साहित्य के नोबेल का एलान हो गया है. फ़्रांसीसी लेखिका ऐनी एर्नौ (Annie Ernaux) को 2022 का साहित्य नोबेल पुरस्कार (Literature Nobel) दिया गया है. एलान करते हुए नोबेल समिति ने कहा,
इस लेखिका को मिला साहित्य का नोबेल, क़लम को चाकू कहती हैं!
फ़्रांसीसी लेखिका ऐनी एर्नौ को 2022 का साहित्य नोबेल पुरस्कार (Literature Nobel) दिया गया है.
कौन हैं ऐनी एर्नौ?''जिस साहस और मंझी हुई भाषा के साथ वो अपने व्यक्तिगत अनुभवों की जड़ों, मनमुटावों और सामूहिक क्रूरता की परतें उधेड़ती हैं, उसके लिए उन्हें ये नोबेल दिया जा रहा है."
जन्म हुआ था 1940 में. नॉर्मैंडी के छोटे से शहर यवेटोट में. वहीं पली-बढ़ीं. माता-पिता की एक किराने की दुकान थी. और, कैफ़े था. फ़्रांस के रूएन और फिर बॉर्डो विश्वविद्यालयों से आधुनिक साहित्य में डिग्री ली. फिर फ्रेंच नाटककार-नॉवेलिस्ट मारीवॉ पर एक थीसिस पर काम किया, लेकिन वो थीसिस कभी पूरी नहीं हुई.
लेखन का सफ़र लंबा और कठिन रहा. 34 साल की हुईं, तब अपनी साहित्यिक यात्रा शुरू की. पहली किताब का नाम था, 'क्लीन्ड आउट'. उपन्यास के रूप में लिखी गई एक आत्मकथा. करियर के शुरुआती दौर में ही उन्होंने आत्मकथात्मक गद्य ही लिखे. उनकी लिखाई मूलतः ऐतिहासिक और व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित है. 1984 में उन्हें अपनी रचना 'ला प्लेस' के लिए फ्रांस का प्रतिष्ठित सम्मान रेनॉडॉ मिला. ये किताब, पिता के साथ उनके संबंधों, फ्रांस के छोटे से शहर में बड़े होने और फिर माता-पिता से दूर होने के उनके तजुर्बों पर आधारित है.
ऐनी ने कई मौक़ों पर कहा है कि लेखन असल में एक राजनीतिक काम है. समाज की असमानताओं के प्रति हमारी आंखें खोलता है. कलम को वो 'चाकू' कहती हैं, जिससे कल्पना के पर्दे फाड़े जाएं. नोबेल पुरस्कार समिति ने भी कहा,
"अपने लेखन के ज़रिए ऐनी ने लिंग, भाषा और वर्ग की ग़ैर-बराबरियों को चिह्नित किया है. और, वैसा ही जीवन जिया है."
आगे कहा कि ऐनी का लिखा आज़ादी के पक्ष में है. उनका काम तुलना से परे है और सरल भाषा में लिखा साफ़-सुथरा साहित्य है.
साहित्य में 2021 का नोबेल मिला था तंजानिया के नॉवेलिस्ट अब्दुल रज़ाक गुरनाह को. उपनिवेशवाद के प्रभावों और खाड़ी देशों में हुए पलायन पर उनके काम के लिए.
हिटलर का वो काम जिसने उसे नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित करवा दिया