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ASEAN में PM मोदी के भाषण से चीन को टेंशन तो हो गई होगी, 5 पॉइंट में जानिए सारी बड़ी बातें

PM Narendra Modi ने ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन (ASEAN) में पूरी दुनिया से शांति की अपील की है. साथ ही इशारों-इशारों में दक्षिण चीन सागर में स्थिरता के बहाने चीन पर निशाना साधा है.

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पीएम मोदी ने पूरी दुनिया से शांति की अपील की है. (इंडिया टुडे)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM narendra modi) ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन (East Asia Summit) में हिस्सा लेने लाओस की राजधानी वियनतियाने पहुंचे हैं. यहां सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा से ही आसियान देशों की एकता का समर्थन करता है. और आसियान भारत के इंडो-पैसिफिक विजन और क्वाड को-ऑपरेशन के केंद्र में है.

प्रधानमंत्री ने क्या-क्या कहा?

# भारत की इंडो पैसिफिक महासागरों की पहल और इंडो पैसिफिक पर आसियान आउटलुक के बीच गहरी समानताएं हैं. एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी, समृद्ध और नियम आधारित इंडो पैसिफिक पूरे क्षेत्र की शांति और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है. दक्षिण चीन सागर की शांति, सुरक्षा और स्थिरता पूरे इंडो पैसिफिक क्षेत्र के हित में है. 

# मेरा मानना है कि 21 वीं सदी इंडिया और ASEAN देशों की सदी है. आज जब दुनिया के कई हिस्सों में संघर्ष और तनाव की स्थिति है. भारत और ASEAN की मित्रता, संवाद और सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है. 

# दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे संघर्षों का सबसे ज्यादा नकारात्मक असर ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ रहा है. हर कोई चाहता है कि यूरेशिया हो या पश्चिम एशिया, जल्द से जल्द शांति और स्थिरता बहाल हो. 

#  मैं बुद्ध की धरती से आता हूं. और मैंने बार बार कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है. समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं निकल सकता. संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अतंरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करना जरूरी है. मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए संवाद और कूटनीति को प्राथमिकता देनी होगी. विश्वबंधु का दायित्व निभाते हुए भारत इस दिशा में हरसंभव योगदान देता रहेगा.

हम म्यांमार की स्थिति पर ASEAN के दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं. हम पांच सूत्रीय सहमति का भी समर्थन करते हैं. साथ ही हमारा मानना है कि मानवीय सहायता को बनाए रखना महत्वपूर्ण है. और लोकतंत्र की बहाली के लिए भी उचित कदम उठाए जाने चाहिए. हमारा मानना है कि म्यांमार को अलग- थलग नहीं किया जाना चाहिए. पड़ोसी देश के रूप में भारत अपनी जिम्मेदारी निभाता रहेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने लाओस दौरे के दूसरे दिन 19 वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल हुए. इस सम्मेलन में आसियान के दस देश और आठ साझेदार देश ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, रूस और अमेरिका शामिल हुए. 

10 देशों का समूह है आसियान 

आसियान की स्थापना 1967 में बैंकॉक में हुई थी. यह दक्षिण- पूर्व एशियाई देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है. इसका पूरा नाम एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशन्स (ASEAN) है. इसमें कुल 10 देश शामिल हैं. जिनमें इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, म्यांमार, कंबोडिया, ब्रुनेई और लाओस शामिल हैं.

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