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पाकिस्तान: शिया मुसलमानों के काफिले पर अंधाधुंध गोलीबारी, 40 लोगों की मौत

Pakistan Firing: कुछ वाहन एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रहे थे. बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया. प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं.

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घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है (सांकेतिक फोटो- आजतक)

पाकिस्तान में शिया मुसलमानों की गाड़ी पर हुए हमले में कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई (Pakistan Attack 40 Killed). लगभग 20 लोग घायल भी हुए हैं. घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है. पिछले कुछ महीनों से वहां बहुसंख्यक सुन्नी मुसलमानों और अल्पसंख्यक शियाओं के बीच सांप्रदायिक हिंसा के मामले सामने आ रहे हैं. इससे पहले भी दर्जनों लोग मारे जा चुके हैं. पुलिस का कहना है कि ताजा हमला इलाके के सबसे घातक हमलों में से एक है.

गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली ने बताया कि कुछ वाहन एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रहे थे. बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया. प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं. इधर, गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया. 

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.

कुर्रम के रहने वाले 35 साल के मीर हुसैन ने कहा कि उन्होंने चार बंदूकधारियों को एक वाहन से निकलते देखा और निकलते ही उन्होंने बसों और कारों पर गोलीबारी शुरू कर दी. बोले,

पास के खुले खेत से वाहनों के काफिले पर गोलीबारी की जा रही थी. लगभग 40 मिनट तक गोलीबारी जारी रही. मैं तब तक छुपा रहा जब तक हमलावर भाग नहीं गए. मैंने महिलाओं की चीखें सुनीं और लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे.

पीड़ितों में से एक के रिश्तेदार इब्ने अली बंगश ने कहा कि हमले में उनके समुदाय के 40 से ज्यादा लोग शहीद हुए हैं और ये सरकार के लिए शर्मनाक मामला है.

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बता दें, सुन्नी-बहुल पाकिस्तान की 24 करोड़ आबादी में शिया मुसलमान लगभग 15% हैं. दोनों समुदायों के बीच सांप्रदायिक दुश्मनी का इतिहास रहा है. हालांकि, दोनों समूह आम तौर पर शांति से साथ रहते हैं. लेकिन कुछ क्षेत्रों में दशकों से तनाव है. खासकर कुर्रम के कुछ हिस्सों में जहां शिया ज्यादा संख्या में रहते हैं.

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