Indian Cardinals in Vatican City: पोप फ्रांसिस के निधन (Pope Francis Death) के बाद कैथोलिक चर्च (Catholic Church) में नए पोप के लिए चुनाव होगा. चर्च के अगले लीडर का चुनाव करने के लिए 80 साल से कम उम्र के कुल 135 कार्डिनल वेटिकन सिटी के सिस्टिन चैपल (Sistine Chapel) में इकट्ठा होंगे. इनमें चार भारतीय कार्डिनल भी शामिल हैं, जो नए पोप के चुनाव में भारत के बढ़ते प्रभाव को दिखाते हैं. आइए जानते हैं कि ये कार्डिनल कौन होते हैं और नए पोप के इलेक्शन में उनकी क्या अहमियत है.
कौन होगा नया पोप? तय करने वालों में ये चार भारतीय कार्डिनल भी
New Pope of Vatican City: वेटिकन सिटी में Pope Francis के निधन के बाद अब नए पोप चुने जाएंगे. इसके लिए वोटिंग होगी, जिसमें 4 भारतीय Cardinals भी वोट डालेंगे. आइए इन चारों के बारे में जानते हैं.

कार्डिनल कैथोलिक चर्च के सीनियर लीडर होते हैं. ये पोप को सलाह देते हैं और चर्च के अहम फैसले लेने में मदद करते हैं. कार्डिनल अपनी जिम्मेदारी से चर्च की दिशा तय करते हैं. सबसे अहम बात ये है कि जब होली सी (Holy See) में पोप का पद खाली हो जाता है, तो कार्डिनल नए पोप का चुनाव करते हैं. कार्डिनल का चुनाव और उनका वोट बहुत अहम होता है, क्योंकि इनसे ही चर्च का भविष्य तय होता है.
आइए उन चार भारतीय कार्डिनल के बारे में जानते हैं, जो वोट करेंगे.
1. कार्डिनल फिलिप नेरी फेराओ (उम्र 72)
गोवा और दमन के आर्कबिशप कार्डिनल फिलिप नेरी फेराओ 'कॉन्फ्रेंस ऑफ कैथोलिक बिशप्स ऑफ इंडिया' और 'फेडरेशन ऑफ एशियन बिशप्स कॉन्फ्रेंस' के भी अध्यक्ष हैं. उन्हें ईस्ट इंडीज के सातवें पैट्रिआर्क के तौर पर जाना जाता है.

कार्डिनल फेराओ प्रवासियों के अधिकारों की रक्षा करने और पर्यावरण की रक्षा के लिए काम करते रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने चर्च में अंतर्धार्मिक संवाद और सामाजिक न्याय को बढ़ावा दिया है.
2. कार्डिनल बेसिलियोस क्लीमिस (उम्र 64)
इसहाक थोट्टुमकल के तौर पर जन्मे कार्डिनल क्लीमिस त्रिवेंद्रम में मौजूद सिरो-मलंकरा कैथोलिक चर्च के प्रमुख आर्कबिशप-कैथोलिकोस हैं. अपने चर्च की धर्मसभा के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने कई सालों तक इसकी आध्यात्मिक यात्रा का नेतृत्व किया है.

वे 2001 में बिशप बने और 2012 में कार्डिनल्स कॉलेज में शामिल हुए. उन्होंने सिरो-मलंकरा समुदाय की परंपराओं और शिक्षा को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है.
3. कार्डिनल एंथनी पूला (उम्र 63)
हैदराबाद के आर्कबिशप कार्डिनल एंथनी पूला भारत के पहले दलित कार्डिनल हैं. यह एक ऐतिहासिक घटना थी, क्योंकि इससे चर्च में समानता और दलितों के उत्थान का संदेश गया.

उनकी अपॉइंटमेंट को बराबरी की दिशा में एक अहम कदम माना जाता है. वेटिकन के प्रवक्ता कहते हैं कि उनका उत्थान जाति-आधारित भेदभाव का सामना करने वालों के लिए आशा और प्रगति का प्रतीक है.
4. कार्डिनल जॉर्ज जैकब कूवाकड (उम्र 51)
कार्डिनल जॉर्ज कूवाकड वेटिकन के अंतर्धार्मिक संवाद के लिए डिकास्टरी के प्रमुख हैं. उनका नाम सबसे युवा कार्डिनल में शामिल है. वे अलग-अलग धर्मों के बीच समझ बनाने और शांति की कोशिश करते हैं.

रोम में सेंट एंटोनियो डि पाडोवा के सिर्कोनवलाजियोन अप्पिया के कार्डिनल-डीकन के तौर पर वे अपने नए नजरिए के लिए जाने जाते हैं. ऑब्जर्वर्स का कहना है कि वे चर्च लीडरशिप की नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं.
धुंआ बताएगा नए पोप चुने गएजैसे ही Papal Conclave शुरू होगा, दुनिया का ध्यान वेटिकन सिटी की सिस्टिन चैपल की ओर होगा. इस प्रक्रिया के दौरान काले धुएं का मतलब होगा कि नया पोप नहीं चुना गया, जबकि सफेद धुआं यह बताएगा कि नया पोप चुन लिया गया है. जैसे ही नए पोप चुने जाएंगे, वे अपनी भूमिका स्वीकार करेंगे.
जब सिस्टिन चैपल में धुआं उठेगा, तो ना केवल वेटिकन, बल्कि भारत और पूरी दुनिया की नजरें उस पर होंगी, क्योंकि यह ना केवल चर्च का भविष्य तय करेगा, बल्कि दुनिया भर के लाखों कैथोलिकों के जीवन को भी प्रभावित करेगा.
वीडियो: दुनियादारी: कैसे होगा अगले पोप का चुनाव? क्या है पोप का इतिहास?