उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के जिला अस्पताल में मरीजों को दी जा रही दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गईं (Noida Medicine Failed Quality Test). नोएडा स्थित इस अस्पताल की दवाओं के बैच का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था. 9 अक्टूबर को टेस्ट रिपोर्ट आई तो पता चला कि दवाएं घटिया स्तर की थीं. अधिकारियों ने जानकारी दी कि रिपोर्ट सामने आने के बाद दवाएं जब्त कर ली गई हैं. साथ ही दवाओं के स्टॉक का आगे वितरण रोक दिया गया है.
नोएडा के सरकारी अस्पताल में दी जा रही दवाएं टेस्ट में फेल, जांच में असलियत पता चली
गौतम बुद्ध नगर के ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि पिछले हफ्ते नियमित परीक्षण के लिए अस्पताल से तीन अलग-अलग दवाओं के नमूने लिए गए थे जो कि एक मानक प्रक्रिया का हिस्सा है. दवाओं के सैंपल को लखनऊ की एक केंद्रीय प्रयोगशाला में भेजा गया. फिर इनकी असलियत सामने आई.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इंदौर की एक फार्मा कपंनी नोएडा के जिला अस्पताल को एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लावुलनेट आईपी 625 एमजी दवा की सप्लाई कर रही थी. यही एंटीबायोटिक दवा क्वालिटी टेस्ट में फेल हुई है. गौतम बौद्ध नगर के ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि पिछले हफ्ते नियमित परीक्षण के लिए अस्पताल से तीन अलग-अलग दवाओं के नमूने लिए गए थे जो कि एक मानक प्रक्रिया का हिस्सा है. दवाओं के सैंपल को लखनऊ की एक केंद्रीय प्रयोगशाला में भेजा गया. जांच में पता चला कि दवाएं घटिया थीं.
जय सिंह ने बताया,
एमोक्सिसिलिन ने जरूरी 90% मानक को पूरा किया. लेकिन पोटेशियम क्लैवुलनेट की मात्रा 81% थी जो 90% होनी चाहिए. यही दवा की प्रभावशीलता को बढ़ाती है. दवा से कोई नुकसान नहीं होता. बस वो कम प्रभावी है. हमने सैंपलिंग के समय दवाएं जब्त नहीं कीं. टेस्ट रिपोर्ट मिलने तक अस्पताल को वितरण जारी रखने की अनुमति दी गई थी.
उन्होंने कहा,
टेस्ट के नतीजों ने समस्या का संकेत दिया तो वितरण को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई की गई. हमने अस्पताल के स्टोर प्रभारी को नोटिस जारी किया है.
जिला अस्पताल, गौतमबुद्ध नगर की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रेनू अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने एंटीबायोटिक दवाओं का वितरण बंद कर दिया है और बचा हुआ स्टॉक सप्लायर को वापस किया जा रहा है. उन्होंने कहा,
अस्पताल ये सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि हमारी देखभाल में मौजूद लोगों को केवल हाय क्वालिटी वाली, प्रभावी दवाएं ही उपलब्ध कराई जाएं. हमने एंटीबायोटिक की लगभग 8,000 गोलियां खरीदी थीं और उन्हें पिछले 45 दिनों में पेशेंट को वितरित किया था.
FDSA के मुताबकि, दवा सप्लायर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा रही है.
वीडियो: कैंसर की नकली दवा बेचने वाले रैकेट का भंडाफोड़, किन बड़े-बड़े अस्पतालों के कर्मचारी शामिल?