बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार कब तक बनी रहेगी? इसे लेकर कयासों का बाज़ार गर्म हो गया है. जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल के बीच सबकुछ ठीक नहीं होने के दावे किए जा रहे हैं. इसकी पहली झलक हमें नीतीश कुमार के परिवारवाद वाले बयान में मिली. फिर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्या के ट्वीट्स ने अनबन की खबरों को और मजूबती दे दी. इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आई कि नीतीश कुमार मौजूदा गठबंधन से खुद को अलग कर सकते हैं और एक बार फिर बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. एक दावा बीजेपी को लेकर भी आया. दावा किया गया है कि बीजेपी एक बार फिर नीतीश के साथ गठबंधन कर सकती है, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री उनका होगा.
टूट जाएगा नीतीश-लालू का 'महागठबंधन'! बीजेपी हरकत में, आरजेडी भी पीछे नहीं
सूत्रों के हवाले से खबर आई कि नीतीश कुमार मौजूदा गठबंधन से खुद को अलग कर सकते हैं और एक बार फिर बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. वहीं, बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि वो नीतीश के साथ आने के लिए तैयार हैं मगर एक शर्त के साथ.
ये तो जानकारी थी दावों की और पुराने बयानों की. इस बीच पटना के मौजूदा हालात ये हैं कि नीतीश कुमार के घर पर उनकी पार्टी के नेताओं का आना शुरू हो गया है. उधर बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, सांसद अश्विनी चौबे और केसी त्यागी दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. वहीं, राष्ट्रीय जनता दल 122 के जादुई आंकड़े के लिए जोड़ घटाव करने में जुट गई है.
बीजेपी की शर्त और दिल्ली रवाना हुए कई नेतासूत्रों के हवाले से खबर आई कि बीजेपी एक बार फिर जेडीयू के साथ आने को तैयार है, लेकिन इस बार अपनी शर्तों पर. शर्त ये है कि इस बार मुख्यमंत्री की कुर्सी उसके पास रहेगी. इन सब घटनाक्रम के बीच ये जानकारी भी सामने आई कि बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद अश्विनी चौबे और जेडीयू नेता केसी त्यागी पटना से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. उधर सीएम आवास,1 अने मार्ग पर हलचल तेज हो गई है.
इस बीच आरजेडी के खेमे से भी खबरें आ रही है. अगर गठबंधन टूटता है तो पार्टी अपने दम पर सरकार बनाना चाहेगी और इसके लिए चाहिए 122 का जादुई आंकड़ा. पार्टी के पास विधानसभा में कुल 79 विधायक हैं. इसके अलावा उसे इंडिया ब्लॉक से कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों का साथ मिल सकता है. बता दें कि कांग्रेस के पास 19 सीटें और लेफ्ट के हिस्से में 16 सीटें हैं. यानी कुल मिलाकर 114. बहुमत के आंकड़े से 8 दूर. लालू कैंप इन 8 विधायकों को जुगाड़ने में लग गया है. उसकी नज़र जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' के चार विधायक, एआईएमआईएम के एक विधायक और सुमित सिंह के रूप एक निर्दलीय विधायक पर है. इसके अलावा भी पार्टी दो और विधायकों की ज़रूरत पड़ेगी.
रोहिणी आचार्या ने साधा निशाना़गुरुवार के दिन मामले को तूल मिला लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्या के ट्वीट्स से. उन्होंने तीन पोस्ट किए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर. पहले में लिखा, 'समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा है, हवाओं की तरह बदलती जिनकी विचारधारा है...'. रोहिणी ने आगे लिखा, 'खीज जताए क्या होगा, जब हुआ न कोई अपना योग्य विधि का विधान कौन टाले, जब खुद की नीयत में हो खोट.' और आखिरी पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'अक्सर कुछ लोग नहीं देख पाते हैं अपनी कमियां, लेकिन किसी दूसरे पर कीचड़ उछालने के लिए करते रहते हैं बदतमीजियां'. गौर करने वाली बात है कि इन तीनों ट्वीट्स में कहीं भी नीतीश कुमार या जेडीयू का नाम नहीं लिया गया था, लेकिन भाव खिलाफ में चला गया. सियासी हंगामा मच गया. फिर रोहिणी ने बिना कोई सफाई दिए इन पोस्ट को अपने एक्स प्रोफाइल से हटा लिया. इस बीच आज तक को सूत्रों के हवाले ये भी खबर मिली कि नीतीश कुमार ने रोहिणी आचार्य के सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में जानकारी मांगी है.
कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर इस बयान से मचा बवालदरअसल, बीते मंगलवार यानी 23 जनवरी 2024 को केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया था. और 24 जनवरी 2024 को उनकी जयंती का कार्यक्रम. इस दौरान नीतीश कुमार ने बिना किसी पार्टी या नेता का नाम लिए परिवारवाद की राजनीति पर हमला किया. जिसे आरजेडी से जोड़कर देखा जाने लगा. इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने कहा था,' कर्पूरी ठाकुर ने कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया. आजकल लोग अपने परिवार को बढ़ाते हैं. कर्पूरी ठाकुर के नहीं रहने के बाद उनके बेटे रामनाथ ठाकुर को हमने बनाया. हमने भी कर्पूरीजी से सीखकर परिवार में किसी को नहीं बढ़ाया. हम हमेशा दूसरे को बढ़ाते हैं.
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