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कौन हैं नयनार नागेंद्रन जिन्हें तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए BJP ने अन्नामलाई की छुट्टी कर दी?

नयनार नागेंद्रन इससे पहले तमिलनाडु में पार्टी के वाइस प्रेसिडेंट की भूमिका में थे. अन्नामलाई ने उनके नाम का प्रस्ताव किया और बाकी नेताओं ने अनुमोदन किया. इस तरह अन्नामलाई से तमिलनाडु की जिम्मेदारी नयनार को सौंप दी गईं.

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गृह मंत्री अमित शाह के साथ के साथ नयनार नागेंद्रन. (X-@NainarBJP)

नयनार नागेंद्रन तमिलनाडु में बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष होंगे. इसके लिए कोई चुनाव नहीं हुआ. आजतक के पॉलिटिकल एडिटर हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने उनके नाम का प्रस्ताव किया और बाकी नेताओं ने अनुमोदन किया. इस तरह अन्नामलाई से तमिलनाडु की जिम्मेदारी नयनार को सौंप दी गई.

कौन हैं नयनार नागेंद्रन?

नयनार नागेंद्रन इससे पहले तमिलनाडु में पार्टी के वाइस प्रेसिडेंट की भूमिका में थे. वे पहली बार 2001 में तमिलनाडु विधानसभा के लिए तिरुनेलवेली सीट से AIADMK (अन्नाद्रमुक) उम्मीदवार के रूप में चुने गए थे. 2001 से 2006 के बीच पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के नेतृत्व में AIADMK सत्ता में थी. जयललिता की इस सरकार में नागेंद्रन को मंत्री बनाया गया और परिवहन, उद्योग और बिजली जैसे अहम विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. 2011 में वे उसी सीट से दोबारा चुने गए, जयललिता की पार्टी फिर से सत्ता में आई, लेकिन इस बार नागेंद्रन को मंत्री पद नहीं मिला.

2016 में जयललिता के निधन के कुछ महीनों बाद नागेंद्रन ने BJP जॉइन कर ली. 2021 में वे एक बार फिर उसी सीट से बीजेपी कैंडिडेट के तौर पर चुने गए और उन्हें तमिलनाडु विधानसभा में बीजेपी विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया. उन्होंने 2019 और 2024 में लोकसभा चुनाव भी लड़ा. 2019 में उन्होंने रामनाथपुरम और 2024 में तिरुनेलवेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

अन्नामलाई की रुख्सती

4 अप्रैल को ही अन्नामलाई ने इस बात को साफ कर दिया था कि तमिलनाडु में बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने वाला है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वे प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में नहीं हैं. बीते कुछ दिनों से बीजेपी और AIADMK के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा तेज है. हाल ही में पलानीस्वामी (EPS) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच दिल्ली में बैठक हुई थी. इस मीटिंग के बाद NDTV ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि अन्नाद्रमुक महासचिव एके. पलानीस्वामी ने अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन करने के लिए अन्नामलाई को प्रदेश अध्यक्ष पद हटाने की शर्त रखी थी.

अमित शाह और पलानीस्वामी की मीटिंग के बाद से द्रविड़ पार्टियों के साथ गठबंधन की मुखालफत करने वाले अन्नामलाई के सुर बदले-बदले से नज़र आने लगे थे. सूत्र बताते हैं कि आलाकमान ने उन्हें इस बारे में सूचित कर दिया था कि वह आगे प्रदेश अध्यक्ष नहीं होंगे. हालांकि, इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले समय में अन्नामलाई पार्टी या केंद्र सरकार में बड़ी भूमिका में नज़र आ सकते हैं. और नयनार के प्रदेश अध्यक्ष बनने से AIADMK  के साथ बीजेपी के गठबंधन की प्रक्रिया भी तेज़ सकती है.

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