डिप्रेशन है वजह, या दूसरी बिरादरी के लड़के से प्यार करती थी दैनिक जागरण ने अपनी खबर में यही बताया है. अखबार के मुताबिक, स्निग्धा को किसी से प्यार था. MBBS की पढ़ाई करने के बाद वो कोलकाता से MS कर रही थी. वहीं पर IIT के एक लड़के से मिलना हुआ. दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे. शादी करना चाहते थे. दैनिक जागरण का कहना है कि स्निग्धा ने इस बारे में अपने परिवार से भी बात की थी. मगर घरवाले माने नहीं. क्योंकि लड़का किसी और जात का था. जिस तरह की सोसायटी है, उसमें ये कोई नामुमकिन सी बात नहीं.
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ये स्निग्धा और महेंद्र की सगाई के दिन की तस्वीर है. महेंद्र किशनगंज के जिलाधिकारी हैं. उनका परिवार भी पटना में ही रहता है (फोटो: आज तक)
पिता रिटायर्ड IG हैं, खुद डॉक्टर थी, शादी DM से हो रही थी स्निग्धा के पिता हैं उमा शंकर सुधांशु. रिटायर्ड IG हैं. स्निग्धा उनकी छोटी बेटी थी. खुद एक डॉक्टर थी. DM महेंद्र कुमार के साथ घरवालों ने तय की थी उसकी शादी. 8 दिसंबर को तिलक की रस्म हुई थी. शादी के लिए पटना का एक फाइव-स्टार होटल बुक था. पुलिस का कहना है कि ऐसा नहीं लग रहा कि किसी लव ऐंगल की वजह से स्निग्धा ने आत्महत्या की हो. वो डिप्रेशन को इस आत्महत्या की वजह बता रहे हैं.
कैसे क्या हुआ? घटनाक्रम यूं है कि पिछले कुछ दिनों से स्निग्धा रोज सवेरे कार लेकर घर से निकलती. कहती, टहलने जा रही है. मगर असलियत में वो मरने के लिए परफेक्ट इमारत तलाश रही थी. उसकी ये तलाश 'उदयगिरी अपार्टमेंट' पर जाकर खत्म हुई. ये पटना शहर की सबसे ऊंची रेजिडेंशल बिल्डिंग है. शायद स्निग्धा वहां से कूदने पर ज़िंदा बच जाने की कोई संभावना नहीं छोड़ना चाहती थी. 9 दिसंबर की सुबह तकरीबन सात बजे स्निग्धा अपनी कार से उदयगिरी अपार्टमेंट पहुंची. उसने अपनी कार में स्टूल रखा हुआ था. ताकि उसके सहारे रेलिंग पर चढ़ सके. वही स्टूल हाथ में थामे वो लिफ्ट की तरफ बढ़ी. बिल्डिंग के गार्ड ने उसे रोका. पूछा, किसके यहां जाना है. स्निग्धा ने 12वीं मंजिल पर रहने वाली एक महिला IAS अफसर का नाम बताया. गार्ड को कोई शुबहा नहीं हुआ, तो उसने स्निग्धा को जाने दिया. स्टूल लेकर स्निग्धा इमारत की छत पर पहुंची. वहां इत्तेफाक से वहां एक कुर्सी रखी थी. स्निग्धा ने कुर्सी के ऊपर अपना स्टूल चढ़ाया. चश्मा, फोन सब वहीं किनारे पर रख दिया. और नीचे कूद गई. लिफ्ट में चढ़ने और छत से कूदने के बीच तकरीबन 20-25 मिनट का फासला था.

ये उदयगिरी अपार्टमेंट है. इसी की छत से कूदकर स्निग्धा ने अपनी जान दे दी (फोटो: आज तक)
पुलिस कह रही है, आत्महत्या ही है स्निग्धा की कार के ड्राइवर का कहना है कि उदयगिरी अपार्टमेंट आने से पहले वो बोरिंग कनाल रोड की दो और इमारतों में गई थी. बिल्डिंग की CCTV फुटेज में स्निग्धा लिफ्ट में चढ़कर 13वीं मंजिल तक जाती दिखती है. इसके बाद सीढ़ियां चढ़कर वो छत पर पहुंची. उसे किसी ने छत से धक्का दिया हो, इस आशंका की भी जांच की पुलिस ने. जिस जगह से स्निग्धा कूदी, उसी जगह से उन्होंने एक पुतले को नीचे गिराया. मगर पुतला वहां नहीं गिरा, जहां स्निग्धा गिरी थी. पुलिस का कहना है कि ये आत्महत्या का ही केस लग रहा है.

मैं ये तस्वीर नहीं लगाना चाहती थी. किसी की लाश दिखाना काफी हिंसक होता है. मगर बस ये सोचकर मैं ये फोटो लगा रही हूं कि अगर इस मौत की वजह डिप्रेशन है, तो ये कितनी निराश करने वाली बात है. और अगर स्निग्धा ने इस वजह से जान दी कि उसके IG रहे पिता ने उसे अपनी मर्जी से शादी नहीं करने दी, तो ये स्थिति भी कितनी खौफनाक है (फोटो: आज तक)
लंबे वक्त से डिप्रेशन का इलाज चल रहा था कोतवाली पुलिस के SHO से बात हुई हमारी. इसी थाने के अंदर है ये मामला. थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस को अब तक कोई लव ऐंगल नहीं मिला है. पुलिस का कहना है कि स्निग्धा लंबे समय से डिप्रेशन में थी. डिप्रेशन का इलाज भी करा रही थी. काफी समय से दवाएं भी ले रही थी. गंभीर डिप्रेशन के मरीज़ के साथ ऐसा हो सकता है. उसमें जीने की इच्छा खत्म हो जाए, वो सुइसाइडल हो जाए, नई चीजों, नई परिस्थितियों से घबराए, ऐसा होना बिल्कुल मुमकिन है. डिप्रेशन में कई बार इंसान के अंदर जीने की, खुश रहने की, किसी चीज की उम्मीद नहीं रह जाती. वो अपनी जिंदगी के बारे में कुछ अच्छा सोच ही नहीं पाता. उसे जीने से ज्यादा आसान लगता है मर जाना. स्निग्धा खुद एक डॉक्टर थी. ये सब अच्छी तरह जानती होगी. फिर भी उसका ऐसा अंत हुआ, ये कितनी तकलीफ की बात है.
...और अगर प्यार में ही जान दी हो तो ये वजह भी बेहद खौफनाक है. सोचिए, इतनी ऊंची पोस्ट से रिटायर हुए पिता. बेटी MBBS कर चुकी है. MS कर रही है. अगर ये सच है कि स्निग्धा को किसी और जाति वाले से शादी नहीं करने दी गई और इसी वजह से उसने जान दी, तो अफसोस से अपना माथा ही फोड़ेंगे हम. पढ़ी-लिखी लड़की थी. डॉक्टर थी. अपने अधिकार जानती रही होगी. खुद कमा-खा सकती थी. बिना किसी पर निर्भर रहे जी सकती थी. अड़ जाती अपनी बात पर. मरी क्यों?
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