The Lallantop

G20 Summit: क्या है नई दिल्ली डेक्लेरेशन, यूक्रेन मुद्दे पर अमेरिका के सामने रूस को क्लीन चिट?

नई दिल्ली डेक्लेरेशन की अहम बातें जान लीजिये.

post-main-image
नई दिल्ली डेक्लेरेशन क्या है? (साभार - पीटीआई)

दिल्ली में आयोजित G20 Summit में नई दिल्ली घोषणा पत्र (New Delhi Declaration) पर सभी देशों की सहमति बन गई है. इस बात की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी. इस डेक्लेरेशन में टिकाऊ भविष्य और बहुपक्षवाद पर बात की गई है. साथ ही यूक्रेन में बीते एक साल से चल रहे युद्ध का मुद्दा भी उठाया गया. पीएम मोदी ने डेक्लेरेशन पर सहमति बनने पर केंद्रीय मंत्रियों और शेरपा को बधाई भी दी.

प्रधानमंत्री मोदी ने एक वीडियो ट्वीट किया. इसमें उन्होंने कहा,

"हमारी टीम के हार्ड वर्क से और आप सभी के सहयोग से नई दिल्ली जी20 लीडर्स घोषणा पत्र पर आम सहमति बन गई है.

"मेरा प्रस्ताव है कि इस लीडर्स डेक्लेरेशन को भी एडॉप्ट किया जाए. मैं इस डेक्लेरेशन को एडॉप्ट करने की घोषणा करता हूं. इस अवसर पर मैं हमारे मंत्रीगण, शेरपा और सभी अधिकारियों का हृदय से अभिनंदन करता हूं. जिन्होंने अथाह परिश्रम करके इसे सार्थक किया है."

डेक्लेरेशन में क्या है?

डेक्लेरेशन के पांच मुख्य स्तंभ हैं:

- मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास (Strong, Sustainable, Balanced, and Inclusive Growth) 

- सतत विकास के लक्ष्यों (SDG) पर प्रगति में तेजी लाना (Accelerating Progress on #SDGs) 

- टिकाऊ भविष्य के लिए हरित विकास समझौता (Green Development Pact for a Sustainable Future) 

- 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान (Multilateral Institutions for the 21st Century) 

- बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करना (Reinvigorating Multilateralism)

यूक्रेन युद्ध पर क्या?

इस डेक्लेरेशन में रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बात की गई है. हालांकि डेक्लेरेशन में रूस का जिक्र नहीं किया गया है. अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक डेक्लेरेशन में लिखा है,

- यूक्रेन में जारी युद्ध के संबंध में बात की जाए तो हर देश को संयुक्त राष्ट्र (UN) चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप काम करना चाहिए.

- सभी देशों को किसी भी अन्य देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ अधिग्रहण की धमकी या बल के उपयोग से बचना चाहिए.

- यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में परमाणु हथियार का इस्तेमाल या इसकी धमकी देना गलत है.

इस घोषणापत्र में ये भी माना गया कि यूक्रेन युद्ध पर अलग-अलग देशों का अलग-अलग नजरिया है. डेक्लेरेशन में एक और जरूरी बात जोड़ी गई है. रूस और यूक्रेन दोनों से अनाज, खाद्य पदार्थों और उर्वरकों (fertilizers) की तत्काल और बिना बाधा के डिलिवरी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. डेक्लेरेशन में साफ कहा गया कि आज का दौर युद्ध का दौर नहीं होना चाहिए.

और कौन-कौन से मुद्दों पर हुई घोषणा?

बता दें, इन बड़े मुद्दों के अलावा इस 37 पन्ने के डेक्लेरेशन में और भी मुद्दों पर बात की गई हैं. इनमें से कुछ अहम मुद्दे हैं - 

  • भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस
  • दुनियाभर से भूखमरी को मिटाना
  • ग्लोबल हेल्थ
  • अच्छी शिक्षा
  • ब्लू इकोनॉमी का सही इस्तेमाल
  • प्लास्टिक से हो रहे प्रदूषण को रोकना
  • जेंडर इक्वालिटी और विमेन इंपावरमेंट
  • आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग से लड़ाई 

ये पूरा डेक्लेरेशन आप यहां पढ़ सकते हैं.

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि इस डेक्लेरेशन से पहले 125 देशों की राय ली गई है. ताकि इसमें ‘ग्लोबल साउथ’ की बात रखी जा सके.

पीएम मोदी ने ये घोषणा G20 के दूसरे सेशन के दौरान की, जिसका नाम 'वन फैमिली' था. ये सत्र दोपहर 3 बजे से शुरू हुआ था. शनिवार, 9 सितंबर की शाम 7 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक डिनर आयोजित किया है, जहां सभी राष्ट्राध्यक्ष मुलाक़ात करेंगे. इनके बीच रात 8 बजे से 9.15 बजे तक बातचीत होनी है.

ये भी पढ़ें - G20 का नाम भी बदल जाएगा, PM मोदी के एलान से हुआ साफ़

वीडियो: G20 समिट के पोस्टर पर PM मोदी, कांग्रेस-BJP में क्यों छिड़ी बहस?