नेपाल में जोरदार बारिश के बाद आई बाढ़ और भूस्खलन से तबाही मची है (Nepal Rain Floods Landslide). अब तक वहां कम से कम 112 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा लोग घायल हैं. करीब 68 लोग लापता हैं. एक पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि देश में बाढ़ और भूस्खलन की 200 घटनाएं सामने आई हैं. ये संख्या और बढ़ने की आशंका है.
नेपाल में बारिश ने 54 साल का रिकॉर्ड तोडा, ऐसी भयंकर बाढ़ आई, 112 की मौत, 68 लोग लापता
Nepal Floods: 27 सितंबर को शुरू हुई भारी बारिश ने नेपाल में 54 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. महज 24 घंटों के अंदर 323 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. कई जगहें भूस्खलन और बाढ़ में बसें और कारें फंस गई हैं, बड़े स्तर पर तबाही मची हुई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 27 सितंबर को शुरू हुई भारी बारिश 28 सितंबर को जाकर कुछ धीमी हुई. इस बारिश ने नेपाल में 54 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. महज 24 घंटों के अंदर 323 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. 29 सितंबर की सुबह मौसम में सुधार होने के बाद बचाव कार्य तेज किए गए हैं.
कितना नुकसान हुआ?-राजधानी काठमांडू के आसपास की नदियां उफान पर हैं जिससे आस-पास के घर पानी में डूब चुके हैं. काठमांडू की मुख्य नदी बागमती भी भारी बारिश के बाद खतरे के निशान को पार कर गई है.
-काठमांडू जा रही दो बसें हाईवे पर हुए भूस्खलन की चपेट में आ गईं. मौके से 14 लोगों के शव बरामद किए गए. खबर है कि एक अन्य बस और कुछ वाहन भी उस जगह पर दब गए. कर्मचारी चट्टानों और कीचड़ में खुदाई करके लोगों को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं.
- इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रबंधन प्राधिकरण (NDRRMA) के मुताबिक, बचाव कार्यों में मदद के लिए हेलीकॉप्टरों और मोटरबोटों के साथ 3,000 से ज्यादा सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है. बारिश से जुड़ी आपदाओं के चलते 4 लाख 12 हजार घरों के प्रभावित होने की आशंका है.
-बाढ़ के चलते कई हाईवे बंद हो गए हैं. काठमांडू को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले प्रमुख पृथ्वी राजमार्ग समेत तीन राजमार्ग भूस्खलन के चलते ब्लॉक हो गए हैं. सड़कों से मलबा हटाने के लिए भारी उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
-बारिश से प्रभावित जनता के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. कहीं लोग इमारतों की छतों पर खड़े हैं तो कहीं सुरक्षित जगह पर पहुंचने के लिए गंदे पानी से गुजर रहे हैं.
-पुलिस के मुताबिक, 28 सितंबर की शाम तक देशभर के 44 जिलों में बाढ़ और भूस्खलन से नुकसान हुआ है. इनमें 39 जिलों की सड़कें पूरी तरह से ब्लॉक हो गई हैं.
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नेपाल सरकार में पर्यावरण आपदाओं से जुड़े मामलों के अधिकारी अरुण भक्त श्रेष्ठ ने रॉयटर्स को बताया कि उन्होंने काठमांडू में इस पैमाने पर बाढ़ पहले कभी नहीं देखी. कहा कि शहरीकरण को कोशिशों, पानी के रास्तों पर निर्माण, पानी रोकने के लिए बांधों की कमी और बागमती नदी पर अतिक्रमण के चलते बारिश का असर बढ़ गया है.
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