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'हम युद्ध नहीं, बातचीत के समर्थक'- BRICS समिट में बोले PM मोदी, बड़ी बातें यहां जान लीजिए

BRICS Summit 2024: पीएम ने कहा कि जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को हराया, उसी तरह हम आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं.

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पीएम ने कहा कि हमें अपने देशों के युवाओं में कट्टरपंथ को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए. (फोटो- PTI)

रूस में आयोजित 16वीं BRICS Summit में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की (PM Modi at BRICS Summit). पीएम मोदी ने पश्चिम एशिया और रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान की बात कही. उन्होंने डिप्लोमेसी और बातचीत के माध्यम से इन मुद्दों को सुलझाने की अपील की. मोदी ने कहा, "हम युद्ध का नहीं, बल्कि बातचीत और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं."

पीएम मोदी ने 23 अक्टूबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान कहा,

“16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बधाई देता हूं और इससे जुड़े नई साथियों का भी स्वागत करता हूं. नए स्वरूप में ब्रिक्स विश्व की 40% आबादी और 30% अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है. पिछले लगभग 2 दशकों में ब्रिक्स ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं. मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में ये संगठन वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए और अधिक प्रभावी माध्यम बनकर उभरेगा.”

फाइनेंशियल इंटीग्रेशन करना होगा

BRICS देशों के बीच व्यापार और भारत के 'गतिशक्ति' पोर्टल को लेकर पीएम मोदी ने कहा,

“सभी ब्रिक्स देशों में बुनियादी ढांचों पर विशेष जोर दिया जा रहा है. भारत में मल्टीमोडल कनेक्टिविटी को तेजी से बढ़ाने के लिए हमने 'गतिशक्ति' पोर्टल बनाया है. इससे इन विकास के कामों को एकीकृत करने और इनके इम्प्लीमेंटेशन में मदद मिली है, साथ ही लॉजिस्टिक्स की लागत में भी कमी आई है. हमें आप सभी के साथ अपने अनुभव साझा करने में खुशी होगी. हम ब्रिक्स देशों के बीच फाइनेंशियल इंटीग्रेशन बढ़ाने के प्रयासों का स्वागत करते हैं. लोकल करेंसी में व्यापार और सीमा पार आसान भुगतान हमारे आर्थिक सहयोग को मजबूत करेंगे.”

पीएम मोदी ने UPI के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा,

“भारत द्वारा बनाया गया यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) भारत की एक बड़ी सफलता की कहानी है. इसे कई देशों में अपनाया गया है. पिछले साल हमने शेख मोहम्मद के सहयोग से इसे यूएई में भी लॉन्च किया था. इसमें अन्य देशों के साथ भी सहयोग किया जा सकता है.”

ब्रिक्स जनहित समूह है

पीएम ने कहा कि समूह का दृष्टिकोण लोगों पर केंद्रित होना चाहिए. उन्होंने कहा,

“हमारी ये बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब दुनिया युद्ध, संघर्ष, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसी कई चुनौतियों से घिरी हुई है. दुनिया में उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम विभाजन की बात हो रही है. टेक्नोलॉजी के युग में साइबर सुरक्षा, डीप फेक, दुष्प्रचार जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं. ऐसे में ब्रिक्स से बहुत उम्मीदें हैं. मेरा मानना है कि एक विविधतापूर्ण और समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स सभी मुद्दों पर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है. ऐसे में हमारा ध्यान लोगों पर केंद्रित होना चाहिए. हमें दुनिया को ये संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं बल्कि जनहित समूह है.”

दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं

रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध और इस क्षेत्र में चल रही अशांति को लेकर पीएम मोदी बोले,

“हम युद्ध का नहीं संवाद और कूटनीति का समर्थन करते हैं. जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को हराया, उसी तरह हम आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं. इसी तरह हमें साइबर सुरक्षा, सुरक्षित AI के लिए ग्लोबल नियमोें के लिए काम करना चाहिए.”

आतंकवाद से निपटने को लेकर पीएम ने कहा,

“आतंकवाद और आतंकी वित्तपोषण से निपटने के लिए हम सभी को एकजुट होना होगा और मजबूती से सहयोग करना होगा. ऐसे गंभीर मुद्दे पर दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं है.”

पीएम ने कहा कि हमें अपने देशों के युवाओं में कट्टरपंथ को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए. UN में आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के लंबित मुद्दे पर भी मिलकर काम करना होगा. उन्होंने अंत में कहा कि ब्रिक्स के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि इस संगठन की छवि ऐसी न बने कि हम वैश्विक संस्थाओं में सुधार नहीं करना चाहते हैं, बल्कि उन्हें बदलना चाहते हैं. 

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