अमेरिका की एक अदालत ने हॉलीवुड फिल्म निर्माता हार्वे वेनस्टेन को रेप का दोषी करार दिए जाने के फैसले को पलट दिया है (Harvey Weinstein verdict overturned). 2020 में हार्वे को दोषी मानते हुए सजा सुनाई गई थी. लेकिन अब न्यूयॉर्क के कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की सुनवाई में ‘गलती’ की गई थी. गलती ये कि सुनवाई में उन महिलाओं की गवाही भी शामिल की गई, जिनके आरोप 2020 वाले केस का हिस्सा नहीं थे.
Harvey Weinstein को रेप का दोषी मानने वाला फैसला 'गलती' बता कर पलट दिया गया
ऑस्कर जीत चुके हॉलीवुड फिल्म निर्माता हार्वे वेनस्टेन को रेप का दोषी करार दिए जाने के फैसले को पलट दिया गया है. 2020 में दो महिलाओं के रेप/यौन उत्पीड़न के केस में हार्वे को दोषी मानते हुए सजा सुनाई गई थी. लेकिन अब न्यूयॉर्क के कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की सुनवाई में ‘गलती’ की गई थी.

इधर पीड़ित महिलाओं के वकील ने कहा है कि वो कोर्ट के नए फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और मामले को ऐसे ही नहीं जाने देंगे. वहीं कहा ये भी जा रहा है कि इस फैसले के बाद भी हार्वे की मुश्किलें कम नहीं होने वालीं. उसे केवल इस केस में राहत मिली है. एक और रेप केस में वो सजा-याफ्ता है. यानी हार्वे अभी जेल में ही रहेगा.
क्या था मामला?100 से भी ज्यादा महिलाओं ने हार्वे वेनस्टेन पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. इनमें हॉलीवुड अभिनेत्री ग्वेनेथ पाल्ट्रो, एंजेलिना जोली, सलमा हायेक जैसे नाम शामिल हैं. कुछ आरोप अदालत तक भी पहुंचे. उनमें से एक था न्यूयॉर्क कोर्ट का ये मामला, जिसका फैसला पलटा गया है.
द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक 2006 और 2013 में कथित यौन शोषण के दो मामलों में हार्वे पर मुकदमा चल रहा था. हार्वे पर एक एक्टर का रेप और एक प्रोडक्शन असिस्टेंट का यौन शोषण करने का आरोप लगाया गया था. दोनों महिलाओं की गवाही के बाद साल 2020 में फैसला दिया गया, जिसमें 72 साल के वेनस्टेन को दोषी पाया गया था.
कोर्ट ने हार्वे को 23 साल की सजा सुनाई थी. उस समय इसे दुनियाभर में चल रहे #MeToo मूवमेंट से जुड़ा एक अहम फैसला माना गया था.
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लेकिन 2020 के इस फैसले के खिलाफ अपील की गई. कहा गया कि ट्रायल जज को तीन अन्य महिलाओं की गवाही मामले में शामिल नहीं करनी चाहिए थी, क्योंकि उनके आरोप इस केस का हिस्सा नहीं थे.
दूसरी महिलाओं की गवाही का मामलास्थानीय रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि ऐसे बयान कोर्ट में नहीं शामिल किए जा सकते, जो पुराने गलत व्यवहार के आधार पर हों. ये न्यूयॉर्क के 1901 के एक कोर्ट केस से जुड़ा नियम है, जिसे मॉलिनेक्स रूल कहा जाता है. इसके मुताबिक गवाहियों से जुर्म करने की आदत को साबित नहीं किया जा सकता. हालांकि इसे जुर्म करने के मकसद के सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. इसी दलील का हवाला देते हुए केस से सीधे तौर पर नहीं जुड़ी महिलाओं की गवाही पर न्यूयॉर्क कोर्ट ने सवाल उठाए.
इस केस से जुड़ी रहीं द न्यूयॉर्क टाइम्स की पत्रकार जोडी कैंटर बताती हैं,
"हार्वे पर यौन अपराधों से जुड़े कई आरोप लगाए गए थे. लेकिन ज्यादातर अपराधों में कोर्ट केस करने लायक सबूत नहीं थे. न्यूयॉर्क ट्रायल में दो महिलाओं (के यौन शोषण) से जुड़े केस की सुनवाई चल रही थी. उनकी गवाही को मजबूत बनाने के लिए अन्य महिलाओं की गवाही भी केस में दर्ज की गई. इसे लेकर सवाल उठाते हुए ही न्यूयॉर्क कोर्ट ने अब ये फैसला दिया है."
कोर्ट का कहना है कि इस केस में पहले न्यायाधीश ने ऐसे फैसले लिए जो ठीक नहीं थे. अब अदालत कह रही है कि पहले वाले न्यायाधीश फिल्म निर्माता को लेकर पूर्वग्रह रखते थे, इसीलिए महिलाओं को उन आरोपों पर गवाही देने दिया गया जिनसे वो जुड़ी नहीं थीं.
वहीं मैनहैटन के डिस्ट्रिक्ट एटॉर्नी ऑफिस के प्रवक्ता ने महिलाओं के पक्ष में कहा,
जेल में ही रहेगा हार्वे“हमसे जो कुछ भी हो सकता है, हम करेंगे. और यौन उत्पीड़न की पीड़ित महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध रहेंगे.”
हालांकि इस फैसले के बाद भी हार्वे को जेल में ही रहना होगा. उसे 2022 में भी रेप के एक और मामले में 16 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. बताया जा रहा है ये सजा काटने के लिए उसे दूसरी जेल में भेजा जाएगा.
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