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उमर अब्दुल्ला ने नए संसद भवन की जबर तारीफ कर दी, कहा- 'देखने में...'

नए संसद के निर्माण को गैर-जरूरी बताने वाले विपक्षी नेताओं को उमर अब्दुल्ला की बात हैरान कर देगी.

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उमर अब्दुल्लाह ने नए संसद भवन की तारीफ की. (फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नए संसद भवन पर ऐसी बात कह दी है जिसे जानकर बीजेपी नेता खुश हो जाएंगे. उन्होंने नए संसद भवन की तारीफ कर दी है. अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा है कि नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर मचे सियासी हंगामे को साइड कर दिया जाए तो इस नई इमारत का स्वागत किया जाना चाहिए. अपने ट्वीट में अब्दुल्ला ने नए भवन की बनावट की तारीफ की. लिखा,

"उद्घाटन को लेकर हो रहे हो-हल्ले को एक पल के लिए दरकिनार किया जाए तो ये इमारत स्वागत योग्य है. पुराने संसद भवन ने हमारी अच्छी सेवा की है. हालांकि एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने वहां कुछ वर्षों तक काम किया है, मैं बता सकता हूं कि हममें से कई लोग अक्सर एक नए और बेहतर संसद भवन की आवश्यकता के बारे में आपस में बात करते थे. देर आए दुरुस्त आए, मैं यही कहूंगा और यह बहुत शानदार लग रहा है."

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता इस ट्वीट पर बीजेपी नेताओं का खुश होना बनता है. पिछले कुछ दिनों से नए संसद भवन के निर्माण और उसके उद्घाटन के तरीके पर सियासी बवाल चल रहा है. कई विपक्षी दल अव्वल तो नए संसद भवन के बनने पर ही सवाल उठाते रहे हैं. उनका तर्क रहा है कि इस नई इमारत की कोई जरूरत नहीं थी. इसे बनाकर मोदी सरकार ने आम जनता का पैसा बर्बाद किया है. ये भी कहा जाता रहा है कि ये प्रोजेक्ट पीएम मोदी की महत्वाकांक्षा को पूरा करने का प्रयास भर है.

अब इसके उद्घाटन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किए जाने पर भी विपक्षी दलों का कड़ा विरोध है. वे चाहते हैं कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से नई संसद का उद्घाटन कराया जाना चाहिए था. ऐसा ना करके मोदी सरकार ने राष्ट्रपति होने के साथ-साथ आदिवासी समाज की प्रतिनिधि के रूप में भी द्रौपदी मुर्मु का अपमान किया है. तमाम विपक्षी नेताओं की तरह उमर अब्दुल्ला भी मोदी सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना करने के लिए जाने जाते हैं. लेकिन नए संसद भवन की जरूरत को अपनी हामी देकर उन्होंने इसके निर्माण को एक तरह से सही करार दे दिया है.

इस ट्वीट को उमर अब्दुल्ला ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई के एक ट्वीट को कोट करते हुए लिखा. इसमें एएनआई ने नए संसद भवन का वीडियो शेयर किया था.

इससे पहले ग़ुलाम नबी आज़ाद की पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी ने भी नए संसद पर मचे सियासी विवाद को 'बचकाना' बताया था. पार्टी के प्रवक्ता फिरदौस ने कहा था,

“ये इतना बड़ा मसला नहीं है, जितना बड़ा विपक्ष इसे बना रहा है. ये विपक्षी पार्टियों की बचकानी हरकत है. इस नए संसद भवन का एक विज़न है. प्रधानमंत्री मोदी का नए संसद भवन का उद्घाटन करना एक शानदार कदम है. इसका एजेंडा नहीं बनाना चाहिए.”

फिरदौस ने आगे ये भी कहा कि इस उद्घाटन को बॉयकॉट कर प्रधानमंत्री की बेइज़्ज़ती नहीं करनी चाहिए. नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई 2023 को PM मोदी के हाथों होना है.

वीडियो: कैसी है अपनी नई संसद, कहां पर बैठेंगे सभापति, पीएम मोदी और विपक्ष, अंदर और क्या-क्या?