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पद्म पुरस्कार 2024: वेंकैया नायडू सहित 5 को पद्म विभूषण; मिथुन और राम नाईक को पद्म भूषण; 110 लोगों को मिलेगा पद्मश्री

गृह मंत्रालय ने 25 जनवरी को पद्म अवॉर्ड की लिस्ट जारी की. इसमें कुल 132 लोगों के नाम दिए गए हैं.

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वेंकैया नायडू, मिथुन चक्रवर्ती और राम नाईक (फाइल फोटो)

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार, 25 जनवरी को पद्म पुरस्कार 2024 (Padma Award 2024) की घोषणा कर दी गई. इस लिस्ट में 5 पद्म विभूषण (Padma Vibhushan), 17 पद्म भूषण और 110 पद्मश्री पुरस्कार शामिल है. एक्ट्रेस वैजयंती माला, भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और एक्टर चिरंजीवी को पद्म विभूषण दिए जाने की घोषणा की गई है.

वहीं मिथुन चक्रवर्ती, यूपी के पूर्व राज्यपाल राम नाईक और ऊषा उत्थुप सहित 17 लोगों को पद्म भूषण से सम्मानित किया जाएगा.

वहीं देश की पहली महिला महावत पार्वती बरुआ सहित अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले लोगों के लिए पद्मश्री (Padma Shri) पुरस्कार का ऐलान किया गया है. इस लिस्ट में आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता जागेश्वर यादव और सोमन्ना, पर्यावरणविद चार्मी मुर्मू और आदिवासी किसान सर्वेश्वर के नाम हैं. 

1. पार्वती बरुआ - हाथी की परी

असम की रहने वाली 67 साल की पार्वती बरुआ को सोशल वर्क के क्षेत्र में पशु कल्याण के लिए पद्मश्री दिए जा रहा है.

2.  जागेश्वर यादव - बिरहोर के भाई

छत्तीसगढ़ के जशपुर के आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता 67 साल के जागेश्वर यादव को सामाजिक कार्य के क्षेत्र में कमजोर जनजातीय समूह के लिए काम करने पर पद्म श्री दिया जाएगा. उन्होंने हाशिये पर पड़े बिरहोर और पहाड़ी कोरवा लोगों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित किया है.

3. चामी मुर्मू - सारायकेला की सहयोगी

झारखंड की रहने वाली चामी मुर्मू को पर्यावरण के क्षेत्र में उनके कार्यों के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. चामी मुर्मू ने 30 लाख से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए हैं और 30 हजार से ज्यादा महिलाओं को सशक्त किया है.

4. गुरविंदर सिंह- दिव्यांगजन की आशा

हरियाणा के सिरसा से 52 साल के दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता गुरविंदर सिंह ने बेघर, निराश्रित, महिलाओं की बेहतरी के लिए और अनाथ व दिव्यांगजनों के लिए काम किया. अपने अटूट समर्पण से उन्होंने 300 बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए बाल देखभाल संस्थान स्थापित किया और नाम रखा बाल गोपाल धाम.

5.  सत्यनारायण बेलेरी- सत्य का बीजारोपण

केरल के कासरगोड से चावल किसान 50 साल के सत्यनारायण बेलेरी को कृषि क्षेत्र में उनके कार्यों के लिए पद्मश्री दिया जाएगा. सत्यनारायण ने 650 से अधिक पारंपरिक चावल की किस्में संरक्षित किया है.

6. दुखू माझी

पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के सिंदरी गांव के आदिवासी पर्यावरणविद दुखू माझी को पर्यावरण के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा. दुखू माझी ने हर दिन अपनी साइकिल पर नए यात्रा करते हुए बंजर भूमि पर 5,000 से अधिक बरगद, आम और ब्लैकबेरी के पेड़ लगाए.

7. के. चेल्लम्मल - नारियल अम्मा

अंडमान और निकोबार के जैविक किसान के. चेल्लम्मल को जैविक कृषि के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जा रहा है. उन्होंने 10 एकड़ का जैविक फार्म सफलतापूर्वक विकसित किया है.

8. संगथंकिमा

मिजोरम के सबसे बड़े अनाथालय 'थुतक नुनपुइटु टीम' चलाने वाले आइजोल के सामाजिक कार्यकर्ता संगथंकिमा को बाल कल्याण क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा.

9. हेमचंद मांझी

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर के पारंपरिक औषधीय चिकित्सक हेमचंद मांझी को AYUSH- पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा. हेमचंद पांच दशकों से अधिक समय से ग्रामीणों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा दे रहे हैं.

10. यानुंग जमोह लेगो

अरुणाचल प्रदेश की हर्बल मेडिसिन एक्सपर्ट यानुंग जमोह लेगो को कृषि क्षेत्र में औषधीय पौधों के लिए ये सम्मान दिया जा रहा है. 

11. सोमन्ना

कर्नाटक के मैसूरु से आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता सोमन्ना 4 दशकों से अधिक समय से जेनु कुरुबा जनजाति की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं.  जेनु कुरुबा जनजाति नीलगिरि से शहद इकट्ठा करने के लिए जानी जाती है.

12. सरबेश्वर बसुमतारी

असम के चिरांग से आदिवासी किसान सरबेश्वर को कृषि क्षेत्र में मिक्स्ड इंटिग्रेटेड फार्मिंग अपनाने और नारियल, संतरा, धान, लीची और मक्का जैसी फसलों की खेती के लिए ये सम्मान दिया जा रहा है. सरबेश्वर पहले दिहाड़ी मजदूर थे.

13. प्रेमा धनराज

कर्नाटक की प्लास्टिक सर्जन और सामाजिक कार्यकर्ता प्रेमा धनराज को मेडिसिन के क्षेत्र में उनके काम के लिए सम्मानित किया जा रहा है. प्रेमा खुद बर्न विक्टिम रही हैं. प्लास्टिक सर्जन बनकर उन्होंने अपना जीवन बर्न विक्टिम की देखभाल के लिए समर्पित कर दिया.

14. उदय विश्वनाथ देशपांडे

महाराष्ट्र के इंटरनेशनल मल्लखंभ कोच उदय विश्वनाथ देशपांडे खेल के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा. अपने प्रयास से उदय विश्वनाथ ने मल्लखंभ वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई. 

बता दें कि पद्मश्री पुरस्कार के लिए 110 लोगों के नाम की घोषणा की गई है.