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PCS-J परीक्षा में 50 छात्रों के रिजल्ट में गड़बड़ी की बात अब आयोग ने मानी, कोर्ट ने दिया 3 अगस्त तक का वक्त

याची ने एक RTI दायर की जिसमें PCS-J परीक्षा में विषयों की कॉपी दिखाने की बात कही. जब कॉपियां दिखाई गईं, तो पता चला कि अंग्रेजी की उत्तर पुस्तिका में किसी और की लिखावट थी. जो कि दूसरी उत्तर पुस्तिकाओं से भी मैच नहीं कर रही थी. जिसके बाद Allahabad High Court ने UPPSC से जवाब मांगा.

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कोर्ट ने आयोग को 3 अगस्त तक का समय दिया है (सांकेतिक तस्वीर, PTI)

2022 की PCS-J परीक्षा में गड़बड़ी की बात कही जा रही है. ख़बरों के मुताबिक जांच में पता चला है कि परीक्षा में उपस्थित 50 उम्मीदवारों की कॉपियां बदल दी गई थीं. इंटरमिक्सिंग की ये बात उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने, इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High court) के सामने मानी है. 

आजतक की खबर के मुताबिक, मामले में आयोग के उप सचिव ने हलफनामा भी दिया है. जिसमें गड़बड़ी वाले कैंडिडेट्स का रिजल्ट दोबारा 3 अगस्त तक जारी करने की बात भी कही गई है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में हो रही थी सुनवाई

श्रवण पांडेय नाम के एक छात्र की याचिका की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में हो रही थी. मामले में न्यायमूर्ति एस डी सिंह और न्यायमूर्ति अनीस कुमार ने दोनों पक्षों के तर्क सुने थे. खंडपीठ ने मामले को गंभीर बताया साथ ही लोक सेवा आयोग के चेयरमैन को हलफनामा दायर करने का निर्देश भी दिया. 

आजतक की खबर के मुताबिक, इस बारे में अधिवक्ता विभुराय ने जानकारी दी कि आयोग के उप सचिव ने हलफनामे में इंटरमिक्सिंग की बात मानी. बताया जा रहा है कि अब तक की जांच में पचास कैंडिडेट्स के रिजल्ट में इंटरमिक्सिंग की जानकारी मिली है. साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि इनके रिजल्ट फिर से निकाले जाएंगे. बता दें कि 8 जुलाई को याचिका की अगली सुनवाई होगी. 

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आयोग पर लगे गंभीर आरोप

आयोग पर याचिकाकर्ता ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि वह PCS-J मुख्य परीक्षा में साल 2022 में शामिल हुआ था. और परीक्षा का रिजल्ट 30 अगस्त 2023 को निकाला गया. लेकिन रिजल्ट में मुख्य परीक्षा के अंकों से याची असंतुष्ट था. फिर उसने आरटीआई दायर कर आयोग से जवाब मांगा.

जिसके बाद उसे 6 पेपर में दिए गए अंकों के बारे में पता चला. मालूम हुआ कि उसे अंग्रेजी के पेपर में 200 में से महज 47 नंबर मिले हैं. फिर शख्स ने एक और आरटीआई दायर की जिसमें विषयों की कॉपी दिखाने की बात कही. जब कॉपियां दिखाई गईं, तो पता चला कि अंग्रेजी की उत्तर पुस्तिका में किसी और की लिखावट थी. जो कि दूसरी उत्तर पुस्तिकाओं से भी मैच नहीं कर रही थी. हिन्दी की आंसरशीट के तीन-चार पेज फटे होने की बात भी कही जा रही है. 

इस सब पर कोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया. कहा कि अभ्यार्थी की कॉपी अदालत में पेश की जाएं. ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि लिखावट उनकी है या नहीं. मामले में अब आयोग ने इंटरमिक्सिंग की बात को मानी है, साथ ही सुधार का हलफनामा भी दायर किया है. 

परीक्षा में चुने गए लोग ज्वाइन कर चुके हैं

PCS-J परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद, चुने गए अभ्यार्थी ज्वाइन कर चुके थे. ऐसे में रिजल्ट फिर से आने पर आयोग कैसे भर्ती सुनिश्चित करेगा? इस सब पर भी कोर्ट ने जवाब मांगा. साथ ही चयन से बाहर और अंदर किए जाने की क्या प्रक्रिया होगी इस सब पर भी जानकारी मांगी जा रही है. इस सब के लिए कोर्ट ने 3 अगस्त तक का समय दिया है.

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