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किम जोंग को ऐसी खुन्नस, दक्षिण कोरिया को जाने वाली सड़कों, रेल लाइनों को डायनामाइट से उड़ा दिया

पिछले हफ्ते ही उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर अपनी राजधानी प्योंगयांग में ड्रोन भेजने का आरोप लगाया था. कहा था कि इसके जरिए उत्तर कोरिया-विरोधी पर्चे गिराए गए.

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क्या ये उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच जंग शुरू होने का संकेत है? (उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की फाइल फोटो: KCNA और रॉयटर्स)

उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच महीनों से चल रहा तनाव और बढ़ गया है. उत्तर कोरिया ने आरोप लगाया है कि दक्षिण कोरिया ने उसकी राजधानी प्योंगयांग के ऊपर ड्रोन उड़ाए. ड्रोन के जरिए उत्तर कोरिया विरोधी पर्चे बिखेरे. इस दावे के साथ उत्तर कोरिया ने दक्षिण को चेताया है. कहा है कि उसे इसकी 'भारी कीमत चुकानी पड़ेगी'. 

इसके बाद उत्तर कोरिया ने उसे दक्षिण कोरिया से जोड़ने वाली सड़कों और रेलवे ट्रैक के कुछ हिस्सों को उड़ा दिया. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक फिर दक्षिण कोरिया की सेना ने चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाईं. वहीं इस बीच उत्तर कोरिया ने ये भी दावा कर दिया कि 14 लाख युवाओं ने सेना में शामिल होने के लिए अप्लाई किया है. तो क्या ये दोनों देशों के बीच जंग शुरू होने का संकेत है?

दरअसल, पिछले हफ्ते ही उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर अपनी राजधानी प्योंगयांग में ड्रोन भेजने का आरोप लगाया था. कहा था कि इसके जरिए उत्तर कोरिया-विरोधी पर्चे गिराए गए. उत्तर कोरिया ने कहा था कि उसने अपने सीमा सैनिकों को गोलीबारी के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है. वहीं दक्षिण कोरिया ने प्रतिक्रिया दी थी कि वो जवाब देने के लिए तैयार है. दक्षिण कोरिया ने चेतावनी दी थी कि अगर उसके नागरिकों की सुरक्षा को खतरा हुआ, तो ये 'उत्तर कोरियाई शासन के अंत' का संकेत होगा.

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इसके बाद मंगलवार, 15 अक्टूबर को उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया की ओर जाने वाली सड़कों और रेल लाइनों को डायनामाइट से उड़ा दिया. दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (JCS) ने बताया कि दोपहर के समय दक्षिण कोरिया से जुड़ी सड़क और रेल लाइनों के कुछ उत्तरी हिस्से नष्ट हो गए. उधर दक्षिण कोरियाई सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ यूनिफिकेशन ने इस घटना की निंदा की है. कहा है कि ये पिछले अंतर-कोरियाई समझौतों का उल्लंघन है.

वहीं 16 अक्टूबर को उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया KCNA की रिपोर्ट में कहा गया, 

"अगर युद्ध छिड़ता है, तो कोरिया गणराज्य नक्शे से मिट जाएगा. चूंकि वो (दक्षिण कोरिया) युद्ध चाहता है, इसलिए हम उसका अस्तित्व समाप्त करने को तैयार हैं."

KCNA की रिपोर्ट में दक्षिण कोरिया के आधिकारिक नाम, कोरिया गणराज्य (Republic of Korea) के शुरुआती अक्षरों ROK का इस्तेमाल किया गया है. न्यूज एजेंसी ने ये भी बताया है कि इस हफ्ते लगभग 14 लाख युवाओं ने सेना में शामिल होने या वापस लौटने के लिए अप्लाई किया है. एजेंसी के मुताबिक छात्र और यूथ लीग के अधिकारी सेना में शामिल होने के लिए आगे आए हैं.

16 अक्टूबर को बाद में, दक्षिण कोरिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान के उप विदेश मंत्रियों ने सियोल में वार्ता के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उत्तर कोरिया की निंदा की गई. कहा गया कि ड्रोन घुसपैठ का दावा और दक्षिणी सीमा को सील कर उत्तर कोरिया ने 'जानबूझकर तनाव बढ़ाने' का काम किया है.

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