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'एक करोड़ दो नहीं तो...' सांसद बनने के कुछ दिन बाद ही पप्पू यादव पर रंगदारी मांगने का आरोप!

Purnia के सांसद Pappu Yadav के खिलाफ रंगदारी मामले में FIR दर्ज की गई है. उन पर ये FIR पूर्णिया के एक बड़े फर्नीचर व्यवसायी ने दर्ज करवाई है.

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पप्पू यादव पर रंगदारी मांगने का आरोप (फोटो: PTI)

बिहार के पूर्णिया से नवनिर्वाचित सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) मुश्किलों में घिर गए हैं. निर्दलीय सांसद और उनके सहयोगी के खिलाफ रंगदारी मामले में FIR दर्ज (Pappu Yadav booked in extortion case) की गई है. ये FIR पूर्णिया के एक बड़े फर्नीचर व्यवसायी ने दर्ज करवाई है.  व्यवसायी ने पप्पू यादव पर एक करोड़ रुपए मांगने का आरोप लगाया है.

पूर्णिया पुलिस के मुताबिक शिकायत में बताया गया है कि 4 जून को मतगणना वाले दिन पप्पू यादव ने बिजनेसमैन को अपने घर बुलाया था. जहां उनसे कथित तौर पर 1 करोड़ रुपये की मांग की गई. पीड़ित ने पुलिस को यह भी बताया कि पप्पू यादव ने पैसे ना देने पर उसे जान से मारने की धमकी दी है. शिकायत में बताया गया कि पप्पू यादव ने उनसे ये भी कहा कि अगले पांच साल तक वो पूर्णिया के सांसद रहने वाले हैं और उसे तब तक उनसे निपटते रहना होगा.शिकायत के बाद पप्पू यादव और उनके करीबी अमित यादव के खिलाफ मुफस्सिल पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कर लिया गया है. फिलहाल पुलिस इस मामले में जांच कर रही है.

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पप्पू यादव ने बताया षडयंत्र

इस पूरे मामले को लेकर निर्दलीय सांसद पप्पू यादव का जवाब सामने आया है. उन्होंने कहा,

“देश प्रदेश की राजनीति में मेरे बढ़ते प्रभाव और आम लोगों के बढ़ते स्नेह से परेशान लोगों ने आज पूर्णिया में घृणित षड्यंत्र रचा है. एक अधिकारी और विरोधियों की इस साजिश को पूर्ण रूप से बेनकाब करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के अधीन इसकी निष्पक्ष जांच करवाई जाए, जो दोषी हो उसे फांसी दे दें.”

निर्दलीय ही लड़ा था चुनाव

बताते चलें कि पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने पूर्णिया लोकसभा सीट (Purnia Lok Sabha Seat) से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था. जहां उन्होंने JDU के संतोष कुमार कुशवाहा को 30 हजार से अधिक वोटों से हराया था. दरअसल, लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही पप्पू यादव ने अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया. पप्पू यादव को उम्मीद थी कि उन्हें पूर्णिया से कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ने को मिलेगा, लेकिन जब इंडिया गठबंधन से सीटों का बंटवारा हुआ तो यह सीट राजद के खाते में चली गई. इसके बाद वो निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे थे. 

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