केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और ई-कोर्ट्स मिशन को लेकर बड़ा फैसला किया है. उसने अगले तीन सालों के दौरान महिलाओं के लिए और 75 लाख मुफ्त LPG कनेक्शन देने का फैसला किया है. इसका अलावा मोदी सरकार ने न्यायिक व्यवस्था में सुधार के लिए ई-कोर्ट्स मिशन को लागू करने की मंजूरी दे दी है. इसके अलावा FDI के तहत सुवेन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड में 9589 करोड़ रुपये के निवेश का फैसला भी लिया गया है.
उज्ज्वला योजना पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, लाखों महिलाओं को होगा फायदा
मोदी सरकार उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 9.60 करोड़ मुफ्त LPG कनेक्शन दे चुकी है. केंद्रीय कैबिनेट ने ई-कोर्ट्स मिशन के फेज-3 को लागू करने की मंजूरी भी दे दी है.
बुधवार, 13 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ये दो अहम फैसले लिए गए. इनकी जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया को बताया कि उज्ज्वला योजना के विस्तार में सरकार 1650 करोड़ रुपये खर्च करेगी. वहीं कैबिनेट ने ई-कोर्ट्स मिशन प्रोजेक्ट के फेज-3 के लिए 7210 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है. ई-कोर्ट्स मिशन मोड प्रोजेक्ट केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया अभियान है. इसका मकसद है तकनीक के इस्तेमाल से हर किसी को न्याय देना.
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रक्षाबंधन के मौके पर मोदी सरकार ने LPG के दामों में 200 रुपये की कमी की थी. इससे घरेलू गैस का दाम 1100 रुपये से 900 रुपये हो गया था. उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 9 करोड़ 60 लाख से ज्यादा गैस कनेक्शन देने का दावा मोदी सरकार करती है. अब बुधवार को लिए फैसले पर अनुराग ठाकुर ने कहा,
"अब और 75 लाख मुफ्त LPG कनेक्शन अगले 3 सालों के दौरान महिलाओं को दिए जाएंगे. योजना के तहत पहली गैस फिलिंग और स्टोव भी मुफ्त दिए जाते हैं. जिसका खर्चा ऑइल मार्केटिंग कंपनीज उठाती हैं. वहीं डिपॉजिट फ्री LPG कनेक्शन के लिए खर्चा भारत सरकार उठाती है. सरकार ये पैसा रीइम्बर्समेंट के रूप में तेल कंपनियों को देती है."
वहीं ई-कोर्ट्स मिशन के बारे में जानकारी देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा,
"इस मिशन को आज मंजूरी दे दी गई है. ई-कोर्ट्स मिशन प्रोजेक्ट के फेज-3 को लगभग 7210 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा. इन ई-कोर्ट्स का मकसद ऑनलाइन और पेपरलेस कोर्ट्स की स्थापना करना है. जिससे न्यायिक व्यवस्था को नागरिकों के लिए सुलभ, किफायती, विश्वसनीय और पारदर्शी बनाया जाए."
केंद्रीय मंत्रा ने कहा कि पेपरलेस कोर्ट्स की स्थापना के लिए ई-फाइलिंग, ई-पेमेंट की व्यवस्था को यूनिवर्सल किया जाएगा. कोर्ट के रिकॉर्ड्स का डिजिटाइजेशन किया जाएगा. डेटा को क्लाउड स्टोरेज किया जाएगा. और सभी कोर्ट्स में 4400 ई-सेवा केंद्र की स्थापना की जाएगी.
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मिशन के पहले दो चरणों की जानकारी भी दी गई. सरकार ने बताया कि इनमें देशभर की हजारों अदालतों को कंप्यूटराइज किया गया. पहले फेज में करीब 640 करोड़ रुपये का खर्च आया. इसमें 14 हजार 239 जिला और निचली अदालतों का कंप्यूटराइजेशन किया गया था. फेज 2 में लगभग 1670 करोड़ रुपये का खर्च आया. इसमें 18 हजार 735 जिला और निचली अदालतों को कंप्यूटराइज किया गया. और अब तीसरे फेज के अंतर्गत अगले चार सालों के दौरान कंप्यूटराइजेशन, हार्डवेयर और नेटवर्क कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी. साथ ही वादियों और वकीलों को सिटिजन सेंट्रल सर्विसेज उपलब्ध करवाई गई हैं.
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