनी को लोकप्रियता में पीछे छोड़ देंगे.

तमिलनाडु के महाबलीपुरम में TVK की पहली वर्षगांठ के दौरान एक समारोह हुआ. इसमें पार्टी के कार्यकर्ताओं के अलावा प्रशांत किशोर ने भी हिस्सा लिया. उन्होंने TVK के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा,

“यहां महेंद्र सिंह धोनी के नाम पर इतनी चर्चा होती है. वे एकमात्र बिहारी हैं जो तमिलनाडु में मुझसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. इसमें कोई शक-ओ-शुब्हा नहीं होनी चाहिए कि धोनी तमिलनाडु में प्रशांत किशोर से अधिक मशहूर हैं, लेकिन अगले साल जब मैं TVK को जीत दिलाने में मदद करूंगा, तब मैं धोनी से लोकप्रियता में आगे हो जाऊंगा.”

प्रशांत किशोर ने भाषण सुन रही जनता से सवाल किया कि अगर वे TVK को तमिलनाडु में जीत दिलाने में मदद करते हैं तो क्या वे धोनी से अधिक लोकप्रिय हो जाएंगे? जनता की प्रतिक्रिया को देखते हुए उन्होंने आगे कहा,

“मेरी अपनी लड़ाई है जिसमें मुझे जीत हासिल करनी है. मुझे तमिलनाडु में सबसे लोकप्रिय बिहारी बनना है. इसलिए मुझे धोनी से प्रतिस्पर्धा करनी है जो चेन्नई सुपर किंग्स को जीत दिलाते हैं. मैं आपके नेताओं के नेतृत्व में TVK को जीत दिलाऊंगा.”

रणनीतिकार की भूमिका में फिर क्यों लौटे प्रशांत किशोर?

प्रशांत किशोर बीते 10 सालों में केंद्र में बीजेपी के अलावा बिहार में लालू-नीतीश के महागठबंधन, पंजाब में कांग्रेस और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने का दावा करते रहे हैं. उन्होंने साल 2021 में रणनीतिकार और राजनीति विश्लेषक की भूमिका से संन्यास की घोषणा कर दी थी.

इसके बाद उन्होंने बिहार में तीन हज़ार किलोमीटर की पदयात्रा का दावा किया. गांधीवादी विचारधारा के समर्थक प्रशांत ने 2 अक्टूबर, 2024 को अपनी पार्टी का एलान किया. नाम रखा ‘बिहार जन सुराज’. पार्टी 2025 में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेगी. लेकिन इसी बीच TVK के लिए रणनीतिकार की भूमिका में दिखने पर भी सवाल उठ रहे हैं. इसका जवाब भी उन्होंने मंच से दिया.

प्रशांत किशोर ने कहा,

“विजय मेरे लिए केवल राजनीतिज्ञ नहीं हैं. वे तमिलनाडु की नई उम्मीद हैं और इसलिए मैं यहां हूं. मेरे लिए TVK एक राजनीतिक पार्टी नहीं है. यह उन लाखों लोगों के लिए एक आंदोलन है जो तमिलनाडु में नई राजनीति देखना चाहते हैं. ”

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तमिलनाडु में प्रशांत किशोर का दावा कितना मजबूत?

प्रशांत किशोर की तमिलनाडु में यह पहली ‘राजनीतिक एंट्री’ नहीं है. इससे पहले वे सत्ताधारी दल DMK (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) को 2019 के लोकसभा और 2021 के विधानसभा चुनावों में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं. 2019 में DMK गठबंधन ने 39 में से 37 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं, 2021 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने 10 साल बाद सत्ता में वापसी की थी.

लेकिन अब प्रशांत ने वहां नए राजनीतिक समीकरण को सत्ता के शीर्ष पर पहुंचाने के लिए कमर कस ली है. वे TVK के आयोजन में तमिलनाडु शासन की आलोचना करने से पीछे नहीं हटे. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में भ्रष्टाचार व्यापक रूप से व्याप्त है. इसके अलावा प्रशांत किशोर ने क्रिकेट के उदाहरणों का सहारा लेते हुए राज्य में वंशवाद की राजनीति की भी आलोचना की. किशोर ने कहा,

"अगर सुनील गावस्कर और कपिल देव के बेटे क्रिकेट खेल रहे होते, तो क्या देश कभी सचिन और धोनी को देख पाता?"

प्रशांत किशोर की तमिलनाडु की राजनीति में नए सिरे से चर्चा होने के बाद वहां के नेताओं में सुगबुगाहट देखने को मिली है. ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, CPI (M) नेता के. बालाकृष्णन ने कहा कि केवल सिनेमा की लोकप्रियता राजनीति में सफलता की गारंटी नहीं देगी. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के लोग राजनीतिक रूप से सजग हैं, और प्रशांत किशोर TVK के लिए समर्थन तैयार नहीं कर सकते, अगर वहां की जनता नहीं चाहेगी.

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