नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 4 जून को NEET-UG परीक्षा का रिजल्ट जारी किया (NEET UG Result Controversy). पता चला कि 67 बच्चों ने एग्जाम टॉप किया है. उन सभी के 720 में से 720 नंबर आए थे. ये पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के फुल मार्क्स आए हों. मामले को लेकर NTA पर कई सवाल खड़े हुए. अब NTA ने सफाई दी है. मामला फिजिक्स के एक गलत सवाल से जुड़ा है.
NEET UG में इस 'गड़बड़' के चलते बन गए 67 बच्चे टॉपर, अधिकारी ने सब बता दिया!
NTA अधिकारी ने कहा कि इस साल पेपर तुलनात्मक रूप से आसान था. खबर है कि फुल मार्क्स पाने वाले 67 में से 44 छात्रों को एक गलत सवाल के लिए बाद में अलग से 'ग्रेस मार्क्स' दिए गए. क्यों?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, फुल मार्क्स पाने वाले 67 में से 44 छात्रों को एक गलत सवाल के लिए बाद में अलग से ‘ग्रेस मार्क्स’ दिए गए. उनका गलत जवाब पुरानी वाली क्लास 12 की NCERT बुक में एक गलत संदर्भ पर आधारित था.
क्या सवाल था?सवाल में दो स्टेटमेंट दिए गए थे. छात्रों को जवाब देना था कि उनमें से कौन सा सही और कौन सा गलत है. इसके लिए चार ऑप्शन दिए गए.
पहला स्टेटमेंट- एटम्स विद्युत रूप से न्यूट्रल होते हैं क्योंकि उनमें पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज समान संख्या में होते हैं.
दूसरा स्टेटमेंट- हर एलिमेंट के एटम स्टेबल होते हैं और अपने विशिष्ट स्पेक्ट्रम का उत्सर्जन करते हैं.
1- पहला सही लेकिन दूसरा गलत
2- पहला गलत लेकिन दूसरा सही
3- दोनों सही
4- दोनों गलत
छात्रों ने अपनी-अपनी समझ ने जवाब लिखे.
29 मई को NTA ने आंसर शीट जारी की. उसमें सवाल का सही जवाब था ऑप्शन 1. इसके बाद छात्रों के बीच बवाल मच गया. 10 हजार से ज्यादा उम्मीदवारों ने क्लास 12 की पुरानी वाली NCERT टेक्स्टबुक का हवाला देते हुए आंसर को चैलेंज किया. कहा कि पुरानी किताब के हिसाब से ऑप्शन 3 सही है.
पुरानी बुक में लिखा था कि ‘हर एलिमेंट के एटम स्टेबल होते हैं’. इस हिसाब से ऑप्शन 3 सही हो गया. नई बुक के हिसाब से ‘ज्यादातर एलिमेंट के एटम स्टेबल होते हैं’ और यही सही है.
NTA ने क्या कहा?NTA के एक अधिकारी ने जानकारी दी,
हम सभी उम्मीदवारों को नीट की तैयारी के लिए केवल NCERT किताबों से तैयारी करने की सलाह देते हैं इसलिए हमने उन सभी उम्मीदवारों को क्रेडिट देने का फैसला किया है जिन्होंने तीसरा ऑप्शन चुना.भारत में सदियों से बड़े भाई-बहन अपनी किताबें अपने छोटे भाई-बहनों को देते रहे हैं और इसमें कोई बुराई नहीं है. हम सबने ये किया है. NTA छात्रों को नई किताबें खरीदने के लिए भी नहीं कह सकता क्योंकि ये हर किसी के लिए आसान नहीं हो सकता है. हम एक बैठक करेंगे और ऐसी स्थिति के लिए उचित प्रोटोकॉल बनाएंगे.
NTA ने उन सभी छात्रों को 5 मार्क्स दिए जिन्होंने तीसरे ऑप्शन को चुना. इस वजह से कुल 44 छात्रों के अंक 715 से बढ़कर 720 हो गए जिससे टॉपर्स की संख्या बढ़ गई. अधिकारी ने साफ किया,
67 छात्रों को पहली रैंक दी गई है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि सभी 67 को एम्स में प्रवेश मिलेगा. हमारी टाई-ब्रेकर नीति है. उसके हिसाब से AIR 1 हासिल करने वाले हर छात्र को गणना की गई मेरिट सूची में उनकी वास्तविक स्थिति दिखाई देगी. छात्र के स्कोर कार्ड में उस विवरण का उल्लेख होता है.
ज्यादा टॉपर्स निकलने की अन्य वजह बताते हुए NTA अधिकारी ने कहा कि इस साल पेपर तुलनात्मक रूप से आसान था और रजिस्ट्रेशन की संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिली.
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बता दें, 2019 और 2020 में NEET UG में एक-एक टॉपर रहे. फिर 2021 में तीन, 2022 में एक और पिछले साल दो छात्रों ने परीक्षा टॉप की थी.
टाई ब्रेकर का नया नियम!दैनिक भास्कर से जुड़े दीपक आनंद की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले टाईब्रेकर का हल सात पैरामीटर्स के आधार पर तय किया जाता था लेकिन इस बार इसमें एक नया पैरामीटर जोड़ दिया गया. एप्लीकेशन नंबर वाला पैरामीटर. यानी जिस छात्र ने पहले एप्लीकेशन फॉर्म भरा उसे प्रेफेरेंस मिलेगी. इस नए नियम का जिक्र NTA ने रिजल्ट जारी करते वक्त किया. इस पर भी सवाल उठ रहे हैं. कहा जा रहा है कि ये प्रावधान नीट के इंफॉर्मेशन ब्रॉशर में शामिल किया जाना चाहिए था ताकि छात्र पहले अप्लाय कर पाते.
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