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पुंछ आतंकी हमला: सेना के ट्रक पर एक नहीं कई तरफ से हुआ हमला

सेना को शक है कि इस हमले में चार आंतकी शामिल थे.

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हमले में पहले ग्रेनेड फेंका गया फिर तीन तरफ से फायरिंग की गई. (फोटो: आजतक)

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में गुरुवार, 20 अप्रैल को सेना के एक ट्रक पर आंतकी हमला हुआ. इस हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए. अब इसे लेकर एक और जानकारी आई है. बताया गया है कि हमला सिर्फ एक तरफ से नहीं हुआ था. इंडिया टुडे/आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रक पर पहले ग्रेनेड फेंके गए, फिर तीन तरफ से फायरिंग की गई. इससे ट्रक के फ्यूल टैंक में आग लग गई जिसमें झुलसकर 5 जवानों की मौत हो गई. रिपोर्ट के मुताबिक सेना को शक है कि इस हमले में चार आंतकी शामिल थे.

इस हमले को जम्मू-कश्मीर में होने वाली G20 मीटिंग से भी जोड़ा जा रहा है. बताया जा रहा है कि जिस ट्रक पर हमला हुआ उसमें जवान सब्जी और अन्य सामान लेकर जा रहे थे. लेकिन सेना की तरफ से कहा गया है कि जवान काउंटर टेरर ऑपरेशन के लिए जा रहे थे.

हमले के बाद नॉर्दर्न कमांड हेडक्वार्टर की ओर से बयान जारी किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया है कि आतंकवादियों ने भारी बारिश का फायदा उठाकर फायरिंग की. इसमें मारे गए जवान राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के थे. उन्हें इस इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए तैनात किया गया था.

रिपोर्ट के मुताबिक जैश समर्थित आतंकी समूह पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. यह हमला 2021 में सेना और आतंकियों के बीच हुई एक मुठभेड़ वाली जगह के पास हुआ है. ये मुठभेड़ कई दिनों तक चली थी.

जम्मू-कश्मीर में आज दिनभर बारिश होती रही. इसके चलते हमलावर आतंकवादी मौके से भागने में सफल रहे और उन्होंने अपना ठिकाना भी बदल लिया. उधर सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम कल पुंछ जाएगी. दिल्ली से NIA की एक फॉरेंसिक टीम भी घटनास्थल पर पहुंचेगी.

घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद का बयान भी आया. उन्होंने कहा है, 

"जैसा कि पता चला है, भारतीय सेना के ट्रक ने आज पुंछ में आग पकड़ ली. जिसमें हमारे पांच जवान शहीद हुए. यह काम आतंकवादियों का था. इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के मुताबिक देश और जम्मू-कश्मीर में हो रही G20 बैठकों को देखते हुए बड़े आंतकी हमले की आंशका जताई जा रही थी."

पूर्व पुलिस अधिकारी ने आगे कहा,

“भारत सरकार को गोवा में होने वाली SCO मीटिंग में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय को नहीं बुलाया जाना चाहिए, क्योंकि उनकी सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रहे भारत के कद को नुकसान पहुंचाना चाहती है. पाकिस्तान को अपने देश की भूखी जनता की परवाह नहीं है, वो तो हमारे देश में आतंकवाद को बढ़ावा देते रहना चाहते हैं.”

क्यों हुआ हमला?

इसका जवाब हमले की जांच के बाद पता चलेगा. हालांकि कुछ अनुमान लगाए जा रहे हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इसी साल जनवरी-फरवरी के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आर्मी यूनिट्स को एक एडवाइजरी जारी की थी. इसमें उसने बताया था कि आने वाले दिनों में बॉर्डर से घुसपैठ बढ़ने की आशंका है. इसकी वजह कश्मीर में होने वाले G-20 समिट को बताया गया. पुलिस ने एडवाइजरी में ये भी बताया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मस्जिदों के लाउडस्पीकर्स पर घोषणा की जा रही है कि वॉलेंटियर्स (आतंकी) कुछ समय के लिए कश्मीर में जिहाद ब्रिगेड में शामिल हो जाएं.

रिपोर्ट के मुताबिक इन घोषणाओं में ये भी कहा जा रहा था कि जो भी बॉर्डर पार जाने को तैयार है, उसे ट्रेनिंग दी जाएगी. साथ ही G-20 समिट में बाधा डालने के लिए उन्हें हथियार भी दिए जाएंगे. इसके बाद पुलिस ने चेताया था कि जल्दी ही जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ बढ़ सकती है. 

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