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PM मोदी गणेश पूजा पर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के घर गए, कुछ वकीलों और नेताओं को बुरा क्यों लग गया?

PM Modi visit CJI Chandrachud residence: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में भाग लिया. कुछ लोग इस घटना को लेकर चीफ जस्टिस पर सवाल खड़े कर रहे हैं. वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने इसे जजों की आचार संहिता का उल्लंघन बताया है. शिवसेना ने तो चीफ जस्टिस को अपने केस से हटने की सलाह भी दे दी है.

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गणेश पूजा के मौके पर PM मोदी देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के घर पहुंचे | फोटो: PTI

बुधवार, 11 सितंबर को एक फोटो आई. इस पर खूब बवाल मचा हुआ है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिख रहे हैं और साथ में दिख रहे हैं देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़. सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि दोनों की ये मुलाकात चीफ जस्टिस के घर पर हुई है. दरअसल, बुधवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के घर पर गणपति पूजा का कार्यक्रम था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे.

बुधवार रात को प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इसकी जानकारी सोशल मीडिया साइट एक्स पर दी. लिखा, 'सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जी के आवास पर गणेश पूजा की. भगवान श्री गणेश हम सभी को सुख, समृद्धि और बेहतर स्वास्थ्य का आशीर्वाद दें.' PM ने एक फोटो भी साथ में शेयर की, जिसमें वो चीफ जस्टिस की फैमिली के साथ आरती करते नजर आ रहे हैं. इस फोटो के सामने आने बाद से कई मशहूर वकील और नेता सवाल उठा रहे हैं. कुछ लोग चीफ जस्टिस और प्रधानमंत्री की इस मुलाकात को लोकतंत्र के लिए खतरा तक बताने लगे हैं.

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने इस मामले पर टिप्पणी की है और इसे एक गलत उदाहरण बताया है. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा,

‘यह चौंकाने वाला है कि सीजेआई चंद्रचूड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निजी मुलाकात के लिए अपने आवास पर आने की अनुमति दी. इससे न्यायपालिका को एक बहुत बुरा संकेत गया है. कार्यपालिका से नागरिकों के मौलिक अधिकार की रक्षा करने और संविधान के दायरे में सरकार काम करे, ये सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी न्यायपालिका को सौंपी गई है. और इसलिए कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच दूरी बनाए रखनी जरूरी है.’

प्रशांत भूषण ने एक अन्य पोस्ट में लिखा-

"न्यायाधीशों के लिए आचार संहिता: 'एक न्यायाधीश को अपने पद की गरिमा के अनुरूप एक हद तक दूरी बनाए रखनी चाहिए. उनके द्वारा ऐसा कोई कार्य या चूक नहीं होनी चाहिए, जो उनके उच्च पद और उस पद के प्रति सार्वजनिक सम्मान के लिए अशोभनीय हो.' आचार संहिता का उल्लंघन."

शिवसेना ने चीफ जस्टिस से केस से हटने को कह दिया 

शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने भी इस मामले को लेकर सीजेआई पर निशाना साधा है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा,

'गणपति उत्सव चल रहा है, लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं. मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है कि पीएम अब तक कितने घरों में गए हैं. लेकिन पीएम सीजेआई के घर गए और उन्होंने आरती की… अगर संविधान का संरक्षक राजनेताओं से मिलता है, तो इससे लोगों के मन में संदेह पैदा हो सकता है... '

संजय राउत ने आगे कहा,

‘महाराष्ट्र के हमारे मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पहले से चल रही है. और ये सीजेआई चंद्रचूड़ जी के सामने चल रही है. हमारे केस में केंद्र सरकार दूसरी पार्टी है और उसके मुखिया हैं प्रधानमंत्री मोदी... सीजेआई के इनसे दोस्ताना संबंध हैं. इसलिए हमें संदेह है कि क्या हमें न्याय मिलेगा. मुख्य न्यायाधीश को इस मामले से खुद को दूर कर लेना चाहिए, क्योंकि उनका संबंध दूसरे पक्ष से है. मामला खुलेआम दिख रहा है. क्या ऐसे में सीजेआई चंद्रचूड़ हमें न्याय दे पाएंगे? हमें तारीख पर तारीख मिल रही है और अवैध सरकार चल रही है. 

शिवसेना (UBT) की एक और सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मामले को लेकर सीजेआई चंद्रचूड़ पर तंज कसा है. कहा,

‘उम्मीद है कि उत्सव समाप्त होने के बाद सीजेआई उचित समझेंगे और महाराष्ट्र में संविधान के अनुच्छेद-10 की घोर अवहेलना पर सुनवाई समाप्त करने के लिए थोड़ा स्वतंत्र होंगे. अरे रुकिए, वैसे भी चुनाव नजदीक हैं, इसे किसी और दिन के लिए स्थगित किया जा सकता है.’

BJP की तरफ से मामले पर क्या कहा गया?

पीएम मोदी और चीफ जस्टिस की मुलाकात पर सवाल उठने के बाद BJP की तरफ से भी इस पर जवाब दिया गया है. पार्टी के लोकसभा सांसद और प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि इफ्तार पार्टी में पीएम और चीफ जस्टिस मिला करते थे, तो अब गणेश उत्सव पर दोनों के मिलने को लेकर आपत्ति क्यों है.

संबित पात्रा ने आगे कहा,

‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के आमंत्रण पर उनके आवास पर गणपति की उपासना की. इसे लेकर कुछ नेता राजनीति कर रहे हैं. मुझे लगता है, ये आपत्ति चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और प्रधानमंत्री के मिलने से नहीं है, ये आपत्ति गणपति पूजा से है… कल एक राजनेता (राहुल गांधी) ने विदेश जाकर भारत विरोधी तत्वों से मुलाकात की. कांग्रेस का कोई नेता उस पर नहीं बोला. अगर पीएम मोदी सीजेआई से मिलने गए तो न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच अच्छे समन्वय की सराहना करने के बजाय इस पर आपत्ति जताई जा रही है.'

संबित पात्रा के मुताबिक चीफ जस्टिस जैसे महत्वपूर्ण संस्थान और गणपति पर्व को राजनीति में घसीट कर कांग्रेस और इंडी अलायंस (इंडिया गठबंधन) अपना अहंकार दिखा रहे हैं.

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बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन क्या बोले?

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन और बीजेपी के राज्यसभा सांसद वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा का कहना है कि चीफ जस्टिस और पीएम मोदी की इस मुलाकात में कुछ भी गलत नहीं है. उनके मुताबिक, 

‘मैं संजय राउत जी नेता हैं. मैं इस बारे में बहुत ज्यादा नहीं कहूंगा. लेकिन जिनके खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं उन्हें तो इस मुलाकात से थोड़ी परेशानी होगी ही. लेकिन जो लोग ये बातें कर रहे हैं वो भी ये जानते हैं कि चीफ जस्टिस और पीएम की इस मुलाकात से कोर्ट के किसी जजमेंट पर कोई असर नहीं पड़ेगा. ये एक सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रम था, जिसमें दोनों मिले. अगर कोई दूसरे ढंग की मीटिंग होनी होती तो गुप्त मीटिंग होती, वाट्सएप पर बात हो जाती. अभी कल हमारे एक नेता (राहुल गांधी) ने विदेश में जाकर भारत विरोधी लोगों से बात की. उनके बारे में संजय राउत और कांग्रेस नेता कुछ नहीं बोलेंगे.’

मनन कुमार मिश्रा आगे बोले कि पीएम मोदी, चीफ जस्टिस के घर चले गए, इससे न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच अच्छे कोआर्डिनेशन का पता लगता है. उनके मुताबिक इसकी तो तारीफ होनी चाहिए, लेकिन कुछ लोग शिकायत करने लगे. 

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