पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) को लेकर केंद्र सरकार के साथ-साथ खुफिया एजेंसियों पर भी सवाल उठ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 24 अप्रैल को हुई सर्वदलीय बैठक में कथित रूप से सरकार ने माना कि इस मामले में सुरक्षा और खुफिया जानकारी के स्तर पर चूक हुई है. विपक्ष के सवालों पर सरकार ने कहा कि हमले को लेकर पहले से कोई सूचना नहीं थी. अब आजतक की एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक हमले से कुछ समय पहले एक खुफिया इनपुट दिया गया था.
पहलगाम हमले से पहले खुफिया अलर्ट आया था? रिपोर्ट में बड़ा दावा
आजतक की एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक हमले से कुछ समय पहले खुफिया एजेंसी की तरफ से लोकल पुलिस और प्रशासन को एक अलर्ट जारी किया गया था कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन ने कश्मीर में अपने लोकल सहयोगियों को इलाके के ‘होटलों की रेकी’ करने का निर्देश दिया है.

रिपोर्ट के मुताबिक बीती 4 अप्रैल को इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की तरफ से लोकल पुलिस और प्रशासन को एक अलर्ट जारी किया गया था. इसमें कथित तौर पर कहा गया था कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन ने कश्मीर में अपने लोकल सहयोगियों को इलाके के ‘होटलों की रेकी’ करने का निर्देश दिया है. रिपोर्ट कहती है कि यह जानकारी ‘SMAC (Subsidiary Multi-Agency Centre) के जरिए साझा भी की गई’ थी. लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कथित तौर पर इसे गंभीरता से नहीं लिया.
नोट: (SMAC (सब्सिडियरी मल्टी-एजेंसी सेंटर) भारत की खुफिया और सुरक्षा व्यवस्था का एक हिस्सा है, जो आतंकवाद रोधी प्रयासों के लिए बनाया गया है. ये इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अंतर्गत काम करता है.)
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रिपोर्ट में बताया गया है कि सुरक्षा बल इस ‘भ्रम’ में थे कि आतंकी पर्यटकों को निशाना नहीं बनाएंगे. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक एक ‘खुफिया अधिकारी’ ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सुरक्षा बलों को इस बात का बिल्कुल भी अंदेशा नहीं था कि आतंकवादियों की तरफ से पर्यटकों को निशाना बनाया जाएगा.
बीती 22 अप्रैल को आतंकियों ने मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से मशहूर बैसरन घाटी में पर्यटकों को निशाना बनाया था. अभी तक की जांच में ये बात सामने आई है कि इलाके में किसी भी तरह की सुरक्षा तैनाती नहीं होने के कारण आतंकियों ने यहां आए लोगों को निशाना बनाया. ये इलाका पहलगाम से करीब 5-7 किमी दूर है. इस इलाके में पहुंचने का रास्ता काफी दुर्गम है. यहां केवल पैदल या घोड़े से पहुंचा जा सकता है. ऐसे में हमले के बाद सेना और अर्धसैनिक बलों को मौके पर पहुंचने में काफी समय लगा और आतंकी तकरीबन काफी देर तक गोलीबारी करते रहे.
बताते चलें कि इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन TRF (The Resistance Front) ने ली है. NIA ने तीन संदिग्ध आतंकियों आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा का स्केच जारी किया है. साथ ही कोई भी जरूरी जानकारी देने पर 20 लाख रुपयों का इनाम देने की घोषणा की है. घटना के बाद पूरे कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
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