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विपक्षी एकता का बेड़ा गर्क? अधीर रंजन बोले- 'TMC चोरों की पार्टी, कांग्रेस जी हुजूरी नहीं करेगी'

इधर राहुल गांधी एकजुटता की बात कर रहे थे, उधर अधीर रंजन ने ममता को बुरी तरह सुना दिया.

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अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधा (फोटो- पीटीआई)

बिहार में विपक्षी दलों की बैठक के बीच कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने एकजुटता से पहले ही 'टूट' वाला बयान दिया है. अधीर रंजन ने कहा कि ममता बनर्जी को निशाने पर लेते हुए कहा कि बंगाल में आप हमें खत्म करना चाहती हैं और बाहर हम आपको मदद करने के लिए खड़े रहें. ये आप मत सोचा करो. अधीर रंजन ने जोर देते हुए कहा कि ये नामुमकिन है, बिल्कुल नामुमकिन है. अधीर रंजन लोकसभा में कांग्रेस के नेता हैं.

"दीदी को अभी ज्ञान होने लगा"

पत्रकारों से बातचीत में अधीर रंजन ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने ममता बनर्जी को कभी खुश करने की राजनीति नहीं की है और ना कभी करेगी. दरअसल, कांग्रेस ने ममता सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था. ये प्रदर्शन बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले हो रही हिंसा के खिलाफ हुआ था. इस पर ममता बनर्जी ने कहा था कि कांग्रेस को बड़ा दिल दिखाना पड़ेगा, आपस में लड़ेंगे तो बीजेपी को फायदा होगा. 

इस बयान पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हां दीदी, आपको अभी ज्ञान होने लगा है. आपके दिल में सूरज की किरण शायद घुसने लगी है. बिना कांग्रेस हिंदुस्तान में कुछ नहीं होने वाला है. ये जल्द से जल्द अगर आप एहसास कर लें, तो आपकी बेहतरी होगी.

अधीर रंजन ने आगे कहा,

"बंगाल में जब तक सत्तारूढ़ टीएमसी की दहशतगर्दी चलेगी, खून-खराबा, हिंसा, तनाव जारी रहेगा, कांग्रेस पार्टी को खत्म करने की साजिश जारी रहेगी, तब तक आप (ममता) निश्चिंत रहिये कि कांग्रेस पार्टी आपका विरोध करती रहेगी. चाहे आप पटना जाएं या दिल्ली जाएं, आप बंगाल में आकर यहां की कानून-व्यवस्था को सुधारिये."

कांग्रेस सांसद का ये बयान टीएमसी और कांग्रेस के बीच पिछले कुछ दिनों से चल रही बयानबाजी का एक्सटेंशन ही समझा जा सकता है. एक हफ्ते पहले ममता बनर्जी ने कहा था कि टीएमसी बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस का साथ देने को तैयार है. लेकिन CPI(M) से हाथ मिलाने के बाद बंगाल में हमसे सहयोग की उम्मीद न करें.

"ममता गठबंधन के प्रति ईमानदार नहीं"

वहीं, इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि ममता बनर्जी विपक्ष की बैठक में भाग लेने के लिए बाध्य हैं क्योंकि वह तेजी से अपना राष्ट्रीय कद खो रही हैं. ये राष्ट्रीय स्तर पर खुद को एक राजनीतिक नेता के रूप में स्थापित करने की एक चाल के अलावा और कुछ नहीं है. उन्होंने यहां तक कह दिया था कि ममता गठबंधन के प्रति बिल्कुल भी ईमानदार नहीं हैं. वह गठबंधन की राजनीति को हमेशा कमजोर करती रही हैं.

पिछले महीने ममता बनर्जी ने शर्तों के साथ कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही थी. ममता ने कहा था कि मजबूत पार्टी को प्राथमिकता देनी चाहिए. जहां कांग्रेस मजबूत है उसे वहां लड़ने दीजिए. लेकिन उसे (कांग्रेस) भी दूसरी पार्टियों को सपोर्ट करना पड़ेगा. हमने अनुमान लगाया है कि कांग्रेस 200 सीटों पर मजबूत है. अगर आप कुछ अच्छा चाहते हैं तो कुछ जगहों पर त्याग भी करना पड़ता है.

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