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चुनाव जीतने के लिए नितिन गडकरी ने 'घर-घर बंटवाया था मटन', हारे या जीते?

नितिन गडकरी का बयान हैरान कर देगा.

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद के एक कार्यक्रम में शामिल होने नागपुर पहुंचे थे. (फाइल फोटो- PTI)

चुनाव में वोटरों को रिझाने के लिए नेता लोग सिर्फ पैसा नहीं बांटते, कई तरह की तिकड़में भी लड़ाते थे. इन हथकंडों से मतदाता नेताओं के लपेटे में आते हैं या नहीं आते, इस पर आम लोगों और जानकारों की अपनी-अपनी राय हो सकती है. लेकिन केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का मानना है कि वोटर चुनाव लड़ने वाले नेताओं की बातों या उनके झांसों में नहीं फंसते हैं. उन्होंने अपने ही अनुभव से ये बात कही है. बताया कि एक बार चुनाव में उन्होंने खुद एक-एक किलो मटन वोटरों के घरों में बंटवाया था, इसके बावजूद उन्हें हार मिली.

सावजी मटन पहुंचाया, फिर भी हारे चुनाव

आजतक से जुड़े योगेश पांडे की रिपोर्ट के मुताबिक नितिन गडकरी महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद के एक कार्यक्रम में शामिल होने नागपुर पहुंचे थे. कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए उन्होंने बताया कि लोग चुनावों में पोस्टर लगाकर, खिला-पिलाकर जीत के आते हैं. उनको इन सब चीजों में विश्वास नहीं है. उन्होंने आगे बताया,

“मैंने कई चुनाव लड़े हैं. मैं हर तरह के प्रयोग कर चुका हूं. मैंने एक बार एक प्रयोग किया था और लोगों के घरों में एक-एक किलो सावजी मटन पहुंचाया था. लेकिन फिर भी हम चुनाव हार गए.”

नितिन गडकरी ने आगे बोलते हुए कहा, 

“लोग बहुत होशियार होते हैं. लोग बोलते हैं, जो दे रहा है उसका खा लो. अपने बाप का ही माल है. लेकिन वोट उसी को देते हैं, जिसे वो देना चाहते हैं. जब आप लोगों में विश्वास पैदा करते हो तभी वो आप पर विश्वास करते हैं. लोगों को किसी भी पोस्टर और बैनर की जरूरत नहीं पड़ती. ऐसे वोटर को किसी भी लालच की कोई जरूरत नहीं होती है, क्योंकि उसको आप पर विश्वास होता है और ये लोग लॉन्ग टर्म होते हैं, कोई शॉर्ट टर्म नहीं.”

वोटर के दिल में विश्वास पैदा करें

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि होर्डिंग्स लगाने या मटन पार्टी देने से कोई चुनाव नहीं जीता सकता. चुनाव जीतने के लिए जनता का विश्वास और प्यार बनाएं. चुनाव के दौरान प्रलोभन देने के बजाए लोगों के दिल में विश्वास और प्यार पैदा करें.

केंद्रीय मंत्री ने ये भी बताया कि चुनाव का टिकट पाने के लिए नेताओं में कैसी होड़ रहती है. उन्होंने कहा,

"लोग कहते हैं सर सांसदी का टिकट दे दो. नहीं तो विधायकी का टिकट दे दो. या MLC बना दो. ये नहीं तो कोई आयोग दे दो. ये सब भी नहीं तो मेडिकल कॉलेज दे दो. या फिर इंजीनियरिंग कॉलेज या BEd कॉलेज दे दो. ये नहीं हुआ तो प्राइमरी स्कूल दे दीजिए. इससे मास्टर की आधी पगार हमें मिल जाएगी."

गडकरी ने अंत में कहा कि इन सब चीजों से देश नहीं बदलता. 

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