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पंजाब में शौर्य चक्र विजेता टीचर की हत्या कनाडा के खालिस्तानी आतंकियों ने करवाई, NIA का बड़ा दावा

शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू की अक्टूबर, 2020 में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में NIA ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है.

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बलविंदर सिंह संधू की हत्या के मामले में NIA का हलफनामा (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
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नलिनी शर्मा

पंजाब में साल 2020 में एक शौर्य चक्र विजेता टीचर बलविंदर सिंह संधू की हत्या हुई थी. इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 16 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में एविडेविट फाइल किया है. NIA ने बताया है कि बलविंदर सिंह संधू की हत्या के मास्टरमाइंड कनाडा में रह रहे खालिस्तानी आतंकी थे. ये घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच को लेकर कनाडा और भारत के बीच संबंध खराब चल रहे हैं.

NIA ने संधू की हत्या में प्रतिबंधित आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) के कनाडा स्थित गुर्गों का नाम लिया है. बलविंदर सिंह संधू की अक्टूबर, 2020 में तरन तारन जिले के भिखीविंड में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. संधू को 1990 के दशक में राज्य में उग्रवाद के खिलाफ लड़ने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था.

संधू की हत्या के मामले में NIA ने 111 पन्नों का हलफनामा दायर किया है. इसके मुताबिक इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्हें कनाडा स्थित खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) से जुड़े लोगों ने संधू की हत्या का काम सौंपा था. इनमें KLF से जुड़े ​​सनी टोरंटो और मृतक खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के भतीजे लखवीर सिंह उर्फ ​​रोडे का नाम शामिल है.

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NIA की चार्जशीट में सनी टोरंटो और लखवीर सिंह दोनों को आरोपी बनाते हुए उन्हें भगोड़ा बताया गया है. एजेंसी ने कहा कि दोनों ने 'भारत में खालिस्तान विरोधी संस्थाओं' को खत्म करने की साजिश रची क्योंकि उनका मानना ​​था कि वे उन्हें निशाना बनाकर खालिस्तानी आंदोलन को फिर से चला सकते हैं.

NIA ने कहा कि सनी टोरंटो और लखवीर सिंह ने भारत में, खासकर पंजाब में आतंकवाद फैलाने के मकसद से हत्या को अंजाम देने के लिए सुखमीत पाल सिंह से संपर्क किया. जांच एजेंसी के मुताबिक सनी टोरंटो 2019 से पंजाब के रहने वाले इंद्रजीत सिंह उर्फ ​​इंदर के संपर्क में भी था. इंद्रजीत सिंह को खालिस्तानी विचारधारा के प्रति कट्टरपंथी बनाया गया. 

NIA ने अपने हलफनामे में लिखा है,

"खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) का मुख्य उद्देश्य सशस्त्र संघर्ष से खालिस्तान बनाना है."

एजेंसी ने आगे कहा कि KLF का मानना ​​है कि वे खास समुदाय को निशाना बनाकर पंजाब के समाज को सांप्रदायिक आधार पर बांटकर खालिस्तान आंदोलन को शुरू सकते हैं. हलफनामे में कहा गया है कि जरनैल सिंह भिंडरावाले की विचारधारा का विरोध करने वाले संगठन और व्यक्ति KLF के मुख्य टारगेट हैं. इसी संदर्भ में KLF ने कुछ खास समुदायों के लोगों को निशाना बनाने की साजिश को अंजाम दिया. NIA ने बताया कि बलविंदर सिंह संधू इसी साजिश का एक टारगेट बन गए.

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