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मिसाइल का जवाब मिसाइल! अब पाकिस्तान के ईरान पर जवाबी हमले की ख़बर आई

ईरान ने भी इस हमले की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी हमले में तीन महिलाएं और चार बच्चे मारे गए हैं.

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ईरान ने इस हफ़्ते सीरिया, ईरान और पाकिस्तान के ठिकानों पर मिसाइलें दागी हैं. (फ़ोटो - रॉयटर्स)

ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के हवाले से ख़बरें छपी थीं कि उन्होंने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक आतंकवादी संगठन - जैश उल-अद्ल - के दो ठिकानों पर हवाई हमला किया है. इसके बाद पाकिस्तान ने 17 जनवरी की सुबह बयान जारी किया कि ईरान के हमले में दो मासूम बच्चों की मौत हो गई है और तीन लड़कियां घायल हो गई हैं. अब पाकिस्तान ने ईरान के हमले का जवाब दिया है. मिसाइल के बदले मिसाइल.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि उन्होंने ईरानी हमले के जवाब में ऑपरेशन ‘मार्ग बार सर्माचर’ चलाया है. सटीक टार्गेटेड हमलों के दौरान कई ‘आतंकवादियों’ को मार दिया गया है. बयान के मुताबिक़,

“पिछले कई सालों में पाकिस्तान ने ईरान को ख़ुद को सरमाचर्स कहने वाले पाकिस्तानी मूल के आतंकवादियों को लेकर चिंताएं ज़ाहिर की हैं. पाकिस्तान ने इन आतंकवादियों की मौजूदगी और गतिविधियों के ठोस सबूत के साथ कई डोजियर भी साझा किए हैं. हालांकि, उनकी तरफ़ से कोई कार्रवाई नहीं की गई. नतीजतन सर्माचार अभी भी कई मासूमों का क़त्ल कर रहे हैं.”

ईरान ने भी इस हमले की पुष्टी की है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी हमले में तीन महिलाएं और चार बच्चे मारे गए हैं. सिस्तान-बलूचिस्तान के डिप्टी गवर्नर जनरल ने स्थानीय मीडिया को बताया कि मरने वाले सभी ग़ैर-ईरानी नागरिक हैं.

युद्ध होगा?

पाकिस्तान ने ईरान के हमले की कड़ी निंदा की थी. इसे पाकिस्तानी संप्रभुता का उल्लंघन बताया था और तेहरान में पाकिस्तान के दूत को वापस बुलाने का एलान कर दिया. ये भी कहा था कि करारा जवाब मिलेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ये भी कहा कि ईरान के राजदूत - जो इस वक़्त तेहरान में हैं - उन्हें पाकिस्तान में वापस आने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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दोनों देशों के बीच 900 किलोमीटर लंबी सीमा है. दोनों के बीच पुराना तनाव रहा है. दोनों देश एक-दूसरे पर सशस्त्र समूहों को सपोर्ट करने का, उन्हें शरण देने के आरोप लगाते रहे हैं. मई, 2023 में ही पाकिस्तान सीमा के पास झड़प हुई थी. इसमें छह ईरानी सीमा गार्ड मारे गए थे. फिर ईरान ने चेतावनी भी जारी की थी, कि पाकिस्तान को सुरक्षा बेहतर करनी चाहिए. एक महीने पहले पाकिस्तान के बलूचिस्तान में सीमा पार से गोलीबारी में चार पाकिस्तानी सैनिक भी मारे गए थे.

पाकिस्तान में दशकों से बलूच अलगाववादी समूह विद्रोह कर रहे हैं. उन्हें अलग बलूच राज्य चाहिए. दूसरी ओर, ईरान भी लंबे समय से कहता रहा है कि पाकिस्तान सुन्नी सशस्त्र समूह जैश अल-अद्ल के ख़िलाफ़ कार्रवाई करे. जैश अल-अद्ल (न्याय की सेना) पर आरोप हैं कि उन्होंने ईरान के कई अधिकारियों को निशाना बनाया है.

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विडंबना ये है कि हाल के दिनों में पाकिस्तान और ईरान के संबंध बेहतरी की दिशा में बढ़ रहे थे. अधिकारियों, नागरिकों और सैन्य स्तर पर बातचीत बढ़ रही थी.

ईरान के मिसाइलें दागने से कुछ घंटे पहले पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवर-उल-हक़ काकर स्विट्जरलैंड के दावोस में थे. विश्व आर्थिक मंच के मौक़े पर ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन से मुलाक़ात की थी.

दोनों देशों ने 16 जनवरी को होर्मुज की खाड़ी और जलडमरूमध्य में एक दिवसीय नौसैनिक अभ्यास में भी भाग लिया था.

हालांकि, पाकिस्तान के मिसाइल हमले के बाद स्थिति थोड़ी अराजक हो गई है. अभी तो दोनों देशों ने एक-दूसरे की स्टेट मशीनरी पर हमला नहीं किया है. सेना और नागरिकों को टार्गेट नहीं किया है. ‘आतंकी संगठनों’ पर हमले का दावा है. इसीलिए युद्ध होगा, ऐसा कहना जल्दबाज़ी है.

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