राज्यसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पूर्व PM मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) को लेकर कई बातें कहीं. लेकिन इस बार उनके भाषण में कांग्रेस नेता को लेकर कोई टॉन्ट या तंज नहीं था. कोई आलोचना या पलटवार भी नहीं. बस संसद और लोकतंत्र में मनमोहन सिंह के योगदान की सराहना थी. ये मौका संसद से मनमोहन सिंह की विदाई का था.
'मनमोहन सिंह ने लोकतंत्र को ताकत दी', PM मोदी को क्यों करनी पड़ी पूर्व PM की तारीफ?
राज्यसभा में प्रधानमंत्री Narendra Modi ने पूर्व पीएम Manmohan Singh का ज़िक्र पहले भी कई बार किया है. लेकिन इस विदाई भाषण में पीएम मोदी ने बिना कोई कटाक्ष किए, ना सिर्फ डॉ मनमोहन सिंह के बारे में बात की, बल्कि उनकी तारीफ भी की.
रिटायर हो रहे राज्यसभा सदस्यों की विदाई के दौरान 7 नवंबर को PM मोदी ने कहा,
मैं विशेष रूप से माननीय डॉक्टर मनमोहन सिंह जी का स्मरण करना चाहूंगा. नेता के रूप में भी और प्रतिपक्ष के नेता के रूप में भी उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है. वैचारिक मतभेद होते हैं. कभी बहस होती है लेकिन वो बहुत अल्पकालिक होता है. इतने लंबे अरसे तक उन्होंने सदन और देश का मार्गदर्शन किया है. जब भी लोकतंत्र की चर्चा होगी उसमें माननीय डॉ मनमोहन सिंह के योगदान की चर्चा भी जरूर होगी.
PM मोदी ने आगे कहा,
मैं सभी सांसदों से कहूंगा कि ये जो माननीय सांसद होते हैं जिस भी दल के हों, वो जिस तरह से अपने जीवन को कंडक्ट करते हैं, जिस तरह की प्रतिभा के दर्शन वो अपने कार्यकाल में कराते हैं उससे हमें सीखना चाहिए.
PM मोदी ने एक पुराना किस्सा शेयर करते हुए कहा,
मुझे याद है कि संसद में वोटिंग का अवसर था. पता था कि ट्रेजरी बेंच की ही जीत होने वाली है. अंतर भी बहुत था. लेकिन डॉ मनमोहन सिंह जी व्हीलचेयर में आए. वोट किया. एक सांसद अपने दायित्व के लिए कितना सजग है, वो उसका उदाहरण हैं. वो प्रेरक उदाहरण हैं. कभी कमिटी के चुनाव हुए वो तब भी व्हीलचेयर में वोट देने आए.
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PM मोदी ने कहा, सवाल ये नहीं कि वो किसको ताकत देने आए थे. मेरा मानना है कि वो लोकतंत्र को ताकत देने आए थे.
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