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पीएम मोदी ने समुद्र में जो डुबकी लगाई वो स्नॉर्कलिंग थी या स्कूबा डाइविंग?

पीएम मोदी ने अपने लक्षद्वीप दौरे की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की हैं. इन तस्वीरों में पीएम समुद्र किनारे सैर करने के साथ डुबकी लगाते भी दिखे.

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पीएम मोदी लक्षद्वीप दौरे के दौरान में एकदम अलग अंदाज में नजर आए. (फोटो- ट्वीटर)

पीएम नरेंद्र मोदी इस समय लक्षद्वीप में हैं. 4 जनवरी को उन्होंने अपने लक्षद्वीप दौरे की कुछ तस्वीरें X पर शेयर कीं जिनकी काफी चर्चा है. इनमें से कुछ में पीएम मोदी समुद्र किनारे गतिविधियां करते दिखे तो एक में वे समंदर में डुबकी लगाने की तैयारी में दिखाई दिए. दरअसल पीएम मोदी ने लक्षद्वीप में स्नॉर्कलिंग की है.

पीएम मोदी ने स्नॉर्कलिंग का लुत्फ उठाया

प्रधानमंत्री लक्षद्वीप में 1156 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने पहुंचे थे. कार्यक्रम के बाद वे लक्षद्वीप के खूबसूरत तटों की सैर पर निकले. बाद में उन्होंने इसकी तस्वीरें शेयर कीं और एडवेंचर पसंद लोगों को अपनी बकेट लिस्ट में इसे जोड़ने की सलाह दे दी. तस्वीरें शेयर करने के साथ उन्होंने लिखा है, “जो लोग एडवेंचर को पसंद करते हैं, उनकी लिस्ट में लक्षद्वीप जरूर होना चाहिए. अपने इस दौरे में मैंने स्नॉर्कलिंग का लुत्फ उठाया. क्या शानदार एक्सपीरियंस था.”

पीएम मोदी ने जो तस्वीरें शेयर की हैं उसमें दो लाइफगार्ड पीएम मोदी को स्नॉर्कलिंग करने में मदद कर रहे हैं. स्नॉर्कलिंग और स्कूबा डाइविंग में अंतर है. जोया अख्तर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा याद होगी आपको’. उसमें ऋतिक रोशन और कैटरीना कैफ समुद्र की गहराई में उतकर मछलियों के साथ जो खूबसूरत एक्सपीरियंस ले रहे थे, उसे स्कूबा डाइविंग कहते हैं.

तो फिर स्नॉर्कलिंग क्या है?

जिन लोगों का मन समुद्र की सुंदर-सुंदर मछलियों को देखने के लिए ललचाता है, लेकिन गहरे पानी में जाने से डर लगता है, उनके लिए होती है स्नॉर्कलिंग. इसमें आप समुद्र की सतह से थोड़ा ही अंदर रहकर समुद्री जीवन का नजारा ले सकते हैं. आपको बहुत गहरे पानी में उतरने की कोई जरूरत नहीं है.

पीएम मोदी की जो तस्वीरें आपने देखीं, उनमें उनके मुंह में एक ट्यूब लगी दिख रही है. इसे ‘स्नॉर्कल’ कह सकते है. इसे पहनकर ही पानी की सतह पर तैरते हुए लोग उसके नीचे की दुनिया और उसकी मनमोहक गतिविधियां देख सकते हैं. ये ट्यूब सांस लेने के लिए होती है. इसे लगाकर आप मुंह पानी में डूबा कर भी सांस ले पाते हैं.

स्नॉर्कलिंग के लिए बहुत खास तैयारी की जरूरत नहीं होती है. ना ही इसमें स्कूबा डाइविंग की तरह भारी-भारी तामझाम वाली चीजें पहननी होती हैं. सेहत ठीक हो तो कोई भी स्नॉर्कलिंग कर सकता है. लेकिन सलाह यही है कि अगर आपको कोई भी मेडिकल कॉम्प्लिकेशन है तो डॉक्टर की सलाह और एक्सपर्ट की निगरानी में ही ये एक्टिविटी करें.

स्नॉर्कलिंग कहां-कहां कर सकते हैं?

- लक्षद्वीप

- अंडमान और निकोबार

- केरल

- गोवा

- कर्नाटक

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