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ना लाइटर ना माचिस लड़के ने हाथ की उंगली से गैस जला दी, Video Viral हो गया

लड़के ने जो तकनीक अपनाई है, वो आपको घर पर ट्राय नहीं करना है.

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एक ने लिखा कि ये टेक्नोलॉजी यहां से बाहर नहीं जानी चाहिए (फ़ोटो/सोशल मीडिया)

सोशल मीडिया पर रोज़ कुछ नया वायरल होता है. इससे लोग फ़ेमस होते हैं. उनका टैलेंट सामने आता है, उभरकर. लोग उस टैलेंट से इंस्पायर होकर खुद भी कुछ करने लगते हैं. लेकिन आगे हम जिस टैलेंट की बात करेंगे, वो आपको घर पर नहीं करना है. एक लड़के ने बिना लाइटर, माचिस के गैस का चूल्हा जला दिया. वो भी अपनी उंगलियों से.

वायरल वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर @Madan_Chikna नाम के यूजर ने 11 जनवरी को शेयर किया था. वीडियो में दिख रहा है कि एक लड़का कुर्सी पर बैठा है. गैस के चूल्हे के पास. उसने अपनी उंगली बर्नर के पास रखी हुई है. बर्नर चालू है. तभी वीडियो में एक दूसरा लड़का आता है. कुर्सी पर बैठे लड़के के सिर पर कंबल डालता है. और झट से हटाता है. इतने में गैस चालू हो जाती है. मतलब आग लग जाती है. वीडियो शेयर करते हुए यूजर ने लिखा, 

"लड़के ने स्टैटिक एनर्जी पैदा करके गैस स्टोव जला लिया.
सचमुच, भारत नौसिखियों के लिए नहीं है."

इस पोस्ट पर मुकेश नाम के एक यूजर ने कॉमेंट किया. उन्होंने लाइटर के बारे में लिखा कि लाइटर अब ऐसा सोच रहा होगा, 

"मैं क्या करूं फिर?
जॉब छोड़ दूं?"

तक्षित वशिष्ठ नाम के यूजर ने लिखा, 

“ये टेक्नोलॉजी यहां से बाहर नहीं जानी चाहिए.”

अनु नाम की यूजर ने लिखा, 

“मुझे सिर्फ गंदी स्टोव दिख रही है. जिसे साफ़ करने की जरूरत है.”

राहुल नाम के यूजर ने लिखा, 

“फिजिक्स की क्लास में सबसे आगे बैठने वाला बच्चा.”

स्टैटिक एनर्जी क्या होती है? 

कुछ यूजर्स ने कॉमेंट्स में पूछा कि ये कैसे हुआ. तो उसका जवाब है स्टैटिक एनर्जी. ये तो हमें पता ही है कि चुंबक के विपरीत पोल्स एक दूसरे को अट्रैक्ट करते हैं और सेम पोल्स एक दूसरे से दूर भागते हैं. ऐसा ही कुछ चार्ज के मामले में होता है. चार्ज दो तरह का होता है पॉजिटिव और नेगेटिव. अगर इलेक्ट्रॉन की संख्या प्रोटॉन से ज़्यादा हो जाएगी तो नेगेटिव चार्ज आता है. इस वीडियो में आदमी के ऊपर कंबल रगड़ने से आदमी और नेगेटिव चार्ज हो जाता है, और आमतौर पर मेटल की चीज़ों पर पॉजिटिव चार्ज होता है. यानी मेटल की चीज़ों में इलेक्ट्रान की संख्या प्रोटॉन से कम होती है. क्योंकि दोनों चार्ज विपरीत हैं, इस वजह से आदमी से मेटल वाले बर्नर में इलेक्ट्रॉन ट्रांसफर हुए और इस वजह से चिंगारी निकली. इस चिंगारी को स्टैटिक स्पार्क कहते है. चूंकि बर्नर ऑन था, इसलिए गैस निकल रही थी और चिंगारी की वजह से आग जलने लगी.

या फिर इसे ऐसे भी समझ सकते हैं-

लड़का कुर्सी पर बैठा हुआ है. जो उसे ज़मीन से अलग रखती है. और एक लड़का उसके बालों पर से कंबल खींच रहा है. वीडियो में दावा है कि ऐसा करने से लड़के पर इतना चार्ज डेवलप हुआ कि उसकी उंगली से निकली चिंगारी ने गैस जला दी. स्टैटिक चार्ज तब डेवलप होता है, जब एक तरह का चार्ज (पॉजिटिव या नेगेटिव) जमा हो जाए. चार्ज जमा होगा तो वो ग्राउंड में जाने का रास्ता खोजेगा. जैसे ही कोई बॉडी उसे अर्थ तक का रास्ता देगी (जैसा किसी ने आपको छू लिया) तो इकठ्ठा हुआ चार्ज एक झटके में अर्थ की और भागेगा. इस दौरान एक पल के लिए बहुत बड़ा वोल्टेज पैदा होता है. इसके चलते आर्किंग होती है. इसी आर्किंग के वक्त हवा गरम हो जाती है और तभी आपको चिंगारी दिखती है. 

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