उन्होंने बताया,
"मेरा नाम कृष्णास्वामी है. मैं नानजप्पा सैथिराम का रहने वाला हूं. मैं घर के लिए लकड़ी लेने निकला था. मैंने हेलिकॉप्टर को नीचे गिरते हुए देखा. बहुत तेज आवाज आ रही थी. उसने एक पेड़ को जोरदार टक्कर मारी और तब ही उसमें से धुंआ निकला और आग लग गई, फिर वह जमीन पर गिरने से पहले एक और बड़े पेड़ से टकराया. फिर उसमें भीषण आग लग गई."कृष्णास्वामी आगे कहते हैं,
"मैंने जैसे ही यह नजारा देखा, तुरंत अपने पड़ोसी लड़के को बुलाया. उसने फायर बिग्रेड और पुलिस को फोन किया. इसके तुरंत बाद मैंने देखा कि कुछ लोग जलते हुए हेलिकॉप्टर से नीचे गिर रहे थे, दो या तीन लोग इस तरह से नीचे गिरे."स्वामी के मुताबिक इसके बाद आसपास के लोग इक्क्ठा हो गए. और सभी ने आग को बुझाने की कोशिश की. कुछ देर बाद अधिकारी भी आ गए. वे आगे कहते हैं, 'मैं बहुत परेशान हो गया था और एकदम सदमे में था, इसलिए फिर मैंने शवों को ले जाते हुए नहीं देखा. मैं घर आया और लेट गया."
घटनास्थल पर जांच करते अधिकारी (फोटो: इंडिया टुडे)
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह लाइफ सपोर्ट पर देश के पहले CDS बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश को लेकर सरकार की ओर से आज 9 दिसंबर को आधिकारिक बयान जारी किया गया है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद के दोनों सदनों में इस दुर्घटना के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने हादसे में मरने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि हादसे में बचे अकेले शख्स ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह वेलिंगटन के मिलिट्री हॉस्पिटल में लाइफ सपोर्ट पर हैं और उन्हें बचाने की कोशिशें जारी हैं. शुक्रवार 10 दिसंबर को निकाली जाएगी अंतिम यात्रा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक हादसे में मरने वाले सभी 13 लोगों के पार्थिव शरीर को इंडियन एयरफोर्स के विमान से आज दिल्ली लाया जाएगा. वहीं, आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी की पार्थिव देह को शुक्रवार 10 दिसंबर को उनके दिल्ली स्थित घर पर लाया जाएगा और जहां सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा. उसके बाद कामराज मार्ग से दिल्ली कैंटोनमेंट के बराड़ चौराहा श्मशान घाट तक उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी.