‘भारतीय हमारी पूरी टीम ले लें और एक साल के लिए कोहली दे दें.’
कौन है ये पाकिस्तानी पत्रकार, जिसने पूरी टीम के बदले 3 साल के लिए विराट कोहली को मांगा है
दोनों देशों में ट्रोल हुई हैं. ट्रोल करने वालों को इनके ये पांच ट्वीट देख लेने चाहिए.

आंखों वाली तस्वीर किसकी है नहीं मालूम. ये नज़राना ने फेसबुक प्रोफाइल में लगाई है.
चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान की शर्मनाक हार पर ये ट्वीट किया था पाकिस्तान की पत्रकार नज़राना गफ्फार ने. इसके बाद वो ट्विटर पर ट्रोल होने लगीं. जबकि उनका निशाना पाकिस्तान की क्रिकेट में बदहाली पर था. नज़राना को ट्रोल करने वालों को उनके बाकी ट्वीट भी देखने चाहिए. समझ आ जाएगा कि उनमें और उनको ट्रोल करने वालों में क्या फर्क है.
कौन हैं ये पत्रकार, जो पाकिस्तान और इंडिया दोनों देशों में ट्रोलबाजों की शिकार हो गईं. ये जानने के लिए पाकिस्तान तो गए नहीं, लेकिन 'गूगल बाबा' ने बताया कि नज़राना गफ्फार यूसुफज़ई पाकिस्तान में स्वात के मिंगोरा में पैदा हुईं. पाकिस्तान से ही कानून में एलएलएम की डिग्री हासिल की है. BBG यानी ब्रॉडकास्टिंग बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स में काम कर चुकी हैं. ये यूएस की न्यूज़ एजेंसी है. नज़राना ने वाशिंगटन में रहकर इसके लिए काम किया है. अभी वो 'वॉइस ऑफ़ अमेरिका' में काम कर रही हैं. नज़राना फेमिनिस्ट हैं. औरतों के मुद्दों पर लिखती हैं. उनके फेसबुक-ट्विटर अकाउंट पर जेंडर इशू और ह्यूमन राइट्स से ताल्लुक रखने वाली ढेर सारी पोस्ट मिलेंगी. 4 जून को चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में भारत ने विराट कोहली की कप्तानी में पाकिस्तान को ऐसी करारी शिकस्त दी, जिसको पाकिस्तानी याद रखेंगे. पाकिस्तानी टीम का सोशल मीडिया पर मज़ाक भी उड़ा. जोक बने. वीडियो बने. उसी में एक ट्वीट नजराना का था. लेकिन इसको लोग पचा नहीं पाए और ट्रोल करने लगे थे. एक यूजर ने लिखा, 'ये सब एक अलग देश की मांग के साथ शुरू हुआ था, तबसे ये सिलसिला बंद नहीं हुआ.' कुछ ट्वीट तो बेहद ही शर्मनाक आए. जिनको यहां दिखा पाना संभव नहीं है.
पाकिस्तानियों ने भी नज़राना पर ट्वीट किए. और इस डील को गलत बताया. https://twitter.com/Fasih_Uddin/status/872018155002105857?ref_src=twsrc%5Etfw&ref_url=http%3A%2F%2Fwww.jansatta.com%2Ftrending-news%2Fvirat-kohli-for-whole-pakistani-cricket-team-pakistani-journalist-nazrana-ghaffar-suggests-we-should-trade-gets-trolled-massively%2F343060%2F लेकिन जब नज़राना के बाकी ट्वीट देखे तो लगा वो कितनी सजग हैं जो ह्यूमन राइट्स की बात करती हैं. आप भी देख लीजिए उनके नमूने. 1. ये कटाक्ष है बुर्के पर. तालाब है. हरियाली है. खुला आसमान है. मगर औरतें बुर्के में हैं. नज़राना ने लिखा खुले में सांस ले रही हैं.
2. पाकिस्तान में एक मानसिक रूप से बीमार शख्स को पीटा गया था. दरअसल हुआ ये था कि उस शख्स ने खुद को अल्लाह का दूत बता दिया था. इस बातपर उसे मस्जिद में पीटा गया था. उस वक़्त तो मस्जिद के इमाम ने उसे बचाकर पुलिस के हवाले करवा दिया था. मगर भीड़ तो अक्ल से पैदल होती है. शोर की गुलाम होती है. शोर हुआ कि उस शख्स ने मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी की है. बस भीड़ पहुंच गई थी थाने उस शख्स को जान से मारने के लिए. पुलिस और भीड़ के बीच काफी हंगामा हुआ था. उस वक़्त की फोटो ट्विटर पर लगाते हुए नज़राना ने लिखा था कि ये भीड़ तब नहीं दिखती जब आतंकवादी 145 बच्चों (पेशावर में आर्मी स्कूल पर हमला) को मार देते हैं, लेकिन एक मानसिक रूप से बीमार आदमी को मारने के लिए जमा हो जाती है.
3. इस ट्वीट के बारे में क्या बताना. तस्वीर में सब साफ़ दिख रहा है. कैसे आतंक अक्ल का दुश्मन बन गया है.
4. तालिबान ने अफगानिस्तान पर हमला किया तो उसको उर्दू मीडिया ने पाकिस्तान में जो कवरेज दी, उसपर नज़राना ने लिखा, देखिए कैसे पाकिस्तानी मीडिया अफगानिस्तान पर हुए तालिबानी हमले की ख़ुशी मना रहा है जबकि ये वो ही तालिबान है जो पाकिस्तान को भी नहीं छोड़ता. जिस उर्दू अख़बार का फोटो लगाया है उसका नाम है 'उम्मत'. खबर की हेडिंग है, 'अफगान फौजियों के लिए ताबूत कम पड़ गए.'
5. नज़राना के इस ट्वीट को देखिए. जिसमें वो आतंकवाद से लड़ने की अपील कर रही हैं. उन्होंने लिखा कि पाराचिनार में एक शिया (पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय) को मार दिया गया. और ऐसा करके उन्होंने जन्नत कमा ली. अगर इस तस्वीर को देखकर भी कोई आतंकवाद के खिलाफ नहीं खड़ा होता है तो वो मरा हुआ है.






