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NEET पेपर लीक मामले में CBI ने ‘मास्टरमाइंड’ के क़रीबी को किया गिरफ़्तार, झारखंड में सॉल्वर्स के जुगाड़ का ज़िम्मेदार

Patna NEET Paper Leak case arrests : CBI ने अमन सिंह को झारखंड के धनबाद से गिरफ़्तार किया है. अमन सिंह पेपर लीक कांड में फरार रॉकी का ख़ास आदमी है. रॉकी संजीव मुखिया का भांजा है. वो रांची में होटल कारोबार से जुड़ा बताया जाता है.

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झारखंड के धनबाद से गिरफ़्तारी हुई है. (फ़ोटो - इंडिया टुडे/PTI)

NEET पेपर लीक (NEET Paper Leak case update) मामले को लेकर गिरफ़्तारियां जारी हैं. संजीव मुखिया को पटना में हुए पेपर लीक का ‘मास्टरमाइंड’ बताया जाता है. ख़बर है कि संजीव मुखिया के क़रीबी चिंटू और मुकेश से जानकारी मिलने के बाद CBI ने अमन सिंह को गिरफ़्तार कर लिया है. अमन सिंह की गिरफ़्तारी झारखंड के धनबाद से हुई है (Aman Singh arrested in Jharkhand). बताया जा रहा है कि अमन सिंह पेपर लीक कांड में फरार रॉकी का ख़ास आदमी है. रॉकी संजीव मुखिया का भांजा है. वो रांची में होटल कारोबार से जुड़ा बताया जाता है.

बताया जाता है कि रॉकी झारखंड में संजीव मुखिया गिरोह का ख़ास आदमी है. रॉकी के पास NEET पेपर लीक के बाद, उसके जवाब तैयार करने के लिए सॉल्वर्स के जुगाड की ज़िम्मेदारी थी. आजतक से जुड़े शशि भूषण की रिपोर्ट के मुताबिक़, रॉकी ने ही रांची और पटना के MBBS स्टूडेंट्स को सॉल्वर्स के तौर पर इस्तेमाल किया. अमन सिंह की गिरफ़्तारी से रॉकी को लेकर जानकारी मिलने की संभावनाएं जताई जा रही हैं. साथ ही, अमन सिंह सॉल्वर्स को लेकर भी खुलासा कर सकता है. CBI संजीव मुखिया के करेंट लोकेशन को लेकर भी अमन सिंह से पूछताछ करेगी.

बताया जा रहा है कि अमन सिंह को पूछताछ के लिए पटना भी लाया जा सकता है. इस बीच CBI ने इस मामले में जिन आरोपियों को रिमांड पर लिया है, उनके रिमांड की समय सीमा 4 जुलाई को ख़त्म होने वाली है.

प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और पत्रकार गिरफ़्तार

इस मामले में बीते दिनों झारखंड के एक स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को भी गिरफ़्तार किया गया था. वहीं, CBI ने हजारीबाग के एक पत्रकार को भी दो लोगों की मदद करने के आरोप में गिरफ़्तार किया था. इससे पहले भी बिहार के नालंदा जिले के ‘सॉल्वर गिरोह’ के 5 लोगों को पकड़ा गया था.

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कौन है संजीव मुखिया?

संजीव मुखिया को ‘सॉल्वर गैंग’ का प्रमुख बताया जा रहा है. वो नालंदा का रहने वाला है. संजीव का गिरोह बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और गुजरात के साथ कई दूसरे राज्यों में फैला है. संजीव मुखिया का नाम UP कॉन्स्टेबल समेत कई दूसरे पेपर लीक मामलों में भी आ चुका है. उसकी पत्नी ममता देवी 2016 से 2021 तक नालंदा के भुतखार पंचायत की मुखिया रह चुकी हैं. इसी कारण संजीव को लोग ‘मुखिया’ कहते हैं. इंडिया टुडे के सूत्रों के मुताबिक़, संजीव अपने गिरोह को किसी फर्म या कंपनी की तरह चलाता है. वो इसके लिए कई लोगों को सैलरी पर रखा है. नालंदा और पटना जिले में संजीव मुखिया के क़रीब 30 पेड कर्मचारी हैं. इसके लिए उसने अपने क़रीबियों को बाइक भी दे रखी थी.

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