बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद आरक्षण का दायरा बढ़ाने की कवायद ने जोर पकड़ ली है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में SC, ST और OBC वर्गों के लिए आरक्षण का दायरा 50% से बढ़ाकर 65% करने का प्रस्ताव पेश किया है. लेकिन इससे ज्यादा चर्चा हो रही है उनके जनसंख्या नियंत्रण पर दिए एक बयान की. बिहार में जनसंख्या नियंत्रण पर बोलते हुए नीतीश ने कहा कि जनसंख्या में कमी नहीं आएगी क्योंकि पुरुष जिम्मेदारी नहीं लेते हैं, जबकि महिलाएं अशिक्षित हैं (Nitish Kumar on population control). इसी बीच उन्होंने कुछ ऐसा कहा जिसके बाद विपक्ष ने नीतीश पर अभद्र भाषा और राज्य की छवि खराब करने का आरोप लगाया है.
'जो पुरुष है, ऊ रोज रात में...', जनसंख्या नियंत्रण पर अनियंत्रित बात कह गए नीतीश कुमार
जनसंख्या नियंत्रण पर नीतीश ने कहा कि जनसंख्या में कमी नहीं आएगी क्योंकि पुरुष जिम्मेदारी नहीं लेते हैं, जबकि महिलाएं अशिक्षित हैं. लेकिन वो ऐसी बात भी बोल गए जिस पर अब बवाल हो गया है.
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बिहार विधानसभा में बोलते हुए नीतीश ने कहा,
“'जो पुरुष है, उ तो रोज रात में जे शदिया (शादी) होता है उसके साथ करता है ना. तो उसी में और पैदा हो जाता है. और लड़की पढ़ लेती है. इ हमको मालूम था. ये करेगा ठीक है…”
अब इसके बाद नीतीश कुमार ने जो कहा है, उसी पर बवाल हो गया है.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक इस बयान को लेकर पूरे सदन में अजीब स्थिति देखने को मिली. कुछ विधायक हंस दिए तो कुछ असहज हो गए. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक विधानसभा की कुछ महिला सदस्य नीतीश की बात पर झेंप गईं.
वहीं नीतीश ने अपने बयान को लेकर सवाल उठाए जाने पर सदन में कहा,
BJP ने घेरा“आप वार्ड और पंचायत वार आंकड़े की मांग कर रहे हैं. वो भी कह देंगे, जारी कर दिया जाएगा.”
नीतीश कुमार के बयान पर BJP ने तुरंत उनको घेर लिया. पार्टी के नेता तारकिशोर प्रसाद ने कहा,
“देखिए उस बात को और अच्छे और बेहतर शब्दों में कहा जा सकता था.”
वहीं BJP विधायक निक्की हेम्ब्रोम ने कहा,
आरक्षण का दायरा बढ़ेगा!“नीतीश जिस बात को कह रहे थे उसे मर्यादित तरीके से कहा जा सकता था. महिलाओं के प्रति उनकी नजर में कोई सम्मान नहीं है.”
आरक्षण बढ़ाने के प्रस्ताव की बात करें तो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण 16 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाएगा. वहीं अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 1 फीसदी से बढ़ाकर 2 फीसदी करने की बात कही गई है. EBC और OBC वर्ग को मिलाकर 43 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. पहले महिलाओं को 3 फीसदी आरक्षण दिया जाता था. जिसे अब खत्म करने की बात कही गई है.
सीएम नीतीश ने बिहार विधानसभा में जातिगत आर्थिक सर्वे के आंकड़े पेश करते हुए बताया कि किस वर्ग और किस जाति में कितनी गरीबी है. रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में पिछड़ा वर्ग के 33.16 फीसदी, सामान्य वर्ग में 25.09 फीसदी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58 फीसदी, SC के 42.93 फीसदी और ST 42.7 फीसदी गरीब परिवार हैं.
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