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'पेगासस स्पाइवेयर' से जुड़े थे iPhone पर मिले ‘थ्रेट नोटिफिकेशन’ के तार, शिकार बने ये दो भारतीय पत्रकार!

अंग्रेजी अखबार द वाशिंगटन पोस्ट और एमनेस्टी इंटरनेशनल की सुरक्षा लैब ने अपनी एक साझा जांच में ऐसा दावा किया है. वो दोनों भारतीय पत्रकार कौन हैं जिनको पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus spyware) के जरिए निशाना बनाया गया.

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दो भारतीय पत्रकारों को निशाना बनाया गया था. (सांकेतिक तस्वीर: Pexels)

पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus spyware) के इस्तेमाल से दो भारतीय पत्रकारों को निशाना बनाया गया था. ये मामला अक्टूबर महीने में iPhone पर मिले ‘थ्रेट नोटिफिकेशन’ से जुड़ा है. कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor), तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) और आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा (Raghav Chadha) के iPhone पर भी ये ‘खतरे वाला नोटिफिकेशन’ आया था. अब दावा किया गया है कि इस लिस्ट में दो पत्रकार भी शामिल हैं जिन्हें टारगेट किया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस ने एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) की जांच के हवाले से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. अंग्रेजी अखबार द वाशिंगटन पोस्ट और एमनेस्टी इंटरनेशनल की सुरक्षा लैब ने अपनी एक साझा जांच में दावा किया है कि दो भारतीय पत्रकारों के iPhone को इस स्पाइवेयर से टारगेट किया गया. इजरायली सर्विलांस फर्म NSO ग्रुप ने इस स्पाइवेयर को बनाया है. NSO ग्रुप एक साइबर-इंटेलिजेंस फर्म है. जो सरकारी एजेंसियों को सर्विलांस सॉफ्टवेयर्स का लाइसेंस देती है. NSO ग्रुप ने हमेशा दावा किया है कि वो सिर्फ सरकारों के साथ ही ऐसे सॉफ्टवेयर्स की डील करते हैं. और वो भी काफी जांच करने के बाद.

मामले पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrashekhar) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. सोशल मीडिया X (ट्विटर) पर उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट के ट्विट को रिपोस्ट करते हुए इसे आधा सच बताया है. उन्होंने लिखा,

"ये आधा सच है. और इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जा रहा है."

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उन्होंने आगे लिखा,

“इस पर Apple को सफाई देनी चाहिए कि उनके डिवाइस असुरक्षित हैं. और उन्हें बताना चाहिए कि ये ‘थ्रेट नोटिफिकेशन’ का कारण क्या था. Apple को IndianCERT (इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) की जांच में शामिल होने के लिए कहा गया था. बैठकें हुई और अभी पूछताछ जारी है.”

किन पत्रकारों को टारगेट किया गया?

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दावा किया है कि पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन (Siddharth Varadarajan) और आनंद मंगनाले (Anand Manganale) को टारगेट किया गया था. सिद्धार्थ वरदराजन द वायर के संस्थापक संपादक हैं. और आनंद मंगनाले ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) के साउथ एशिया एडिटर हैं. विपक्षी दलों के कई नेताओं समेत इन्हें भी अक्टूबर महीने में अपने iPhone पर 'थ्रेट नोटिफिकेशन’ मिले थे. जिसके बाद इन्होंने अपना फोन एमनेस्टी इंटरनेशनल को जांच के लिए दिया था.

हालांकि, एक्सप्रेस ने लिखा कि एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस बारे में जवाब नहीं दिया कि क्या उनके पास इन दो पत्रकारों के अलावा और लोगों के फोन भी जांच के लिए पहुंचे थे? और अगर पहुंचे थे तो बाकी डिवाइस की जांच में क्या पता चला?

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