HBO ने जो किया है वो नेटफ्लिक्स को बहुत पहले सऊदी अरब के खूनी प्रिंस के साथ करना चाहिये था
जिस पर शर्म करनी चाहिए, उस हरकत पर लगातार लीपापोती कर रहा है नेटफ्लिक्स.
साल 2019 की शुरुआत में (पहले ही हफ़्ते में) नेटफ्लिक्स ने एक बहुत बड़ा कदम उठाया था. हसन मिन्हाज के शो 'द पेट्रियट ऐक्ट' के एक एपिसोड को उन्होंने सऊदी अरब में हटा दिया. ये एपिसोड सऊदी अरब में चल रही गड़बड़ियों को उजागर कर रहा था. नेटफ्लिक्स ने कहा कि उन्होंने ऐसा सऊदी अरब की रिक्वेस्ट पर किया. आपको बता दें कि हसन मिन्हाज ने इस एपिसोड में सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद के इशारे पर द वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बारे में बात की थी. इसके साथ ही देश के प्रिंस की उस छवि को भी तोड़ने की कोशिश की जिसके अनुसार मोहम्मद बिन सलमान अरब के बहुत बड़े सुधारक हैं. 6 नवम्बर को न्यू यॉर्क में एक कॉन्फ्रेंस में नेटफ्लिक्स के सीईओ रीड हेस्टिंग्स मौजूद थे. उन्होंने इस मौके पर नेटफ्लिक्स के हसन मिन्हाज के सऊदी अरब वाले एपिसोड को सऊदी अरब में न दिखाने के फ़ैसले को डिफेंड किया. उनका कहना था कि नेटफ्लिक्स एंटरटेनमेंट के बिज़नेस में है, न कि ख़बरों के बिज़नेस में. और ऐसे में उनके अनुसार सऊदी अरब की रिक्वेस्ट पर नेटफ्लिक्स से उस एपिसोड को हटा देने में उन्हें कोई खराबी नहीं लगती. हेस्टिंग्स ने इस बात पर ज़ोर दिया कि उस एक एपिसोड को सऊदी प्रिंस के इशारे पर हटाना कहीं से भी बुरी सेंसरशिप का हिस्सा नहीं कहलाया जा सकता. साल 2018 में 2 अक्टूबर को जमाल खशोगी इस्तानबुल स्थित सऊदी दूतावास में घुसे तो थे लेकिन कभी भी बाहर नहीं निकले. बाद में मालूम पड़ा था कि दूतावास के अंदर ही खशोगी को मार दिया गया था और उनके शरीर के टुकड़े कर दिए गए थे. इन टुकड़ों को एसिड से गलाया गया और खशोगी की लाश तक नहीं मिली. जब उन्हें मारा जा रहा था, तब दूतावास के बाहर खशोगी की मंगेतर खड़ी उनका इंतज़ार कर रही थीं. सीआईए ने बाद में ये साफ़ किया था कि खशोगी की हत्या सऊदी अरब के प्रिंस मोहमम्द बिन सलमान के इशारे पर ही की गयी थी. रीड हेस्टिंग्स के दिए गए बयान के 4 दिन बाद कुछ ऐसा हुआ जिससे असल में नेटफ्लिक्स को सीख लेनी चाहिए. उन्हें आईना दिखाने का और एक बहुत बड़ा बार सेट करने का काम किया HBO सेटेलाइट नेटवर्क ने. HBO का एक शो है 'लास्ट वीक टुनाइट' (Last Week Tonight) जिसके होस्ट हैं जॉन ओलिवर. जॉन ने लगभग 2 साल पहले, जून 2017 में एक शो किया था जिसमें कोयला खदानों के मालिक बॉब मरे को निशाना बनाया था. उन्होंने अमेरिका में कोयला खदानों को लेकर बनी पॉलिसीज़ की जमकर आलोचना की थी और साथ ही बॉब मरे और उनकी कंपनी को भी आड़े हाथों लिया था. HBO ने ये शो बॉब मरे की कंपनी मरे एनर्जी कॉरपोरेशन की मुकदमा करने की धमकी के बावजूद टेलीकास्ट किया. इस एपिसोड के बाद HBO को मुकदमा झेलना भी पड़ा जिसमें उन्हें लगभग 2 लाख डॉलर खर्च करने पड़े. HBO ने दो साल में ये मुकदमा जीता. और बीते इतवार यानी 10 नवम्बर को 'लास्ट वीक टुनाइट' के एक और एपिसोड में एक दफ़ा फिर से बॉब मरे को निशाना बनाया. इस बार उनका टॉपिक था - मानहानि के मुकदमे और अमरीका में उससे जुड़े हुए नियम. इस एपिसोड में जॉन ओलिवर ने न केवल बॉब मरे और उनके HBO पर किये गए मुकदमे को जी भर लताड़ा बल्कि मरे पर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों को भी उजागर किया. और ये सब उन्होंने तब किया जब शो से कुछ ही दिन पहले सभी आरोपों पर बयान देने के लिए बॉब मरे से संपर्क किया गया तो जवाब में HBO को एक और मुकदमे की धमकी मिली थी. नेटफ्लिक्स को HBO की इस 'हरकत' से सीख लेनी चाहिये. नेटफ्लिक्स अगर खुद को एंटरटेनमेंट वाली जमात का हिस्सा मानता है तो HBO भी उससे कोई ख़ास अलग नहीं है. एक ऐसे समय में जब अमरीका की सबसे बड़ी जांच एजेंसी ये दावा करती है कि अमुक इंसान ने किसी का क़त्ल करवाया है और नेटफ्लिक्स उसी आरोपी की 'रिक्वेस्ट' पर वो एपिसोड पूरे देश में ड्रॉप कर देता है तो ये सन्देश पूरी दुनिया में जाता है कि इंसानियत पैसे और डर के आगे घुटने टेकने में देर नहीं लगाती. नेटफ्लिक्स जैसे प्लेटफॉर्म्स पूरी दुनिया को सशक्त करने का काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसपर मौजूद डाक्यूमेंट्रीज़ लोगों को देश-दुनिया के बारे में बताती हैं. उन्हें ये समझाती हैं कि इस दुनिया को कैसे खोखला किया जा रहा है और इसे रोकने के लिए हम क्या-क्या कदम उठा सकते हैं. ऐसे में इस कम्पनी का सीईओ अगर खुद अपनी ही छवि पर कीचड़ मलते हुए ये कहने लगे कि हम तो बस मन का रंजन करने के लिए मैदान में उतरे हैं तो इतना सारा कॉन्टेंट कंज्यूम करने वाले खुद को ठगा हुआ पायेंगे. और यहीं पर HBO सारे नंबर कमा ले जाता है.