तारीख 25 अगस्त 2018. इस तारीख़ से ठीक एक साल पहले रोहतक की सुनारिया जेल में कैदी नंबर 8647 को बंद किया गया. उस कैदी को सीबीआई की एक विशेष अदालत ने दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों में 10-10 साल की सजा सुनाई थी. कैदी को जब सजा हुई तो उसके भक्तों ने हरियाणा और पंजाब में जमकर बवाल काटा. बात हो रही है जेल में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम जिसके अंधभक्त आज भी अपने इस गुरू को बेकसूर मानते हैं. एक साल बीत चुका है और गुरमीत अपनी ऐशो-आराम भरी जिंदगी से दूर जेल में एक आम कैदी की तरह रह रहा है. मगर अभी भी इसके भक्त अपने पिताजी के लिए पैसा और श्रद्धा लुटा रहे हैं.
सज़ा का ऐलान होने के बाद जेल ले जाया जाता राम रहीम
दैनिक भास्कर में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक गुरमीत जिस चमक-धमक से डेरे में रहता था, अब वो फीकी पड़ चुकी है. चेहरे की रंगत गायब. चमक गायब. काले बाल और दाढ़ी सफेदी में तब्दील हो गई हैं. जब जेल में उसे डाला गया था तो उसका वजन 105 किलो था. इसके ठीक एक साल बाद अब बाबा 92 किलो का रह गया है. जेल में बाबा को किसी भी तरह की कोई खास ट्रीटमेंट नहीं मिलती है. बल्कि एक आम कैदी की तरह उसे भी जेल में करीब 15 फीट लंबी और 10 फीट चौड़ी कोठरी नसीब हुई है, जहां उसके दिन-रात कटते हैं. सुबह पांच बजे उठाने के बाद उसे जेल के बरामदे में थोड़ा-बहुत टहलने दिया जाता है. टहलकदमी खत्म होने के बाद करीब सुबह साढ़े छह बजे बाबा को जेल के लॉन में ले जाया जाता हैं, जहां उससे सब्जियां उगवाई गई हैं. इन्हीं सब्जियों से कैदियों का खाना बनता है. बाबा को सीजनल सब्जियां उगानी होती हैं. ऐसा नहीं है कि उससे फ्री में सब्जियां उगवाई जाती हैं. सब्जियां उगाने के काम के लिए उसे 20 रूपए हर रोज के हिसाब से मजदूरी भी दी जाती है.
मेहनत के बाद उसे थोड़ा-बहुत खेलने भी दिया जाता है. उसकी कोठरी में बंद नंबरदार गुरमीत के साथ बैडमिंटन खेलते हैं. लेकिन जब उसे कैंटीन से सामान लेने या फिर किसी दूसरे काम के लिए कोठरी से बाहर निकाला जाता है, तो बाकी कैदियों को अंदर बंद कर दिया जाता है. ऐसा सुरक्षा के लिहाज़ से किया जाता है. घरवाले उससे मिलने आते रहते हैं. मिलने वालों की लिस्ट में उसकी मां, पत्नी, बेटा, बहू, दो बेटियां और दामाद शामिल हैं. परिवार की सदस्य न होने के बावजूद डेरे की मैनेजर शोभा गेरा और हनीप्रीत का नाम भी मुलाकातियों में लिखवाया गया है. गुरमीत ने फ़ोन पर भी घरवालों से बात करने की परमिशन मांगी है, लेकिन अभी मंजूरी नहीं मिली है.
रोज ऐसे भक्त आकर जेल के बाहर हाथ जोड़ते हैं.
बाबा की सारी काली करतूतों के सामने आने के बाद भी उसके अनुयायियों में कमी नहीं आई है. बीते 24 जून को पुलिस ने सुनारिया जेल के बाहर से नौ लोगों को गिरफ्तार किया था. ये लोग सिरसा से आए थे. गिरफ्तारी इसलिए की गई क्योंकि पहले ये सभी सुनारिया जेल के बाहर हाथ जोड़े खड़े थे. फिर गाड़ी में सवार होकर जेल के पास प्रतिबंधित क्षेत्र तक पहुंच गए. वहां लगे नाके पर पुलिस ने इन लोगों को तुरंत हिरासत में ले लिया था. राम रहीम के जेल में बंद होने के बाद से ही सुनारिया जेल के आसपास उसके अनुयायी यहां आते हैं. किसी को अंदर जाने की परमिशन नहीं है, इसलिए बाहर ही हाथ जोड़कर खड़े हो जाते हैं. किसी ने सुनारिया जेल की तरफ लगे बोर्ड पर भी एमएसजी लिख दिया था जो गुरमीत का निकनेम है. सोशल मीडिया पर भी ऐसे लोगों की फोटो खूब वायरल होती रहती हैं. इतना ही नहीं बीती 12 अगस्त को राम रहीम का जन्मदिन था, तो उसके भक्तों ने बोरे भर भर के ग्रीटिंग कार्ड भेजे थे. उस दिन मिले ग्रीटिंग कार्ड्स को तौला तो इनका वजन पूरे एक टन निकला. यही नहीं ट्रस्ट को लगातार डोनेशन भी मिल रही है.
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