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कांग्रेस ने नितिन गडकरी के वीडियो में क्या बड़ी 'गड़बड़' की? जो मंत्री ने कानूनी नोटिस भेज दिया

Nitin Gadkari का आरोप है कि Congress ने भ्रम, सनसनी और बदनामी पैदा करने और BJP में दरार डालने के इरादे से इंटरव्यू के संदर्भ को छिपाने की कोशिश की. गडकरी ने क्या कहा था लल्लनटॉप को दिए इस इंटरव्यू में?

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो)

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कांग्रेस (Congress) के दो बड़े नेताओं मल्लिकार्जुन खरगे और जयराम रमेश को कानूनी नोटिस भेजा है. मामला उनके एक इंटरव्यू के वीडियो से जुड़ा है. नितिन गडकरी ने लल्लनटॉप को एक इंटरव्यू दिया था जिसका एक हिस्सा कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया. आरोप है कि इंटरव्यू के एक हिस्से को कांग्रेस ने गलत तरह से काटकर पेश किया.

1 मार्च को कांग्रेस ने X पर नितिन गडकरी का 19 सेकेंड का एक क्लिप शेयर किया और उसमें कही गई बात को कोट करते हुए लिखा,

'आज गांव, गरीब, मज़दूर और किसान दुखी हैं. गावों में अच्छे रोड नहीं, पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं, अच्छे अस्पताल नहीं, अच्छे स्कूल नहीं हैं- मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी'.

केंद्रीय मंत्री ने इंटरव्यू के दौरान ये बातें कहीं जरूर, लेकिन उनका संदर्भ कुछ और था. कांग्रेस ने इंटरव्यू का पहले वाला हिस्सा काट दिया जहां नितिन गडकरी ग्रामीण-शहरी प्रवास के बारे में बात कर रहे थे. उसके बाद उस हिस्से को भी काट दिया गया जहां उन्होंने किसानों के जीवन में सुधार के लिए NDA की कोशिशों के बारे में बात की. पूरा इंटरव्यू यहां देखें- 

Nitin Gadkari ने नोटिस में क्या कहा? 

आरोप है कि कांग्रेस ने नितिन गडकरी के इंटरव्यू को तोड़-मरोड़कर पेश किया जो कि असल में कही गई पूरी बात के कॉन्टेक्स्ट से अलग था. नोटिस में ये भी आरोप है कि कांग्रेस ने भ्रम, सनसनी और बदनामी पैदा करने और BJP पार्टी में दरार डालने के इरादे से इंटरव्यू के असली संदर्भ को छिपाने की कोशिश की. नितिन गडकरी ने जो कानूनी नोटिस भेजा है, उसमें लिखा है,

नितिन गडकरी के इंटरव्यू का पूरा कंटेंट जानने के बावजूद, जानबूझकर पूरी बातचीत को छिपाकर हिंदी कैप्शन के साथ वीडियो का एक क्लिप पोस्ट किया गया. ये केंद्रीय मंत्री की छवि को खराब करने के लिए जानबूझकर किया गया.

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मामले को लेकर कांग्रेस नेताओं से सोशल मीडिया पोस्ट हटाने और तीन दिनों के अंदर नितिन गडकरी से लिखित तौर पर माफी मांगने को कहा गया है. नोटिस में मेंशन किया गया है कि ऐसा नहीं किया गया तो उन पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जा सकता है.

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