Imran Noshad Khan ने अपने मूल ट्वीट में आगे बताया कि उस बन्दे को समझाने की कोशिश की कि वो बस QR कोड है लेकिन भीड़ और व्यक्ति बहुत अग्रेसिव थे. वो कुछ भी कर सकते थे, इसलिए इमरान गाड़ी में बैठकर वहां से चले गए. इमरान ने ट्विटर पर आगे दावा किया कि जब वो निकलने लगे तो उस व्यक्ति ने जमात-उद-दावा से जुड़े होने की बात कही और ऊपर के लोगों से संपर्क होने की भी बात कही. उसने ये भी कहा कि वो कश्मीर में भी लड़ा है, इशारों में उसने धमकी भी दी.
Imran Noshad Khan के ट्वीट में कही गई बातें
पाकिस्तान में कुछ यूट्यूबर्स ने उसे जाहिल बताते हुए, उसकी क्लास भी लगाई.
वीडियो वायरल होने की वजह ये है कि शख्स की बातों का कोई सेन्स नहीं बन रहा है. वो सही तरीके से ये तक नहीं बता पा रहा है कि उसे मुहम्मद साहब का नाम किस हिस्से में नज़र आ रहा है. QR कोड की आड़ी-तिरछी आकृतियों में नाम खोजने का बचकाना दावा कर रहा है और आसपास खड़े लोग भी उसका कोई विरोध नहीं कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर छाया है ये वीडियो जाहिर है, वायरल हो रहा है तो जनता इसको ऐसे ही जाने नहीं देगी. भोपाल नाम के फेसबुक पेज पर शेयर हुए इस वीडियो पर झोला भर के कमेंट और रिएक्शन आए हैं.
फेसबुक पर भारतीय पेजेज पर वायरल है वीडियो.
लोगों ने बंदे की 'जीनियसनेस' और 'पारखी नजर' पर खूब मजे लिए. कुछ ने कहा कि 'सच ही तो है, गॉड हर जगह होते हैं', एक ने कहा 'ध्यान से देखों क्यूआर कोड में हूरों की भी तस्वीर होगी.' कुछ ने पढ़ाई-लिखाई की जरुरतों पर भी ज्ञान दिया.
लोगों ने मूर्खतापूर्ण बात पर जमकर मजे लिए.
यहां जो गंभीर बात है वो ये है कि पाकिस्तान में हालिया घटनाओं को देखें तो ईशनिंदा काफी संवेदनशील मामला है. यूट्यूब पर भी कुछ यूट्यूबर्स इस वीडियो को व्यू के लिए 'ईशनिंदा' जैसे टाइटल से शेयर कर आग में घी डाल रहे हैं. साथ ही उत्तेजक बातें करने वाले के जमात-उद-दावा से संबंध की बातें भी कही गई. ये सब ऐसे समय में हो रहा है, जब पिछले महीने ही सियालकोट में एक श्रीलंकाई मैनेजर के साथ, ईशनिंदा के आरोप में, लिंचिंग की घटना सामने आई थी.