बजट सत्र की शुरुआत और राष्ट्रपति के अभिभाषण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारंपरिक तौर पर मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में ये पहला संसद सत्र है जिसमें विदेशी धरती से कोई षडयंत्र नहीं किया गया. पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि हर संसद सत्र से पहले विदेश से कोई ना कोई विवाद खड़ा किया जाता है जिसे हमारे देश में हवा दी जाती है.
'पहला संसद सत्र जब विदेश से कोई साजिश नहीं हुई', बजट से पहले बोले पीएम मोदी
1 फरवरी को पेश होगा बजट. बजट सत्र से पहले पीएम मोदी ने मीडिया को संबोधित किया और कहा कि पहली बार किसी विदेश से कोई साजिश नहीं हुई है.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बजट सत्र के दौरान सरकार के एजेंडे की झलक दिखाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि यह बजट विकसित भारत को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. पीएम ने कहा कि बजट में ऐसी नीतियां देखने को मिलेंगी जिससे 2047 में जब देश आजादी की 100वीं वर्षगांठ मना रहा होगा तब विकसित भारत की कल्पना को साकार किया जा सके.
पीएम मोदी ने इस बजट सत्र में युवा सांसदों की भागीदारी के महत्व पर भी ज़ोर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि युवा सांसदों को इस बजट सत्र में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए, ताकि विकसित भारत में युवाओं का दृष्टिकोण भी शामिल हो सके.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान एक और महत्वपूर्ण बात रेखांकित की. उन्होंने कहा कि सभी धर्मों की महिलाओं को बराबर हक और सम्मान मिलना चाहिए, और इस दिशा में सरकार के निर्णय बजट सत्र में देखने को मिलेंगे. प्रधानमंत्री मोदी का ये बयान ऐसे समय में आया है जब उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता को मंजूरी दे दी है, और देशभर में इस पर बहस चल रही है.
इसके आलावा पीएम ने मध्यम वर्ग की उम्मीदों को भी बल दिया. उन्होंने कहा कि इस बजट में मध्यम वर्ग और युवाओं के लिए सरकार के कदम सामने आएंगे. बजट से पहले इस बात की चर्चा चल रही है कि क्या इस बार इनकम टैक्स में मध्यम वर्ग को राहत मिल सकती है.
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